Friday, September 17, 2021

प्रणाम प्रेम हैं

 *प्रणाम* 🙏🏻🙏🏻

*एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर "भीष्म पितामह" घोषणा कर देते हैं कि -*


       *"मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा"*


        *उनकी घोषणा का पता चलते ही पांडवों के शिविर में बेचैनी बढ़ गई -*


    *भीष्म की क्षमताओं के बारे में सभी को पता था इसलिए सभी किसी अनिष्ट की आशंका से परेशान हो गए|*        *तब -*

  *श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा अभी मेरे साथ चलो -*


   *श्रीकृष्ण द्रौपदी को लेकर सीधे भीष्म पितामह के शिविर में पहुँच गए -*


  *शिविर के बाहर खड़े होकर उन्होंने द्रोपदी से कहा कि - अन्दर जाकर पितामह को प्रणाम करो -*


      *द्रौपदी ने अन्दर जाकर पितामह भीष्म को प्रणाम किया तो उन्होंने* - 

    *"अखंड सौभाग्यवती भव" का आशीर्वाद दे दिया , फिर उन्होंने द्रोपदी से पूछा कि !!*


   *"वत्स, तुम इतनी रात में अकेली यहाँ कैसे आई हो, क्या तुमको श्रीकृष्ण यहाँ लेकर आये है" ?*


  *तब द्रोपदी ने कहा कि -*

     *"हां और वे कक्ष के बाहर खड़े हैं" तब भीष्म भी कक्ष के बाहर आ गए और दोनों ने एक दूसरे से प्रणाम किया -*


*भीष्म ने कहा -*


*"मेरे एक वचन को मेरे ही दूसरे वचन से काट देने का काम श्रीकृष्ण ही कर सकते है"*


   *शिविर से वापस लौटते समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा कि -*


     *"तुम्हारे एक बार जाकर पितामह को प्रणाम करने से तुम्हारे पतियों को जीवनदान मिल गया है "* -


      *" अगर तुम प्रतिदिन भीष्म, धृतराष्ट्र, द्रोणाचार्य, आदि को प्रणाम करती होती और दुर्योधन- दुःशासन, आदि की पत्नियां भी पांडवों को प्रणाम करती होंती, तो शायद इस युद्ध की नौबत ही न आती "* -

*......तात्पर्य्......*


       *वर्तमान में हमारे घरों में जो इतनी समस्याए हैं उनका भी मूल कारण यही है कि -*


    *"जाने अनजाने अक्सर घर के बड़ों की उपेक्षा हो जाती है "*


    *" यदि घर के बच्चे और बहुएँ प्रतिदिन घर के सभी बड़ों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लें तो, शायद किसी भी घर में कभी कोई क्लेश न हो "*


     *बड़ों के दिए आशीर्वाद कवच की तरह काम करते हैं उनको कोई "अस्त्र-शस्त्र" नहीं भेद सकता -*


    *"निवेदन 🙏 सभी इस संस्कृति को सुनिश्चित कर नियमबद्ध करें तो घर स्वर्ग बन जाय।"*

              *क्योंकि*:-


        *प्रणाम प्रेम है।*

        *प्रणाम अनुशासन है।*

        *प्रणाम शीतलता है।*                  

        *प्रणाम आदर सिखाता है।*

        *प्रणाम से सुविचार आते है।*

        *प्रणाम झुकना सिखाता है।*

        *प्रणाम क्रोध मिटाता है।*

        *प्रणाम आँसू धो देता है।*

        *प्रणाम अहंकार मिटाता है।*

        *प्रणाम हमारी संस्कृति है।*

    

🙏  *सबको प्रणाम*  🙏🙏🙏🙏🙏

No comments:

Post a Comment

सूर्य को जल चढ़ाने का अर्थ

  प्रस्तुति - रामरूप यादव  सूर्य को सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य के ही चक्कर लगाते है इसलिए सभी ग्रहो में सूर्...