राधास्वामी!! - /आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) गाओ री सखी जुड़ मंगल बानी। आज पिया मेरे दीन निशानी।।-
(आगे बाट चली नहिं मेरी। राधास्वामी करौ निबेड़ा।।)
(सारबचन-शब्द-11-पृ.सं.718-719
अधिकतम् उपस्तिथी-लुधियाना ब्राँच (पंजाब)-@ 2:47 am दर्ज-127)
(2) कैसे गहूँ री सरन गुरु बिन परतीत।।टेक।।-
(हे राधास्वामी अब दया बिचारो। मेरे हिये में बसाओ चरन पुनीत।।)
(प्रेमबानी-3-शब्द-4-पृ.सं.192)
सतसंग के बाद:-
(1)-राधास्वामी मूल नाम।
(2)-राधास्वामी राधास्वामी गाया करो। हर पल गुरु रुप ध्याया करो।।
गुरु तुम्हे अपनी शरण में लेवें ,भक्ति मार्ग का भेद तुम्हे देवें।।
उनके ही गुन नित गाया करो,
राधास्वामी राधास्वामी गाया करो।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
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