**राधास्वामी!! - / 12-08-2021-आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) आज आरती करूँ सुहावन। भावन पावन ललचावन।।-(अलख अगम जा शब्द जगावन। राधास्वामी धाम दिखावन।।)
(सारबचन-शब्द-18-पृ.सं.590,591-विशाखापत्तनम दयालनगर ब्राँच-अधिकतम उपस्थिति-84)
(2) सतगुरु प्यारे ने मचाई, जग बिच होरी हो।।टेक।।
हेला मार कहा जीवन को। सतसँग कर रोको तन मन को। निज घर सुरत बहोरी हो।।
(सतपुर जाय हुई स्रुत निर्मल। अलख अगम को निरखा चढ चल। राधास्वामी चरनन जोडी हो।।
(प्रेमबानी-3-शब्द-30-पृ.सं.127,128)
सतसंग के बाद:-
(1) अतोला तेरी कर न सके कोउ य अब दिन दिन। अहा हा हा ओहो हो हो।।(प्रे.भा. मेलारामजी-फ्राँस)
(2) Dr.Anna Horatschek's Poem.
(3) राधास्वामी मूल नाम।
(4) राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफल कर ले।
राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफलतर कर ले। राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफलतम कर ले।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼✌️
No comments:
Post a Comment