Tuesday, June 15, 2021

स्वामी जी महाराज जी का कहना था......

 *"जो सतगुरु वक़्त की सेवा तन मन धन से करेंगे, वही सच्चे मालिक के दरबार में दख़ल पावेंगे और सतगुरु आप ही मालिक हैं, जो उनकी सेवा है, वह मालिक की सेवा है और जो सतगुरु को छोड़ कर मालिक को ढूंढते है, उनको मालिक कभी नहीं मिलेगा और जो सतगुरु की सेवा में लगे हैं, उनको मालिक मिल गया, जब आँख खुलेगी तब पहिचान लेंगे और जब तक पूरी आँख न खुले, तब तक सन्त सतगुरों के बचन के द्वारे प्रतीत करके सेवा में लगे रहें, और सत्संग करते रहें और सतगुरु के चरनों में प्रीति और प्रतीत बढ़ाते रहें, एक दिन सब भेद खुल जावेगा ।।"*

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