Thursday, August 24, 2023

पूज्य स्वमीजी महाराज का पावन जन्मदिन

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परम पुरुष पूरन धनी हुजूर स्वामीजी महाराज जी का पावन जन्मदिन200 【24-8-1818- 24-8-2018】समस्त सतसंग जगत और समस्त प्राणी मात्र को  बहुत बहुत मुबारक🙏******************



 राधास्वामी धरा नर रुप जगत में।गूरु होय जीव चिताये।।।                 

जिन जिन माना बचन समझ के। तिनको संग लगायें।।।                 

कर सतसंग सार रस पाया। पी पी तृप्त अघाये।।।               

गुरु संग प्रीति करो उन ऐसी। जस चकोर चंदाये।।।                  

गुरु बिन कल नहि पडत घडी इक। दम दम मन अकुलाये।।।             

जब गुरु दर्शन मिले भाग से। मगन होत जस बछडा गाये।।।            

ऐसी प्रीति लगी जिन गुरुमुख। सो सो गुरु अपनाये।।

(सारबचन,शब्द -2)      


बगैर संत सतगुरु के कुछ हासिल नही होगा। जब यह सतगुरु वक्त की सेवा करे और उनको प्रसन्न करे ,तब कुछ हासिल होगा। और जो नाम को यह चाहता है,चाहे जिस कदर मेहनत करे,पर हासिल नही होगा। जब सतगुरु प्रसन्न होंगे,तब नाम मिलेगा। बडभागी वह जीव है जिनको सतगुरु पूरे मिल गये और उनकी संगत में अपना तन मन धन खर्च कर रहे है।

(सारबचन,बचन-84, 85)  (110)-


नरदेही उसी की सुफल है जिसको सतगुरु वक्त की सेवा प्राप्त है। और सेवा में इतना भेद समझना चाहिए कि दर्शनों के वास्ते चलने से पाँव पवित्र होते है और दर्शन से आँखे पवित्र होती है और हाथो की सेवा से,जैसे चरन दबाने और पंखा करने से,हाथ पवित्र होते है और जल भरने की सेवा से कुल देह पवित्र होती है और चित्त से बचन श्रवण करने और विचारने और जिस कदर बन सके मानने से अनतःकरण पवित्र होता है। इसी तरह जब सेवा में जीव लगा,फिर सतगुरु की दया और उनके सतसंग का फल अपने आप देखता चला जावेगा और जो कुछ कि आनंद या दर्जा उसे प्राप्त होगा,उसकी महिमा बयान में नही आती है

 (सारबचन,बचन 190)🙏राधास्वामी🙏


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