Wednesday, December 8, 2021

दयालबाग़ में शादी विवाह पर मार्गदर्शन

    🙏🏿राधास्वामी🙏🏿✌🏽️

आओ सब मिल कर विचार करें🙏🙏🙏🙏🏿

🙏🙏🙏


आज से चालीस साल पहले हम जहाँ खड़े थे वही खड़े है, 🙏🙏


🙏आज से चालीस साल पहले, तारीख 17 अगस्त सन 1979  को शाम के सतसंग में परम प्रिय परम पूज्य हुज़ूर डां लाल साहब जी ने सतसंग जगत को यह फरमान जारी किया था, फरमाया था, 🙏🌹

सतसंगी भाई बहन अपने लडके लडकियों की शादीयां सतसंगी घरानों में करें, 🙏🌹

सतसंगियों के घर में लडका व लडकी दोनों है, 

अगर लडके की शादी गैर सतसंगी घरानों में कर लेगें आप लोग तो लड़की की शादी कहा करेंगे आप सब, क्यो कि संगत में लडकों की कमी हो जायेगी, 

इसलिए लडका और लडकी दोनों की शादी सतसंग में करनी चाहिए🙏🌹🌹


अब आओ हम सब मिलकर विचार करें कि जब आज से चालीस साल पहले हुज़ूर ने यह बचन फरमाया था तब भी यही हाल था और आज भी यही हाल है हम सतसंगी भाई बहन का, उस समय जहाँ खड़े थे वही आज खड़े है, जो समस्या उस समय थी वही आज है, 

आप देखो शादी ग्रुप में लडकों के बयोडाटा कम है और लडकियों के अधिक, 

मेरिज पंचायत दयालबाग में फाइल उठा कर देख लो वहाँ भी यही हाल है, 

जरा विचार करो चालीस साल तक बैठकर सतसंग में पाठ बचन सुनते रहे, मगर समझ में कुछ नहीं आया हम सबके, 

लालच हमारे अन्दर तब भी था और अब भी है, 

कि लडके की शादी हम गैर सतसंगी समाज से, धूम धाम से दहेज झोली भर कर लेकर कर ले और लडकी की शादी सतसंगी घरानों में कर दें, 

तो आज सभी सतसंगी भाई बहन व सभी युवा पीढ़ी मिल कर विचार करें कि यह सब कैसे सम्भव हो सकता है, 

और यही बात हुज़ूर ने अपने बचन में हम लोगो को समझाई, 

🙏सो सभी से अपील है मेरी कि इस बात को सभी समझें और सभी को समझाये, और राधास्वामी संगत को एक प्रेरणादायी संगत बनाये, और अपने सभी बच्चों की शादी सतसंगी घरानों में करें, 

🙏🙏

और थोड़ा सा इस पर भी विचार करले, 

इस बचन में हुज़ूर ने यह भी फरमाया है कि🙏

मेरे पास अक्सर ऐसी लडकीयों की चिठ्ठीयां आती है जिनकी शादी गैर सतसंगी घरानों में हुई है, वह शिकायत करती है कि उनको सख्त तकलीफ है, 

कुछ लडकों की भी चिठ्ठीयां आती है कि उनकी वाइफ गैर सतसंगी है और शिकायत करते हैं कि वह बहुत परेशान करती है, 🙏🙏🌹

अब इस पर भी सभी सतसंगी भाई बहन व सभी युवा पीढ़ी विचार करें कि जरा से लोभ लालच या समाज का डर, जाती का डर, परिवार का खतरा,या अन्य प्रकार के बंधन में पड कर हुज़ूर के आदेश का पालन न करके अपनी मन मर्जी से गैर सतसंगी घरानों में शादी करने का मतलब शिकायतें है,और मालिक की नजरों से गिर जाना है,🙏🙏

आओ थोड़ा सा सभी मिल कर इस पर भी विचार करें, 

हुज़ूर ने इस बचन में यह भी फरमाया है कि🙏🌹

अगर किसी केस में लडकों की उम्र कुछ अधिक है और लडके की कुछ कम  है तो भी शादी कर लेने में कोई हर्ज नहीं है, उम्र का कोई असर नहीं पड़ता है, अगर लडके की तंदुरुस्ती व डील डौल ठीक है,, 

इसी तरह अगर लडकी अधिक पढी लिखी है, या अधिक तनख्वाह लेती है, 

और लडका कुछ कम पढा लिखा है और कम तनख्वाह लेता है, तो उस सुरत में भी शादी कर लेने में आप को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, तनख्वाह दोनों की एक ही घर में आवेगी जिससे दोनों आराम से गुजर करेंगे, 🙏

🙏🙏

अब देखो साहब इसमें अब कुछ कहने के लिए कुछ भी नहीं रहा  इसलिए कि मालिक ने सब कुछ कह दिया, सब कुछ सरल भाषा में समझा दिया, हम सभी सतसंगी भाई बहन को, 

🙏🙏

बस अब इसमें कहने के लिए इतना है और जरुरी है कि हम सब सतसंगी भाई बहन बेटी बेटा सभी को मिलकर दाता दयाल की इन सभी बातों पर विचार करके इन सभी बातों का पालन करना है और सभी सतसंगी भाई बहन व सभी बच्चों को पालन करने के लिए कहना है समझाना है,कि चालीस साल से हम लोग गलतियां करते चले आ रहे हैं,बचपन से जवानी आ गई और जवानी से बुठापा आ गया,अब तो मालिक के बचनों व आदेशों का पालन करते हुए बच्चों की शादीयां सतसंगी घरानों में करें,🙏🙏

हाँ भाई कुछ लम्बा हो गया मगर क्या करे सर 

यह समस्या ही लम्बी है, सो सोंरी🙏🙏


इस पर आप किसी को भी कुछ अपनी राय देनी हो या आपका कोई सवाल हो तो आप कभी भी जब भी आपको फुर्सत मिले कौल कर सकते हैं,, 🙏🙏🙏


सभी को राधास्वामी

        🙏🙏

आपका अपना

जी०एस० पाठक

6397831325

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