Friday, September 10, 2021

जलसा* / डॉक्टर स्वामी प्यारी कौड़ा

 



दयाल बाग में रौनकों का था कारवां सजा हुआ।

स्वामी जी महाराज के भंडारे का था पर्व सजा हुआ।


रात्रि के चौथे प्रहर से खेतों में थीं रौनकें ।

सैकड़ों की तादाद में प्रेमियों की थी हलचलें ।


आरती के उपरांत अचानक संवाद यह आया।

  दाताजी राजाबरारी यहीं से जाएंगे फरमाया।

 

   अपने भक्तों को देखकर संकट में वह न रुक सके।

    भंडारे वाले दिन ही राजा बरारी को चल दिए।

   

   पर चैन ना था उनको यहां से दूर जाकर ।

   अगले दिन लौट आए समस्या वहां की सुलझा कर।

  

    था शाम का आलम घिर आई थीं घटाएं।

     दाता जी के आगमन पर बरसने लगी घटाएं।

    

संवाद घर घर पहुंच गया दाता जी प्रीतिभोज करेंगे।

सत्संग हॉल में जन्माष्टमी का सेलिब्रेशन करेंगे ।


  उमड़ा हुजूम झूम कर सब सत्संग में आने लगे ।

  मूसलाधार बारिश भी ना रोक सकी उन्हें ।


  वे दयाल आ बिराजे सत्संग खिलखिला उठा ।

  चारों ओर रंगीन रोशनी से जगमगा उठा ।

 

रौनकें सत्संग की मैं क्यों कर करूं बयान।

हर प्रेमी का चेहरा बन गया था गुलफिशां ।


सरगोशियां थी ,किलकारियां थी, चेहरों पर रौनकें ।

इज़हारे प्रेम और खुशी थी जो रोके से ना रुके।


असीम सौंदर्य के सागर हमारे बीच आ विराजे।

सारी संगत खिल उठी उनको अपने बीच पाके।


दाता जी 24 घंटे की निरंतर लंबे सफर के उपरांत ।

अपने भक्तों के लिए हमारे बीच थे विराजमान।



आते ही अति दया कर मधुर वाणी में वचन फरमाए।

प्रेमियों की नैनों में तृप्ति के अश्रु भर भर आए।


तत्पश्चात दाताजी ने प्रीतिभोज का आदेश  दिया ।

प्रेमियों का हुज़ूम इस दुर्लभ अवसर से खिल उठा।


दाता जी ने फरमाया जन्माष्टमी सेलिब्रेशन होना चाहिए।

  कव्वालियों का सिलसिला प्रारंभ होना चाहिए ।

 

कव्वालों की टोलियां आकर वहां थीं सज गईं।

अपने साजों सामान से थी वह सजी -धजीं ।


कव्वालियों का सिलसिला प्रारंभ हो गया।

  हर प्रेमी दाता जी के प्रेम रंग में रंग गया।

 


कव्वालों की आवाज पर संगत झूम झूम उठी।

दाता जी ने भी ताली बजा अपनी खुशी ज़ाहिर की।


तालियों की आवाज से सत्संग हॉल गूंज उठा।

इंद्र देवता  भी प्रसन्न हो झूमकर  बरस उठा।


  चेतना का सागर चहुं ओर था उमड़ रहा।

  सत्संग हॉल अनूठी आभा से था जगमगा रहा।

 

जश्न का समापन हुआ सब खुश हो घर लौट चले।

दाताजी की संगत में मिले अनमोल पल समेट चले।


वे दाता हम बच्चों पर यूं ही दया बरसाते रहें।

अपने मिशन के योग्य हर पल हमें बनाते रहें।



डॉक्टर स्वामी प्यारी कौड़ा

4 /64 विद्युत नगर  ,

दयालबाग, आगरा

10-9-2021

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