Sunday, November 21, 2021

गुरु धरा सीस पर हाथ)-संस्कृत

 *(गुरु धरा सीस पर हाथ)-

संस्कृत में अनुवाद: 


 गुरोर्हस्तविराजितशिरसि ,

व्यर्थचिंता किमर्थं कुर्यात् ।।

 गुरुरक्षा प्रतिपल साकं ,

 कथं न धैर्यं धारयेत् ।।

 गुरुरक्षक : रक्षयत्यस्मान् ,

नियंता सत्कार्याणाम् ।।

 तवपक्षे स्नेहं कुर्यात् ,

भवन्तु दूरं वैरिगणाः ।।**


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