Monday, July 5, 2021

मुरार में दिया गया वचन

 आज  0507221आरती के समय पढा गया बचन 


21.2.79- मुरार में प्रवचन-  


          हम मुरार में हैं जहाँ परम गुरु हुज़ूर सरकार साहब बरसों विराजते रहे। उनके दर्शन, बचन और बिलास से सतसंगियों को और प्राणिमात्र को इतना मौक़ा मिला और वे सब निहाल हो गये। मुझे तो मुरार में हर ज़र्रे में, हर क़तरे में उनका नूर अब भी दरसता है। आपको मालूम है कि परम गुरु हुज़ूर सरकार साहब ने हुज़ूर साहबजी महाराज को हुक्म दिया कि आगरे जाओ, मैं भी पीछे पीछे आता हूँ। इसका मतलब यह था कि आगरे में जा करके सतसंग का हेडक्वार्टर बनाया जाय। महाराज साहब ने भी ऐसा फ़रमाया। हुज़ूर महाराज ने भी ऐसा हिंट दिया। स्वामीजी महाराज ने भी कुछ ऐसा फ़रमाया कि उस कुएँ के नज़दीक एक कॉलोनी बनेगी। आपको मालूम है कि दयालबाग़ में सतसंग का हैडक्वार्टर बन गया जहाँ इतने दिनों परम गुरु साहबजी महाराज और उसके बाद परम गुरु हुज़ूर मेहताजी महाराज ने सतसंगियों को अपने दर्शन, बचन, बिलास का मौक़ा बख़्शा।


चेतो     मेरे    प्यारे, तेरे भले की कहूँ ।। 01।।

गुरु   तो  पूरा   ढूँढ़,   तेरे भले की कहूँ ।। 02।।

बचन  गुरू  के  मान, तेरे भले की कहूँ ।। 09।।

गुरु को कर  परसन्न,  तेरे भले की कहूँ ।। 10।।

वक्त़  गुरू  को  मान, तेरे भले की कहूँ ।। 37।।

जो गुरु कहें सो मान,  तेरे भले की कहूँ ।। 43।।


राधास्वामी

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