Monday, August 16, 2021

औऱ चाँद हमेशा रहता है संगीता सिन्हा

 ओ माई मेरे क्या फ़िकर तुझे

क्यूँ आँख से दरिया बहता है

तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं

और चाँद हमेशा रहता है


ए मेरी ज़मीं अफ़सोस नहीं

जो तेरे लिए सौ दर्द सहे

महफ़ूज रहे तेरी आन सदा

चाहे जान ये मेरी रहे न रहे 


तेरी मिट्टी में मिल जावाँ

गुल बनके मैं खिल जावाँ

इतनी सी है दिल की आरजू

तेरी नदियों में बह जावाँ

तेरे खेतों में लहरावाँ

इतनी सी है दिल की आरजू।। 


ओ हीर मेरी तू हँसती रहे

तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो

मैं मरता था जिस मुखड़े पे

कभी उसका उजाला कम ना हो।।


😭😭😭 🙏🙏🙏

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