Monday, August 30, 2021

पलटू दास के दोहे

 संत पलटू की वाणी

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बैरागिन भूली आप में जल में खोजै राम।l


जल में खोजै राम जाय के तीरथ छानै।l

भरमै चारिउ खूँट नहीं सुधि अपनी आनै।


फूल माहिं ज्यों बास काठ में अग्नि छिपानी।

खोदे बिनु नहीं मिलै अहै धरती में पानी।


दूध महै घृत रहै छिपी मेहँदी में लाली

ऐसे पूरन ब्रह्मा कहूँ तिल भरी नहीं खाली।l 


पलटू सत्संग बीच में करि ले अपना काम।

बैरागिन भूली आप मे जल में खोजै राम।

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