Friday, January 7, 2022

भक्ति कर लीजिये जग जीवन थोड़ा

 *राधास्वामी!                                           

 08-01-2022-आज सुबह सतसंग में पढ़ा जाने वाला शब्द पाठ:-                                                                                          

 भक्ति कर लीजिये जग जीवन थोड़ा ॥टेक ॥

 चार दिनों का खेल यह ,

 देह तजना ज़रूरी |

 सतगुरु का सतसंग कर ,

 तज मान ग़रूरी ॥

 हिये में आज बसाय ले ,

 तू चरन हज़ूरी ।

 अंतर दृष्टि खुलाय कर, लखना सत नूरी ॥

 सतगुरु सँग तू बाँध ले प्यारी अब के जोड़ा॥१।।                                                         बंध छुड़ावन आइया , सतगुरु संसारा ।

 आज्ञा उनकी मानिये ,

हिये धर कर प्यारा ॥

 शब्द की जुगत कमाय कर ,

कीजे निरवारा ।

नाम बिना सब जीव ,

 बहे चौरासी धारा ॥

 भाग जगा मोहि मिल गये गुरु बंदीछोड़ा ॥ २ ॥  

                                        दया करी गुरु प्रीतमा ,

 मोहि संग लगाई ।   

 घर का भेद सुनाय कर ,

स्रुत अधर चढ़ाई ॥

घंटा संख सुनाय कर ,


 फिर जोत लखाई ।

वहाँ से गगन चढ़ाय कर ,

 धुन गरज सुनाई ॥

चंद्र रूप लख काल से

 अब नाता तोड़ा ॥३ ॥

भँवरगुफा में जाय कर ,

 सुनी मुरली प्यारी ।

सत्तलोक में पुरुष का ,

जाय रूप निहारी ॥

अलख अगम का रूप लख ,

स्रुत चढ़ गई पारी ।

मेहर दया गुरु पाय कर ,

हुई सबसे न्यारी ॥

राधास्वामी दर्शन पाय कर स्रुत हो गई पोढ़ा ।।४।।

 (प्रेमबानी-3-शब्द-2-

 पृ.सं.268,269)


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