**राधास्वामी! / 05-10-2021-आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
परम पुरुष प्यारे राधास्वामी ,
धर संत सरूपा , जग आये री । राधास्वामी ३, प्यारे राधास्वामी रे ॥१॥ करी मेहर घनेरी ,
जिव भाग जगे री ,
दल काल दलेरी ,
मुख माया मोड़ी रे । राधास्वामी ३ , प्यारे राधास्वामी रे ॥२॥
दिया घर का संदेशा ,
किया शब्द उपदेशा .
मेटा सब ही अँदेशा ,
तज काल कलेशा रे ।
राधास्वामी ३. प्यारे राधास्वामी रे ॥३॥
मगन हुई सुन सतगुरु बचना ,
नित चरन सरन में पकना ,
भोग जग सब ही तजना रे । राधास्वामी ३ , प्यारे राधास्वामी रे ॥४॥
स्रुत शब्द लगाऊँ ,
गुरु रूप धियाऊँ ,
मन चरनन लाऊँ ,
नित राधास्वामी गाऊँ रे ।
राधास्वामी ३ , प्यारे राधास्वामी रे ॥५॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-3-पृ.सं.183)**
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