Monday, December 20, 2010

जल्द आ रहा है नया साप्ताहिक अखबार, ‘मुक्त कंठ’




जल्द आ रहा है नया साप्ताहिक अखबार, ‘मुक्त कंठ’


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समाचार4मीडिया.कॉम
दिल्ली से जल्द ही एक नया साप्ताहिक अखबार, ‘मुक्त कंठ’ प्रकाशित होने वाला है। यह साप्ताहिक अपने पाठकों को ‘चौपाल से संसद’ तक की खबरों से अवगत करायेगा। 8 से 12 पेज के इस अखबार में राजनैतिक और मीडिया की ही ज्यादातर खबरों को समाहित किया जाएगा। अखबार का मूल्य दो रुपये रहेगा। ‘मुक्त कंठ’ के संपादक, अनामी शरण ‘बबल’ ने समाचार4मीडिया को बताया कि ‘मुक्त कंठ’ नामक पत्रिका जो 1986 में बंद हो गई थी, उसी का पुन: प्रकाशन किया जा रहा है। इसका प्रकाशन, बिहार, दिल्ली समेत पूरे देश के पाठकों के लिए होगा। ‘मुक्त कंठ’ का पहला अंक 27 दिसंबर को आयेगा।
औरंगाबाद, दियो में साहित्य की खुशबू की कहानी बिखेरने वाली पिता-पुत्र की जोड़ी मशहूर रही हैं। पूर्व सांसद, शंकर दयाल सिंह जो कि जाने-माने रंग कर्मी और साहित्यकार थे। उनके पिता, कामता प्रसाद सिंह भी अपने समय के साहित्यकार थे। ये दोनों पिता-पुत्र एक साहित्यिक पत्रिका, ‘मुक्त कंठ’ निकालते थे। लेकिन, किन्ही कारण से यह पत्रिका 1986 में बंद हो गयी। अनामी का कहना था कि इसी पत्रिका के नाम पर, यह साप्ताहिक अखबार हम निकाल रहे है। हमारी योजना इसके बाद 64 पेज की एक त्रैमासिक पत्रिका, ‘मीडिया मुक्त कंठ’ निकालने की है। ये पूरी तरह मीडिया पर केंद्रित होगी।
अनामी से यह पूछे जाने पर कि वर्षो पहले बंद हुयी पत्रिका को पुन: क्यों शुरू कर रहें है तो उनका कहना था कि पत्रिका के लिए एक पहचान की जरूरत होती हैं। लेकिन ‘मुक्त कंठ’ के साथ ऐसा नहीं होगा। हमारे गांव दियो से 2 बड़े साहित्यकारों का इतिहास जुडा हुआ है। दियो के राजा रहे, राज जगन्नाथ प्रसाद डिंग्ह किनकार भी बड़े साहित्य रंगमंची और फिल्म निर्माता थे। मेरी कोशिश हमारे गांव की इन तीन महापुरूषों के द्वारा साहित्य के लिए किए गए महान काम को ही आगे ले जाने की है। हमने अपने गांव की बंद पत्रिका, ‘मुक्त कंठ’ को फिर से शुरू करके नया रूप देने की पहल की है। शंकर दयाल सिंह के पत्रकार पुत्र, रंजन कुमार सिंह नए नारे के साथ दियो औरंगाबाद और पूरे मगध एरिया को नयी पहचान दिलाने की मुहिम चला रहे हैं। रंजन अपने दादा व पिता की साहित्यक परंपरा को ऊंचाई पर ले जाना चाहते है। ‘मुक्त कंठ’ को पुन: प्रकाशित करना रंजन के सकारात्मक काम को आगे बढ़ाने में मदद करना है।

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Weekly compact Mukta Kantha to launch in Delhi on December 27 
December 21, 10

Nitin Pandey

Hindi weekly compact newspaper Mukta Kantha is set to hit Delhi newsstands on December 27, 2010. The newspaper, which is being relaunched after nearly 25 years, will be priced at Rs 2 and will carry 8-12 pages every week. Anami Sharan Babal is the editor of the newspaper.
Mukta Kantha was launched in the year 1965 in Bihar by Shankar Dayal Singh, a well-known writer from  deo, Aurangabad (Bihar). After operating for more than 20 years, in 1986, the newspaper had to shut down its printing. Now, after its relaunch, the newspaper will begin with an initial print run of 1,000 copies and will target Delhi and Bihar markets initially.
Speaking on the content strategy of the newspaper, Babal said, “We would like to update our readers with all leading weekly news. The tagline: ‘Chaulpal Se Sansad Tak’, itself depicts that we will carry content that readers of every class can relate to.”
The newspaper is not targeting any advertising revenue as of now. “We would like to spread our wings in the neighbouring states and will soon launch a weekly magazine, too, which will carry media news as well,” Babal added.
Hindi weekly newspaper domain has seen a couple of new launches in recent days. It may be recalled that recently, Hindi compact newspaper Samay Saransh was launched in the Delhi market to cater to readers of neighbouring states. Post its launch, Mukta Kantha will compete not only with Samay Saransh, but with two-year old weekly compact Chauthi Dunia as well.


mk ka fir se chalu hona itihas ko jiwit karne ke barabar hai. muktakantha bihar me ek samay sahutya ko jiwit &sahitya ki dhara ko aam janta ke bich jagrit karne ka kam kiya tha band patrika ko nikalna vvg pahal hai to ek bada khatra bhi hai ki jin logo ne iski garima ko kayam rakha hai us par koie dag na lage mk ke sath ek gauravshali parampara rahi hai lihaja old shan aanban ka banaye rakhna vv jaruri ha

1 comment:

  1. Government Yojanas वेबसाइट एक ब्लॉग्गिंग साइट है जहाँ से आप गवर्नमेंट द्वारा आने वाली योजनाओं की जानकारी हिंदी में पढ़ सकते है.
    non ecr means

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