💠💠💠💠💠💠💠💠💠💠💠
आज का प्रेरक प्रसंग* / सम्मान ! !*
==================================
प्रस्तुति -कृष्ण मेहता
एक वृद्ध माँ रात को 11:30 बजे रसोई में बर्तन साफ कर रही है, घर में दो बहुएँ हैं, जो बर्तनों की आवाज से परेशान होकर अपने पतियों को सास को उल्हाना देने को कहती हैं। वो कहती है- आपकी माँ को मना करो इतनी रात को बर्तन धोने के लिये हमारी नींद खराब होती है। साथ ही सुबह 4 बजे उठकर फिर खट्टर पट्टर शुरू कर देती है सुबह 5 बजे पूजा-आरती करके हमे सोने नहीं देती ना रात को ना ही सुबह। जाओ सोच क्या रहे हो जाकर माँ को मना करो।
बड़ा बेटा खड़ा होता है और रसोई की तरफ जाता है रास्ते में छोटे भाई के कमरे में से भी वही बातें सुनाई पड़ती जो उसके कमरे में हो रही थी वो छोटे भाई के कमरे को खटखटा देता है छोटा भाई बाहर आता है।
दोनो भाई रसोई में जाते हैं, और माँ को बर्तन साफ करने में मदद करने लगते हैं, माँ मना करती पर वो नहीं मानते, बर्तन साफ हो जाने के बाद दोनों भाई माँ को बड़े प्यार से उसके कमरे में ले जाते हैं, तो देखते हैं पिताजी भी जागे हुए हैं।
दोनो भाई माँ को बिस्तर पर बैठा कर कहते हैं, माँ सुबह जल्दी उठा देना, हमें भी पूजा करनी है और सुबह पिताजी के साथ योगा भी करेंगे।
माँ बोली ठीक है बच्चों, दोनो बेटे सुबह जल्दी उठने लगे, रात को 9:30 पर ही बर्तन मांजने लगे, तो पत्नियां बोलीं माता जी करती तो हैं आप क्यों कर रहे हो बर्तन साफ, तो बेटे बोले हम लोगों की शादी करने के पीछे एक कारण यह भी था कि माँ की सहायता हो जायेगी पर तुम लोग ये कार्य नहीं कर रही हो कोई बात नहीं हम अपनी माँ की सहायता कर देते हैं।
हमारी तो माँ है इसमें क्या बुराई है, अगले तीन दिनों में घर में पूरा बदलाव आ गया बहुएँ जल्दी बर्तन इसलिये साफ करने लगी की नहीं तो उनके पति बर्तन साफ करने लगेंगे। साथ ही सुबह भी वो भी पतियों के साथ ही उठने लगी और पूजा आरती में शामिल होने लगी
कुछ दिनों में पूरे घर के वातावरण में पूरा बदलाव आ गया। बहुएँ सास ससुर को पूरा सम्मान देने लगी।
*शिक्षा:-*
माँ का सम्मान तब कम नहीं होता जब बहुएं उनका सम्मान नहीं करती, माँ का सम्मान तब कम होता है जब बेटे माँ का सम्मान नहीं करें या माँ के कार्य में सहयोग ना करें।
No comments:
Post a Comment