**राधास्वामी! / 04-10-2021-आज सुबह सतसंग.में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
राधास्वामी संग लगाई ,
मोहि बचन सुनाई , ।
हिये प्रीति बढ़ाई रे ।
राधास्वामी ३,प्यारे राधास्वामी रे।।१।।
राधास्वामी सेवा धारी, उन नैन निहारी,
हिये भई उजियारी रे ।
राधास्वामी ३ , प्यारे राधास्वामी रे ॥२॥
राधास्वामी भेद बताया ,
घट शब्द सुनाया ,
सोता मनुआँ जगाया रे ।
राधास्वामी ३. प्यारे राधास्वामी रे ॥३॥
मन उमँगत चाला ,
घट देख उजाला ,
लखा रूप दयाला रे ।
राधास्वामी ३ , प्यारे राधास्वामी रे ॥४॥
त्रिकुटी घुन गाजा ,
सुन सारँग बाजा ,
मुरली धुन साजा रे । राधास्वामी ३ , प्यारे राधास्वामी रे ॥५॥
सतपुर माहिं धावत ,
धुन बीन सुनावत ,
करी सतगुरु आरत रे ।
राधास्वामी ३, प्यारे राधास्वामी रे ॥६॥
लख अलख सरूपा ,
मिल अगम कुल भूपा ,
गई धुर धाम अनूपा रे ।
राधास्वामी ३ , प्यारे राधास्वामी रे ॥७॥
राधास्वामी रूप निहारा ,
हुआ आनँद भारा ,
सब काज सँवारा रे ।
राधास्वामी ३ , प्यारे राधास्वामी रे ॥८॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-2-पृ.सं.
181,182)
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