Friday, August 4, 2023

रोजाना वाकिआत / *परम गुरु हुज़ूर साहबजी महाराज।*

 .             *रा-धा-स्व-आ-मी*

              *रोजाना वाकिआत*

  *परम गुरु हुज़ूर साहबजी महाराज।*


*04-08-2023- आज शाम सतसंग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे:-*


  *(13-9-31-आदित्य)* 

कल का शेष भाग -

*रात के सतसंग में बयान हुआ कि सतसंगी दो किस्म के हैं। मुर्दा व ज़ीन्दा। मुर्दा सतसंगी वह है जो दुनिया के काम काज में मसरूफ़ (व्यस्त) है और मगन या गल्तां पेचां (दुविधा में पड़े हुए) हैं।

जिनके दिल पर मालिक का नाम या मालिक का गुनानुवाद असर नहीं करता और ज़ीन्दा सतसंगी वह हैं जो एहतियात (सावधानी) की ज़िन्दगी बसर करते हैं जिनका दिल वक्तन -- फ़वक्तन (समय समय पर) ख्वाह किसी बाहरी असर की वजह से ख्वाह (चाहे) अजखुद (स्वयं) प्रेम से भर जाता है और ऐसा होने पर या तो चुपचाप एक गोशे (कोना) में पड़ या बैठ जाते हैं या प्रेम में भरकर कोई शब्द या कड़ी प्रेम व भगती की पढ़ने लगते हैं।*

        

*🙏🏻रा-धा-स्व-आ-मी🙏🏻*


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