राधास्वामी नाम जो गावे सोई तरे ।
कल कलेश सब नाश,
सुख पावे सब दुःख हरे ॥
इसका मतलब यह नहीं है कि खूब खाएं, पिएं, भोग भंडारे करें, मजे उड़ाऐं, आराम करें व जो चाहें सो करें, बस राधास्वामी नाम ले लो तो कुछ भी नहीं बिगड़ेगा, सब माफ हो जावेगा। बल्कि, अपने किये का करम भोग तो भोगना ही पड़ेगा। असली मतलब अंतर में नाम सुमिरन के प्रभाव से दुखः सुख के असर का ना होना ही है। नाम का सुमिरन भी ऐसा कि खाते पीते, चलते फिरते, सोते जागते राधास्वामी नाम न भूले।
अंतर में जीव जब स्वरूप और शब्द के साथ लग जाएगा, तब सुख: दुख: कुछ व्यापेगा ही नहीं। सब एक समान मालूम पड़ेगा। पर इसका मतलब यह भी नहीं है कि सुख: दुख: आएगा ही नहीं, बल्कि मतलब ये है कि ऐसा प्रेमी भक्त सुख: और दुख: दोनों ही स्थितियों में एक समान ही बना रहेगा, ना तो दुख: में व्याकुल होगा और ना ही सुख: में आवश्यकता से अधिक हर्ष ही होगा और इस तरह अंतर में राधास्वामी नाम से हर वक़्त जुड़ा रह कर बाहर जगत की हर स्थिति का सामना करते हुए अंतर घाट पर सुरक्षित बना रहेगा। काल और माया के प्रभावों का उस पर कोई असर नहीं होगा।
'राधास्वामी सदा सहाय'
'सप्रेम राधास्वामी'
🌷🙏🌷
राधास्वामी हेरिटेज.
(संतमत विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रति समर्पित).
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