Tuesday, June 1, 2021

चाय एक शाकाहारी नशा है...

 चाय एक शाकाहारी नशा है...


तो क्यों न शराब की बजाय चाय को जज्बातों से जोड़ते हैं...


तो अर्ज किया है...

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*एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास...*

*वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है...!!!*

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*आज लफ्जों को मैने शाम की चाय पे बुलाया है...*

*बन गयी बात तो ग़ज़ल भी हो सकती है...!!!*

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*ठान लिया था कि अब और नहीं पियेगें चाय उनके हाथ की...*

*पर उन्हें देखा और लब बग़ावत कर बैठे...!!!*

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*मिलो कभी चाय पर फिर क़िस्से बुनेंगे...*

*तुम ख़ामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे...!!!*

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*चाय के कप से उड़ते धुंए में मुझे तेरी शक़्ल नज़र आती है...*

*तेरे इन्ही ख़यालों में खोकर, मेरी चाय अक्सर ठंडी हो जाती है...!!!*

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*हलके में मत लेना तुम सांवले रंग को...*

*दूध से कहीं ज्यादा देखे है मैंने शौक़ीन चाय के.....@*

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*फिजा में घुल रही है महक अदरक की,*

*आज बारिश भी चाय की तलबगार हो गई..*

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*अदाएं तो देखिए चायपत्ती की,*

*ज़रा दूध से क्या मिली शर्म से लाल हो गई...*


चाय के शौकीनों के लिए* ☕

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