Monday, June 28, 2021

भाग्य और कमाई

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एक आदमी ने नारदमुनि से पूछा मेरे भाग्य में कितना धन है...

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नारदमुनि ने कहा - भगवान विष्णु से पूछकर कल बताऊंगा...

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नारदमुनि ने कहा- 1 रुपया रोज तुम्हारे भाग्य में है...

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आदमी बहुत खुश रहने लगा...

उसकी जरूरते 1 रूपये में पूरी हो जाती थी...

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एक दिन उसके मित्र ने कहा में तुम्हारे सादगी जीवन और खुश देखकर बहुत प्रभावित हुआ हूं और अपनी बहन की शादी तुमसे करना चाहता हूँ...

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आदमी ने कहा मेरी कमाई 1 रुपया रोज की है इसको ध्यान में रखना...

इसी में से ही गुजर बसर करना पड़ेगा तुम्हारी बहन को...

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मित्र ने कहा कोई बात नहीं मुझे रिश्ता मंजूर है...

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अगले दिन से उस आदमी की कमाई 11 रुपया हो गई...

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उसने नारदमुनि को बुलाया की हे मुनिवर मेरे भाग्य में 1 रूपया लिखा है फिर 11 रुपये क्यो मिल रहे है...??

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नारदमुनि ने कहा - तुम्हारा किसी से रिश्ता या सगाई हुई है क्या...??

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हाँ हुई है...

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तो यह तुमको 10 रुपये उसके भाग्य के मिल रहे है...

इसको जोड़ना शुरू करो तुम्हारे विवाह में काम आएंगे...

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एक दिन उसकी पत्नी गर्भवती हुई और उसकी कमाई 31 रूपये होने लगी...

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फिर उसने नारदमुनि को बुलाया और कहा है मुनिवर मेरी और मेरी पत्नी के भाग्य के 11 रूपये मिल रहे थे लेकिन अभी 31 रूपये क्यों मिल रहे है...

क्या मै कोई अपराध कर रहा हूँ...??

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मुनिवर ने कहा- यह तेरे बच्चे के भाग्य के 20 रुपये मिल रहे है...

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हर मनुष्य को उसका प्रारब्ध (भाग्य) मिलता है...

किसके भाग्य से घर में धन दौलत आती है हमको नहीं पता...

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लेकिन मनुष्य अहंकार करता है कि मैने बनाया,,,मैंने कमाया,,,

मेरा है,,,

मै कमा रहा हूँ,,, मेरी वजह से हो रहा है...

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हे प्राणी तुझे नहीं पता तू किसके भाग्य का खा कमा रहा है...।।

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