Sunday, August 29, 2021

आज सुबह का भंडारा आरती के समय का बचन

 आज आरती के समय पढा गया बचन 


93- जो जीव को पूरा गुरु मिल जावे और उन पर प्रतीति आ जावे और उनकी भली प्रकार दीनता करे तो आज इस जीव को वह पद प्राप्त हो सकता है जो ब्रह्मा, विष्णु, महादेव से आदि लेकर जितने हुए किसी को नहीं मिला और न मिल सकता है।


 94-निंदा और स्तुति दोनों के करने में पाप होता है, क्योंकि जैसा कोई है वैसा बयान नहीं हो सकता है। इससे मुनासिब यह है कि स्तुति करे तो अपने सतगुरु की और निंदा करे तो अपनी। इसमें अपना काम बनता है, और किसी की निंदा स्तुति में वक्त़ खोना है, पर एक जगह के वास्ते मना नहीं है कि कोई अपना है और किसी के बहकाने में आ गया है या आया चाहता है, उससे यह कह देना ज़रूर है कि यहाँ से तुमको फ़ायदा नहीं होगा, यह जगह धोखे की है। इसमें पाप नहीं है, पर हर एक से कहना ज़रूर नहीं ।        


(सारबचन (नसर) भाग 2)


राधास्वामी

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