Tuesday, March 8, 2022

ब्रांच सतसंग की जिम्मेदारियां🌹

 🙏राधास्वामी🙏

सतसंगी बच्चे एवं युवा और सतसंग के मूल्य व संस्कृति

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ब्रांच सतसंग की जिम्मेदारियां🌹

     🙏🙏

14 जुन 2010 ग्रेशस हुज़ूर सतसंगी साहब जी के मार्गदर्शन में मुरार में ब्रांच सतसंगों को दी गई जिम्मेदारियां🙏🌹


🌹बच्चों को चार वगोॅ  में बाॅटा जाय 


1- 12 वर्ष की आयु के सतसंगी बच्चे

इनको शब्दों/ कब्बालियों का पाठ करने के लिए प्रशिक्षित करना होगा, 

जैसा कि दयालबाग में नर्सरी और प्राइमरी स्कूलों में किया जाता है, 

ब्रांच में दयालबाग व राजाबरारी क्षेत्र के बाल मनोविनोद केन्द्र की तरह बच्चों के लिए मनोविनोद की ब्यवस्ता की जानी चाहिए, 

ब्रांच में स्वीकृत सूची में से सामान्य रुचि की पुस्तकों की लाइब्रेरी स्थापित करनी चाहिए, 

जिसमें भारतीय साहित्य से कहानियाँ भी शामिल की जा सकती है, 

बच्चों के लिए खेल-कुद व प्रतियोगितायें आयोजित करनी चाहिए, 

एम. सी.आर.ई.आई,, दयालबाग द्बारा प्रसारित संगीत की कक्षाओं में शामिल होना चाहिए, 

🙏

शिष्ट भाषा शालीन ब्यवहार बडो़ की आज्ञा का पालन और काम करने के सहयोगी ढंग आदि पहलुओं पर जोर देना चाहिए,, 


2- कनिष्ठ दीक्षा पूर्व बच्चे 12 से 15 वर्ष

🌹इनको

दयालबाग और संस्कृति की जो पुस्तक है उनको पढने के लिए प्रोत्साहित किया जाय, 

इनको विशेषतौर से सतसंगी बच्चों से अपेक्षित अच्छे आचरण रवैया विनम्रता शालीनता दीनता सादगी का और सेवा का महत्व बताना चाहिए,, अनेक प्रकार के ब्याखानों उनकी रुचि की घटनाओं विचार विमर्श हो ऐसे आयोजन करने चाहिए,, 


3- वरिष्ठ दीक्षा पूर्व बच्चे 15 से 18 वर्ष


🌹यह वह आयु के बच्चे हैं जिन्हें राधास्वामी मत के सिद्धांतों सृष्टि की उत्पत्ति उद्देश्य और ध्वन्यात्तमक नाम शामिल हो सरल भाषा में समझाना चाहिए, 

जैसा कि ग्रेशस हुज़ूर सतसंगी साहब जी ने फरमाया था, 

रा-धा-स्वा-मी , को विभक्त कर चार चक्रों 

(नाभि, हृदय, कंठ, और चक्षु केन्द्र) पर उच्चारण करने का अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, 

इनके द्वारा अनेक प्रकार के आयोजन करने चाहिए, 


4- सह-सतसंगी


18वर्ष से अधिक आयु के

🌹 इनको जिज्ञासु के रुप में पंजीकृत करना चाहिए, 

इनको सतसंगीयों की ही तरह माना जा सकता है, 

इनको समझाना चाहिए कि यह नियमित रूप से 

रा-धा-स्वा-मी दोहराने का अभ्यास करें, 

इनको ब्रांच की जिम्मेदारी सौपी जानी चाहिए, 

और सक्रिय रूप से सतसंग के कामों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, 🌹

🙏🙏

ब्रांच सेक्रेटरी साहिबान को वर्ष में कम से कम चार बार बच्चों के माता पिता के साथ मीटिंग करनी चाहिए, 

जिसमें उनकी जिम्मेदारी और कर्तव्य के बारे में समझाना चाहिए और जोर देना चाहिए, 

ब्रांच के कामों के बारे में उनके विचार और सुझाव लेने चाहिए, 

यदि बच्चों की भागीदारी कम है या नहीं है तो उसके कारणों और समस्या के बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए, 

🙏

सभी ब्रांच सेक्रेटरी साहिबान को ब्रांच में  हर रविवार को बच्चों के लिए स्टुडेंट्स सतसंग करना चाहिए, 

सभी ब्रांच सेक्रेटरी साहिबान को ब्रांच के बच्चों को समर स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, 

बच्चों को सतसंग के बाद शब्द पाठ करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, 

🙏🙏

अच्छे ब्यवहार के लिए बच्चों में सतसंग संस्कार डालने के लिए  बच्चों में सेवा भाव पैदा करने के लिए

सभी बडो़ को अपने आचरण द्बारा उदाहरण प्रस्तुत करना बातों से अधिक प्रभाव शाली होता है 

🙏ब्रांच के पदाधिकारियों और वरिष्ठ सतसंगी भाई बहन का आचरण व ब्यवहार बच्चों के लिए अनुकरणीय होना चाहिए

🙏और यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि ब्रांच में बडों के आपसी झगड़े मन मुटाव बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं

🙏इस सन्दर्भ में परम पूज्य हुज़ूर सर साहब जी महाराज द्बारा प्रदान कीये 

नीतिवचन से उत्तम और कुछ नहीं हो सकता है

🙏

हम लोग परम पिता के दीन सेवकों की भांति कम करें, 

हम लोग परम पिता के कर्तव्य निष्ट बच्चों की तरह रहे, 

        और

हम लोग परम पिता के सच्चे भक्तों की तरह एक दूसरे से प्यार करें

🙏🙏

यह ब्रांच व जिला स्तर पर सभी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों का सिद्धांत होना चाहिए

🙏🙏🙏🙏🙏

सभी ब्रांच सेक्रेटरी साहिबान इस पर अमल करे गौर करे और जो हो रहा है उसको गति दें और जो नहीं हो रहा ब्रांच में तो उसको करना शुरू करें

🙏यह काफी विस्तृत विषय है इसके मुख्य मुख्य विन्दु आपकी सेवा में प्रेषित है

और विस्तार से जानने के लिए किसी भी सतसंगी भाई बहन जी को इसकी कोपी चाहिए तो मुझे कौल करें में आपको भेज दूगां, 🙏

 🙏राधास्वामी

जी०एस०पाठक

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