Monday, November 29, 2021

संत सतगुरु संग

 *[बचन-1-परम गुरु महाराज साहब, परम गुरु सरकार साहब, परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज]-(94)-

(सत्संग) सतगुरु को देखा जा सकता है।  इसलिए, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां जो सबसे अच्छा पदार्थ उपलब्ध है, सत्संग और जिसे हम सत्संगी के अनुरोध पर प्रकट कर सकते हैं, वह यह है कि पहली बात यह है कि अपनी दृष्टि को दिव्य दृष्टि (दृष्टि) के साथ एकजुट करें, ताकि  सत्संगी में संत सतगुरु का गुण प्रवेश कर सकता है। 

इसलिए पहली बात तो यह है कि सत्संगी को अपनी निगाह भगवान की ओर लगानी चाहिए।  यदि कुछ और समय मिलता है, तो दूसरी बात यह है कि वह संत सतगुरु द्वारा स्पर्श की गई वस्तुओं का उपयोग करें और फिर तीसरी बात यह है कि वह संत सतगुरु की छवि का चिंतन करें और फिर शब्द को सुनें। 

जैसे जब एक थाली खायी जाती है तो दूसरी थाली के आने तक दूसरी कोटि की वस्तु का उपयोग किया जा सकता है, उसी प्रकार सतगुरु की दृष्टि से देखने में जो समय शेष रह जाता है, उसे खर्च करना चाहिए।

  उनके द्वारा छुए गए लेखों का उपयोग jकरने और सतगुरु की छवि पर विचार करने में। 

(राधास्वामी 30-11-2021 खेत में सुबह का सत्संग।)**

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