**राधास्वामी!! - 19-10-2021-आज शाम सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) सतगुरु दीजे मोहि इक दात।।टेक।।
-(राधास्वामी प्यारे होउ सहाई। बाल तुम्हारा रहा बिलकात।।)
(प्रेमबिलास-शब्द-78-पृ.सं.110,111- अधिकतम् उपस्थिति-करनाल ब्राँच (हरियाणा)- @ 1:25 pm दर्ज-42)
(2) आरत गावे दास रँगीला।
चरन सरन में खेलत सीला।।
सत्तलोक का द्वारा खोला।
सत्तपुरुष तब बानी बोला।।
-(महिमा राधास्वामी अति कर भारी।
सुरत हुई चरनन बलिहारी।।
(प्रेमबानी-1-शब्द-38-पृ.सं.)
(3) सतसंग के बाद:-
(1)-राधास्वामी मूल नाम।
(2)-राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से जनम सुफल कर ले।।
जोनल सतसंग-के अवसर पर पढे गये पाठ:-
(1) कस गाऊँ गुरु महिमा,
अति अगम अपार।।
प्रेमबानी-3-शब्द-1-पृ.सं. 190)
(2) चरन में राधास्वामी करूँ पुकार।
सरन दे लीजे मोहि उबार।।
(प्रेमबानी-3-शब्द-7-
पृ.सं.278,279।।)
(3) सुन री सखी मेरे प्यारे राधास्वामी।
मोहि प्यार से गोद बिठाय रहे री।।(प्रेमबानी-4-शब्द-4-पृ.सं. 32)
(4) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।टेक।।
(रत्नाञ्जली-पृ.सं.32)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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