Sunday, November 28, 2021

मिश्रित पाठ

🙏राधास्वामी सतगुरू संत सुवामी, राधास्वामी अगम अगाध अनामी, राधास्वामी चरनन रहूँ लिपटाय, हर दम राधास्वामी नाम धियाय 🙏🍁


RADHASOAMI 🍁🙏



 🙏🌹राधास्वामी 🙏🌹

कोटि-कोटि करुं वंदना

अरब खरब दंडौत ।

राधास्वामी मिल गए

खुला भक्ति का स्रोत ।।


🙏🌹राधास्वामी 🙏🌹




 बिरहन सुरत सोच मन भारी,

कस जागे घट प्रीति करारी;

 दृढ़ परतीत हिये बिच आवे,

दर्शन कर गुरु चरन समावे 🍁🍁

राधास्वामी 🍁🙏



ना मैं किया न कर सका न

 करने जोग शरीर।

जो किया साहब किया ताते भया कबीर।।

🙏🌹राधास्वामी 🌹🙏/

🙏🌹राधास्वामी 🙏🌹


पलटू लिखा नसीब का संत देत हैं फेर ।

सांच नहीं दिल आपना तासे लागे देर ।।

🙏🌹राधास्वामी 🙏🌹

[11/29, 02:56] Pushkar Jijaji: माटी चुन चुन महल बनाया, लोग कहें घर मेरा, ना घर तेरा, ना घर मेरा, चिड़िया रैन बसेरा!

 कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी, जोड़ भरेला थैला, कहत कबीर सुनो भाई साधो, संग चले ना धेला!!

 उड़ जाएगा हंस अकेला!!!

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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