Saturday, July 9, 2011

महात्मा गांधी का दांडी मार्च और मिस्र में इस वर्ष हुई क्रांति दुनिया के टाप टेन आंदोलनों में


: पर्यटन-स्वास्थ्य-धर्म-अध्यात्म-संवेदना-सोच-विचार
  Published on 30 June 2011
Print
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल. तभी तो उन्हें महात्मा कहा जाता है. महात्मा गांधी. एक हड्डी वाले इस शख्स ने सिर्फ एक धोती पहनकर जीवन गुजार दिया लेकिन अपनी सादगी से अंग्रेजों को भगा दिया. आंदोलन के नए फार्म व फार्मेट इजाद किए गांधी ने. इन्हीं में से एक था सत्याग्रह. जिस सत्याग्रह के कारण आजकल अन्ना और रामदेव चर्चा में है, उसके जनक महात्मा गांधी ही हैं. नमक सत्याग्रह खासकर दुनिया के इतिहास में दर्ज है.
दांडी मार्च के जरिए नमक सत्याग्रह में गांधी ने अंग्रेजों को नमक न बनाने के आदेश का उल्लंघन किया था. इसी आंदोलन को अब टाइम मैग्जीन ने दुनिया के टाप टेन बड़े आंदोलनों में से एक बताया है. दुनिया बदल डालने वाले दस बड़े आंदोलनों में से एक नमक सत्याग्रह उर्फ दांडी मार्च है. यह सत्याग्रह बापू ने 24 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक शुरू किया था. दांडी मार्च के बाद शुरू हुए आंदोलन में करीब 80,000 भारतीय अरेस्ट हुए. नमक पर ब्रिटिश एकाधिकार के खिलाफ इस सत्याग्रह का मूल मंत्र था अहिंसा.
इस आंदोलन का गजब का प्रभाव हुआ. इसने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया. टाइम पत्रिका का कहना है कि भावुक और नैतिक मूल्यों के साथ इस मार्च ने ब्रिटिश राज्य के खात्मे का संकल्प किया. टाइम पत्रिका के मुताबिक भारत पर ब्रिटिश हुकूमत में चाय, कपड़ा, नमक जैसी चीजों पर ब्रिटिश सरकार का एकाधिकार था. तब भारतीयों को नमक बनाने का अधिकार नहीं था. उन्हें इंग्लैंड से आने वाले नमक को ज्यादा पैसे पर खरीदकर खाना पड़ता था.
टाइम मैग्जीन ने दुनिया बदल डालने वाले टाप टेन आंदोलनों में इसी साल 25 जनवरी को मिस्र में शुरू हुए आंदोलन को भी शामिल किया है जिससे मिस्र में क्रांति हो गई और होस्नी मुबारक को भागना पड़ा. चीन के थ्येनानमन चौक पर 1989 में हुए लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन को भी टाइम मैग्जीन ने टाप टेन में रखा है. 1773 में बोस्टन टी पार्टी सिविल राइट्स, 1963 में मार्च ऑन वॉशिंगटन, 1969 में स्टोनवाल इन, 1969 में वियतनाम युद्ध रोकने की मुहिम, 1969 में ईरान के मुहर्रम विरोध प्रदर्शन, 1986 में फिलीपींस का पीपल्स पावर प्रोटेस्ट और 1989 में केप टाउन का परपल रेन प्रोटेस्ट इस फहरिस्त में जगह पाने वाले आंदोलन हैं.

No comments:

Post a Comment

पूज्य हुज़ूर का निर्देश

  कल 8-1-22 की शाम को खेतों के बाद जब Gracious Huzur, गाड़ी में बैठ कर performance statistics देख रहे थे, तो फरमाया कि maximum attendance सा...