Tuesday, January 17, 2012

'घर पर भी बैठते हैं'

'बैठे न रहा करें'

 रविवार, 15 जनवरी, 2012 को 17:08 IST तक के समाचार
बैठिए मत
शोधकर्ताओं का कहना है कि कर्मचारी खड़े होना भूल जाते हैं
शोधकर्ताओं के अनुसार दफ्तरों में काम करने वालों को अपनी कुर्सियों से खड़े होने और ई-मेल करने की बजाए लोगों से बात करने की ज़रूरत है.
उन्होंने चेतावनी दी है कि लोग बहुत ज़्यादा समय अपने डेस्क पर बैठते हैं.
ब्रिटिश साइकोलोजिकल सोसाइटी के वार्षिक सम्मेलन में पेश किए जाने वाले इस अध्ययन में दावा किया गया है कि लोग औसतन पाँच घंटे और 41 मिनट अपने डेस्क पर बिताते हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि कर्मचारी खड़े होना भूल जाते हैं.
लफ़बोरो विश्वविद्यालय के डॉ मियाना डंकन ने कहा, ''हम उस जनसंख्या की ओर देख रहे हैं जो अपनी बढ़ती उम्र में काम करेगी. बाद में काम करने के लिए आपका स्वस्थ रहना ज़रूरी है.''

उन्होंने कहा कि लोग लगभग उतना ही समय डेस्क पर बिता रहे हैं जितना कि वह सोने के लिए बिताते हैं.
उन्होंने कहा कि जो लोग अपने काम के स्थान पर बैठते हैं उनके घर पर भी बैठने की संभावना होती है और 'हैरानी' की बात है कि इसका संबंध वजन से है.
यह अध्ययन खुदरा और दूरसंचार समेत विभिन्न व्यवसायों से जुड़े 1,000 से ज़्यादा लोगों से बातचीत और सर्वेक्षण पर आधारित था.
डॉ डंकन ने कहा, ''हमें इस बारे में सावधान रहना होगा कि हम कितना बैठते हैं. किसी मनोवैज्ञानिक को आपको खड़ा होने और टहलने के लिए बताने की ज़रूरत नहीं है. लेकिन अगर इससे फर्क पड़ता है तो मैं उन्हें कंप्यूटर पर उन्हें याद दिलाने के लिए कह दूंगा.''
उन्होंने कहा, ''जाओ और अपने सहकर्मियों से जा कर बात करो. ई-मेल की तुलना में बातचीत बेहतर है.''

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