राधास्वामी! 06-10-2021-आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
चहुँ दिस धूम मची ,
सतगुरु आये ,
जग जीव जगाये ,
उन लिया अपनाई रे ।
राधास्वामी ३ , प्यारे राधास्वामी रे ॥१॥
राधास्वामी परम हितकारी ,
अस लीला धारी ,
जो जिव दीन दुखारी ,
उन लेहैं उबारी रे
राधास्वामी ३. प्यारे राधास्वामी रे ॥२॥
जम काल लजाई ,
माया रही मुरझाई ,
कुछ पेश न जाई ,
सब करम नसाई रे ।
राधास्वामी ३. प्यारे राधास्वामी रे ॥३॥
हुआ जीव उबारा ,
मिटा भर्म पसारा ,
घर काल उजाड़ा ,
हुआ सत उजियारा रे ।
राधास्वामी ३ , प्यारे राधास्वामी रे ॥४॥
राधास्वामी महिमा भारी ,
कस गाउँ पुकारी ,
मैं बाल अनाड़ी ,
उन सरन अधारी रे
राधास्वामी ३ , प्यारे राधास्वामी रे ॥५॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-4-पृ.सं.184)
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