Tuesday, February 15, 2022

ज़र्रे ज़र्रे में* *रब की निगाहें करम हैं*

 *ज़र्रे ज़र्रे में*

*रब की निगाहें करम हैं*


 *कभी ये नहीं कहना कि*

*औरों पर ज्यादा और मुझ पर कम है*


*हे प्रभु!*

मेरे *पैरों* में इतनी *शक्ति* देना

 कि *दौड़~दौड़* कर   *आपके दरवाजे* आ सकूँ।


मुझे एेसी *सद्बुद्धि*  देना

कि *सुबह-शाम* घुटने के बल बैठकर

आपको *प्रणाम* कर सकूँ


*जब तक जीऊँ,

जिह्वा पर आपका नाम रहे,

देने में मेरे हाथ कभी थके नहीं।*


*मेरे मालिक!*

*प्रेम* से भरी हुई *आँखें* देना,

*श्रद्धा* से झुुका हुआ *सिर* देना,

*सहयोग* करते हुए *हाथ* देना,

*सत्पथ* पर चलते हुए *पाँव* देना

और

*सिमरण* करता हुआ *मन* देना।


*हे प्रभु!*

अपने *बच्चों* को

अपनी *कृपादृष्टि* देना,

 *सद्बुद्धि* देना।

*🙏🏻पल पल शुक्राना🙏🏻*

*🙏🏻हर पल शुकराना🙏🏻*


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