Saturday, April 24, 2021

हुज़ूर सत्संगी साहेब

 [4/23, 21:32] +91 98107 92461: मन का भव्य-विभाजन।  इसमें कोई संदेह नहीं कि मानसरोवर के साथ ट्रिपल के रूप में माइंड के ग्रैंड-डिवीजन में विकास के चरण के रूप में महासन से आगे की पहुंच वाली भूमि है, जिसके बाद सुन्न और त्रिकुटी ने ग्रैंड डिवीजन ऑफ मैटर (यानी माया) के अंतिम एक के साथ शुरुआत में नीदरलैंड में प्रवेश किया।  ध्रुव आत्माएं गहरी नींद की एक अनिद्रा की स्थिति में थीं और पहले से ही नीदरलैंड-पोल पर अंततः कोई "इनकार" नहीं छोड़ने का वादा करने के साथ जागृत हुई थीं।  ठाकुर के जयकारे, शांति और कभी आनंद का संदेश है।  हो सकता है कि आप सभी रचना के इस पूरे दौर में पहुंचें, आखिरकार आपके भाग्य ने सर्वोच्च मास्टर मास्टर ऑफ कॉन्शियसनेस के रूप में ट्रिपल-ट्रिनिटी (ट्रिनिटी) के शीर्ष स्तर पर इलेक्ट्रो-डायनेमिक संतुलन की भूमि का वादा किया।  धन्यवाद।

[4/23, 21:32] +91 98107 92461: 13 फरवरी, 2021 को VIRTUOUS "वर्चुअल रियलिटी मोड" में मैं सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के बीच अपनी शुभकामनाएँ दे रहा हूँ।  9 मार्च, 1937 को मेरे जन्म के बाद से लेकर 13 फरवरी, 2021 तक मेरे भाग्य को आकार देने वाले इन-स्टेट इंस्टीट्यूशंस। कई चुनौतियां रही हैं। हालांकि, नोवेल COVID-19 महामारी के रूप में कोई भी इतना तीव्र नहीं है, जो सभी पर व्याप्त हो।  ग्रह पृथ्वी और निर्माण के पूरे अंतरिक्ष समय के लिए मायने रखता है। हालांकि, सर्वोच्च होने और "स्टीयरिंग सहज "- आभा, अभिनव-" हेलो "और प्रेरणादायक-" ट्यूब-फ्लैश "पर काबू पाने के लिए" अनफिनिचिंग "का समर्थन दिया।  संकट और उन्हें अवसरों में बदलने के लिए हमारे पास कोई शब्द या इशारा नहीं है सिवाय एक बार फिर से अपने आप को गोल्डन मीन पाथ टू भक्ति यानी भक्ति मार्ग के लिए प्रस्तुत करने के लिए जो सृष्टि के पूरे भाग्य को सबसे भव्य बनाता है।  और बेहतरीन प्रकृति के सभी उप-परमाणु कणों के लिए एक जगह जो "बिंदु-आकार के दोहरे" के रूप में काम करती है, जिसे क्वांटम यांत्रिकी की भाषा में वर्णित किया गया है, जिसे सुप्रीम द्वारा प्रस्तुत अल्ट्रा-ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन के विभिन्न प्रदर्शनों के रूप में वर्णित किया गया है।  एवर-ब्लिसफुलनेस के एक मोनोलिथ के रूप में "सुपर-मल्टी-वैलेंटेंट" निज धाम के ऊपरी-सबसे पदानुक्रम ट्रिनिटी के साथ संयोजन में ब्लिसफुल ट्रिनिटी और शुरुआत में उन लोगों की एवर-उभरती ट्रिनिटी स्थिति पैदा करने का वादा किया गया, जो नीदरलैंड-पोल पर थे  अंत में कोई "इनकार" नहीं होगा, जैसा कि अगम और अलख लोक में त्रिमूर्ति के शीर्ष पर सुप्रीम क्रिएटर द्वारा वादा किया गया अनुग्रह और दया है, साथ ही अगम और अलख लोक के साथ ग्रैंड-डिवीजन में अयामी, सतलोक और भवरगुफा के बाद आगे।  विशुद्ध रूप से आध्यात्मिक डोमेन के रूप में जबकि इसी तरह से विकसित होने वाले चरण ट्रिनिटी के मध्य-स्तर में जारी हैं

Tuesday, April 20, 2021

बरगद एक लगाइये,पीपल रोपें पाँच।

 बरगद एक लगाइये,पीपल रोपें पाँच।

घरघर नीम लगाइये,यही पुरातन साँच।।

यही पुरातन साँच,- आज सब मान रहे हैं।

भाग जाय प्रदूषण सभी अब जान रहे हैं।।

विश्वताप मिट जाये होय हर जन मन गदगद।

धरती पर त्रिदेव हैं- नीम पीपल औ बरगद।।


*आप को लगेगा अजीब बकवास है किन्तु यह सत्य है.. .*


*पिछले 68 सालों में पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया है*


*पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजार्बर है, बरगद 80% और नीम 75 %*


*अब सरकार ने इन पेड़ों से दूरी बना ली तथा इसके बदले विदेशी यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन कर देता है*


*आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ो ने ले ली है*


*अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही*


*हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाये तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त हिन्दुस्तान होगा*


*वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए*

पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है जिसकी वजह शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं।

वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए-

*मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु,*

*सखा शंकरमेवच।*

*पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम,*

*वृक्षराज नमस्तुते।*

*अब करने योग्य कार्य*


*इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ायें*

🌳

सेहत के दोहे

 ~~~~~~स्वास्थ्य दोहावली~~~~~~~


गोमाता के दूध में, रुई भिगाओ आप!

चूर्ण फिटकरी बांधिए, मिटे आंख का ताप!!


पानी में गुड डालिए, बित जाए जब रात!

सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!!


धनिया की पत्ती मसल,बूंद नैन में डार!

दुखती अँखियां ठीक हों,पल लागे दो-चार!!


ऊर्जा मिलती है बहुत,पिएं गुनगुना नीर!

कब्ज खतम हो, पेट की मिट जाए हर पीर!!


प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!

बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!!


ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!

करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!!


सूर्य किरण, प्राकृतिक हवा, भोजन से स्पर्श!

हेल्थ बनावें आपका, पग-पग देवें हर्ष !!


भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!

चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!!


प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!

सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!!


दही उडद की दाल सँग, प्याज दूध के संग!

जो खाएं इक साथ में, जीवन हो बदरंग!!


प्रातः -दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार! 

तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!!


भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!

डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !!


देश, भेष, मौसम यथा, हो जैसा परिवेश!

वैसा भोजन कीजिये, कहते सखा सुरेश!!


इन बातों को मान कर, जो करता उत्कर्ष!

जीवन में पग-पग मिले, उस प्राणी को हर्ष!!


घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!

एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!!


अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!

पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!!


रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!

सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!!


सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!

भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश!!


देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!

अपच, आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल!!


टूथपेस्ट-ब्रश छोडकर, हर दिन दोनो जून!

दांत करें मजबूत यदि, करिएगा दातून!!


हल्दी तुरत लगाइए, अगर काट ले श्वान!

खतम करे ये जहर को, कह गए कवि सुजान!!


मिश्री, गुड, शहद, ये हैं गुण की खान!

पर सफेद शक्कर सखा, समझो जहर समान!!


चुंबक का उपयोग कर, ये है दवा सटीक!

हड्डी टूटी हो अगर, अल्प समय में ठीक!!


दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!

बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!!


हँसना, रोना, छींकना, भूख, प्यास या प्यार!

क्रोध, जम्हाई रोकना, समझो बंटाढार!!


सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!

दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!!


यदि सरसों के तेल में, पग नाखून डुबाय!

खुजली, लाली, जलन सब, नैनों से गुमि जाय!!


आलू का रस अरु शहद, हल्दी पीस लगाव!

अल्प समय में ठीक हों, जलन, फँफोले, घाव!!


भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!

पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!!


जो भोजन के साथ ही ,पीता रहता नीर!

रोग एक सौ तीन हों, फुट जाए तकदीर!!


पानी करके गुनगुना, मेथी देव भिगाय!

सुबह चबाकर नीर पी, रक्तचाप सुधराय!!


मूंगफली, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!

यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल!!


पहला स्थान सेंधा नमक, काला नमक सु जान!

श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!!


मैदे से बिस्कुट बने, रोके हर उत्कर्ष!

इसे न खावें रोक जो, हुए न चौदह वर्ष ।।


तेल वनस्पति खाइके, चर्बी लियो बढाइ!

घेरा कोलेस्टरॉल तो, आज रहे चिल्लाइ!!


जो अल्यूमिन के पात्र का, करता है उपयोग!

आमंत्रित करता सदा ,वह अडतालीस रोग!!


फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!

ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!!


चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!

गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!!


नींबू पानी का सदा, करता जो उपयोग!

पास नहीं आते कभी, यकृति-आंत के रोग!!


दूषित पानी जो पिए, बिगडे उसका पेट!

ऐसे जल को समझिए, सौ रोगों का गेट!!


रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय!

बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!!


भोजन करके खाइए, सौंफ, और गुड, पान!

पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!!


लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान!

तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान!!


हृदय रोग, खांसी और आंव करें बदनाम!

दो अनार खाएं सदा, बनते बिगडे काम!!


चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे !

ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !!


सौ वर्षों तक वह जिए, लेत नाक से सांस!

अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!!


मूली खाओ हर दिवस, करे रोग का नाश!

गैस और पाईल्स का, मिट जाए संत्रास!!


जब भी लघु शंका करें, खडे रहे यदि यार!

इससे हड्डी रीढ की, होती है बेकार!!


सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान!

घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!!


हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान!

सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!!


अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर!

नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!!


तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग!

मिट जाते हर उम्र में, तन के सारे रोग!!


मछली के संग दूध या, दूध-चाय, नमकीन!

चर्म रोग के साथ में, रोग बुलाते तीन!!


बर्गर, गुटखा, सुरा अरु कोक, सुअर का मांस!

जो हरदम सेवन करे, बने गले का फाँस!!


ध्यान रखें ये बात तो, मिट जाएं हर कलेश।

सूचना सबो के लिए

 *📌आवश्यक सूचना📌* 

 *कोविड 19 के बढते संक्रमण को देखते हुए आदेश है कि कोई भी किसी को घर में प्रवेश करने की अनुमति न दे। बच्चों को बाहर जाने की अनुमति न दे। अगर कोई बाहर से आता है तो उसे बाहर से ही वापस भेज दे। आस पड़ोस के लोग भी इस बात का ध्यान रखें। घर में रहे , सुरक्षित रहे।* 

 *🙏🏻🌹🌷 राधास्वामी🌷🌹🙏🏻*

Sunday, April 18, 2021

कोरोना हैं तों ये दवा ले

 यदि आप को *कोरोना* संक्रमण हो गया है तो ये निम्न *दवा न-1 से न-11* तक डॉक्टर के सलाह कर के लेना शुरू करें:



1: *Tab Azithromycin 500mg 1od ×5-10 days*:

यह एक एंटीबायोटिक्स है जो बैक्टीरियल इन्फेक्शन को रोकता है।

2: *Tab Doxycycline 100mg ×1hs× 5-10 days:* 

यह एक एंटीबायोटिक्स है जो बैक्टीरियल इन्फेक्शन को रोकता है।

3: *Tab Ivermectin 12mg ×1od×5 days:* 

यह एक एंटीपैरासिटिक है जो covid virus को रोकता है।

4: *Tab Ecosprin 75mg ×1hs×5-10 days:* 

यह एक blood thinner है जो रक्त को जमने से  रोकता है।

5: *Tab Pan 40mg 1bd×5-10 days:* 

यह गैस की दवा है।

6: *Tab Limcee 1tds×10 days:* 

यह विटामिन सी है जो इम्युनिटी को बढ़ाता है।

7: *Tab Folvite 5mg 1bd× 5-10days:* 

यह विटामिन है जो लंग्स के बलगम को क्लियर करता है।

8: *Tab Zinc 50mg 1bd×5-10days*: 

9: *Cap Uprise D3 1od ×5days:* 

यह विटामिन डी है जो इम्युनिटी को बढ़ाता है।

10: *Tab Sinarest/PCM 1bd-tds ×5-10 days*: 

यह एन्टी एलर्जिक व एन्टीपैरेटिक्स है जो बुखार एवं खांसी को कम करेगा।

11: *Tab Dexona/Medrol 4mg 1bd-tds ×5-10 days* : 

यह steroid है,जो रक्त एवं लंग्स में सूजन (inflammation) को कम करता है एवं निमोनिया से बचाता एवं ठीक करता है।

*नियमित 3-4 बार स्टीम/भांप लें।*

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नीचे लिखी हुई *दवा न-12 से न-15* तक एडिशनल हैं जो कोरोना के लक्षण बढ़ने पर लेना है। अगर आप को शुरुआत से ही ज्यादा लक्षण जैसे तेज बुखार, चलने पे सांस फूलना, तेज बदन दर्द होना, spo2 कम होना इत्यादि आना शुरू हो गया या आप ओबीस एवं डायबिटिक/हाई रिस्क हो तो ये दवा डॉ. की सलाह से जल्द  ऊपर लिखी हुई दवा के साथ शुरू कर दें:

12: *Tab Doxmax XP 1/2 bd or Tab Deriphylin 150mg 1bd×5-10days*: 

यह सांस फूलने की दवा है।

13: *Tab Fabiflu 1800mg 1bd for Day1, उसके बाद 800 mg 1bd from Day 2 to 10*: 

यह एक एंटीवायरल दवा है जो कोरोना वायरस को मल्टीप्लिकेशन को रोकता है। 

14: ज्यादा खांसी एवं सांस फूलने पर

Nebulization: *Duolin & Budecart* respule ×tds

15: दस्त/Diarrhea होने पर *Econorm/Enterogemina* 1bd-1tds लें।

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*ध्यान दें, यह केवल बचाव का तरीका है, दवा लेने से पहले डॉ. से सलाह अवश्य लें।* 

धन्यवाद।

 *Dr.K.C.Joshi.CDD.*

MBBS;DCh.(KGMC Lko)

Senior Child Specialist & Physician,

Sanjivani Hospital, Ramnagar,Distt.Nainital,Uttarakhand.

Thursday, April 15, 2021

RS सतसंग शाम 15/04

 **राधास्वामी!!15-04-2021-आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला पाठ:-                                                    

(1) धन्य धन्य सखी भाग हमारे

धन्य गुरु का संग री।।टेक।।

मैं अति दीन निबल नाकारी जानूँ न कोई ढंग री।।-

(मेहर करें जब राधास्वामी सतगुरु

 संशय भरम होयँ भंग री।।)

 (प्रेमबिलास-शब्द-126-पृ.सं.185,186)                                                     

   (2) पिरेमन सुरत आरती धार।

 चरन गुरु आई कर सिंगार।।

-(सरन गुरु हार हिये में डार।

सील की माला गले सँवार।।)

(प्रेमबानी-4-शब्द-23-पृ.सं.159,160)                                                         

 (3) यथार्थ प्रकाश-भाग दूसरा-कल से आगे।।         

सतसंग के बाद:-                                             

 (1) राधास्वामी मूल नाम।।                               

 (2) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।                                                                

  (3) बढत सतसंग अब दिन दिन। अहा हा हा ओहो हो हो।।                                         

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


**राधास्वामी!! 15-04- 2021

- आज शाम सत्संग में पढा गया बचन-

 कल से आगे :-(205)

का शेष भाग:-                            

मुंडक उपनिषद का उपदेश, जो पहले उपस्थित किया जा चुका है और जो स्पष्ट और विशद शब्दों में वर्णन किया जा चुका है, वेदभक्तों को सदा के लिए ह्रदय में स्थिर करने के योग्य है । फर्माया है:-" यह आत्मा न वेद पढ़ने से प्राप्त होता है और न मेघा ( बुद्धि) से, न बहुत सुनने से (सीखने से) हाँ जिसको वह आप चुन लेता है वही उसे पा सकता है" ( 3/2/3)                                    

और ऋग्वेद का निम्नांकित आदेश,जिसका पहले भी उल्लेख हो चुका है, स्वर्णअक्षरों में लिखने के योग्य है:-                                          "

 जो शख्स उस अविनाशी परमात्मा को नहीं जानता, जो ऋचाओं ( वेदों) का तात्पर्य (सार) है और जिसमें सब देवता स्थित है वह वेदों से क्या करेगा? जो उसको जानते हैं वे ही शांति से रहते हैं (4/8)।                                          

आप ही विचार करें कि जो व्यक्ति हृदय की शुद्धता तक के लिए चेष्टा न करें, जिसे मालिक के दर्शन की प्राप्ति तो क्या दर्शन के लिए इच्छा तक न हो, और वेदों को रटता फिरे, उसको 'वेदपशु' न कहा जाय तो क्या कहा जाय?                                                 

  🙏🏻राधास्वामी🙏🏻   

                                        

   यथार्थ प्रकाश-भाग दूसरा-

 परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


कोरोना का दयालबाग़ मानक इलाज (E/H) प्लान

 It was advised that those who have tested positive for   Covid - 19 infection should follow standard Dayalbagh Covid - 19 treatment and also   preventive recommendations ,   as given below :

                                                        ( 1 )    TREATMENT OF COVID POSITIVE


1. Isolation home/ hospital

2. Mask and helmet ( self and others)

3. Social distancing ( 2 meters/ 6feet)

4. UV light ( to be used with due precautions)

5. Hybridized with 1% sodium hypochlorite via spray technology

6. Dexamethasone 6mg daily in divided doses after food for 10 days

7. Azithromycin 500 mg once a day for 5 days

8. Hydroxychloroquine ( HCQ) 400 mg once a day for 5 days

9. Ivermectin 12 mg once a day for 3 days , then on 7th day and 30th day. 

10. Vitamin C 500 mg twice a day

11. Zinc 50 mg twice a day

12. Paracetamol 500 mg for fever as required

13. Kaalmegh kaadha 15 ml once daily for 6 days

14. Gelsimium 200 every 5th day

15. AT tabs 2-4 tabs 2-4 times a day.

 


( 2 )

 

 MANAGEMENT OF CONTACTS OF COVID 19 POSITIVE INDIVIDUALS

 

Definition of contact

A contact is defined as a healthy person that has been in such association with an infected person or a contaminated environment as to have been exposed and is therefore at a higher risk of developing disease.

 Duration of home quarantine 

a) The home quarantine period is for 14 days from the last ( latest) contact with a confirmed case.

b) Those tested positive for COVID-19 but had no symptoms need to be quarantined for 14 days. 

AT THE END OF HOME QUARANTINE, YOU NEED TO BE RE- TESTED AND GET IN TOUCH WITH YOUR TREATING PHYSICIAN. 

Instructions for contacts / asymptomatic COVID positive being home

Quarantined

The home quarantined person should: 

1.       Stay in a well-ventilated single-room preferably with an attached/separate toilet. If another family member needs to stay in the same room, it’s advisable to maintain a distance of at least 2 meters / 6 feet between the two. ( SOCIAL / SAFE DISTANCING )

2.       Needs to stay away from elderly people, pregnant women, children and persons with co-morbidities within the household.

3.       Restrict his/her movement within the house. 

4.       Under no circumstances attend any social/religious gathering e.g. wedding, condolences, etc except through virtual reality mode. Ie. Through video conferencing.

5.       He should also follow the under mentioned public health measures at all times: 

• Wash hand as often thoroughly with soap and water or with hand sanitizer.

• Avoid sharing household items e.g. dishes, drinking glasses, cups, eating utensils, towels, bedding, or other items with other people at home. 

• Wear a surgical mask / multiple layered well fitting cloth mask  at all the time covering the mouth as well as the nose. 

•  Disposable Masks used by patients / caregivers/ close contacts during home care should be disinfected using  sodium hypochlorite solution (1%) and then disposed of.

• Used cloth masks should be considered as potentially infected and should be handled with gloved hands by the caregiver OR directly dipped into a detergent solution by the patient himself / herself and washed separately and dried in sunlight.

• If symptoms appear (cough/fever/difficulty in breathing), he/she should immediately inform their  treating doctor.

6.       Take Gelsemium 200 ( Homeopathy medicine ) every 5th day and Arsenic alba. 30 once a month for 3 consecutive days.

ALL TESTING COVID 19 POSITIVE SHOULD TAKE STANDARD TREATMENT UNDER GUIDANCE OF THEIR TREATING DOCTOR AND MOVE INTO ISOLATION

Instructions for the family members of persons being home quarantined 

• Only an assigned family member should be tasked with taking care of the such person.

• Avoid shaking the soiled linen. 

• Use disposable gloves when cleaning the surfaces or handling soiled linen.

• Wash hands after removing gloves.

• Visitors should not be allowed.

• In case the person being quarantined becomes symptomatic, all his close contacts will be home quarantined (for 14 days) and followed up for further 14days or till the report of such case turns out negative on lab testing. 

Environmental sanitation 

a) Clean and disinfect frequently touched surfaces in the quarantined person’s room (e.g. bed frames, tables etc.) daily with 1%Sodium Hypochlorite Solution and surface shining / dispersal of ULTRAVIOLET LIGHT with due precautions ( HYBRID SANITIZATION ).

b) Clean and disinfect toilet surfaces daily with regular household bleach solution/phenolic disinfectants. 

c) Clean the clothes and other linen used by the person separately using common household detergent and dry.


आपको  सलाह  दी  गई, कि  जिन  लोगों  में  कोविड  १९   इन्फेक्शन  पॉजिटिव  पाया  गया ,  उन  सभी  को  दयालबाग  के  कोविड  १९  के  स्टैंडर्ड  ट्रीटमेन्ट  का  पालन  करना  चाहिए   व  उससे  बचाव  के  लिए  निम्नलिखित  उपाय  करने  चाहिए:


 *१)*   खुद  को  घर / हॉस्पिटल  में   आइसोलेट  करें।


 *२)*  हेलमेट  व  मास्क  (नाक  और  मुंह  कवर  हो)  का  प्रयोग।


 *३)* सोशल  डिसटेनसिंग  (२  मीटर / ६  फीट)।


 *४)* अल्ट्रावॉयलेट  लाइट  का  उपयोग   सावधानीपूर्वक  करें।


 *५)*  अपने  घरों  में  सोडियम  हाइपोक्लोराइट  (१%)  का  स्प्रे  करें।


 *६)*  रोजाना  खाना  खाने  के  बाद, डिवाइडेड  खुराक   में  डेक्सामेथासोन, ६  एम. जी. की  टेबलेट  १०  दिनों  तक  लें।


 *७)* एजीथ्रोमाइसिन   ५००  एमजी  की  खुराक  दिन  में  एक  बार, लगातार  ५  दिनों  तक।


 *८)*  हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन  (एच.सी.क्यू.)  ४००  एमजी  की  खुराक  दिन  में  एक  बार  लगातार   ५   दिनों   तक।


 *९)*  आइवरमेक्टिन,  १२  एमजी  की खुराक  दिन  में  एक  बार,  तीन  दिनों  तक,  उसके  बाद  सातवें  दिन  फिर  तीसवें  दिन।


 *१०)*  विटामिन सी.,   ५००  एमजी  की  खुराक  दिन  में  २  बार।


 *११)* जिन्क, ५०  एमजी  की  खुराक  दिन  में  २  बार।


 *१२)* जब  भी  कभी  बुखार  महसूस  हो  तो,  पैरासिटामोल,  ५०० एमजी।


 *१३)*  कालमेघ काढ़ा, १५  एमएल, दिन  में  एक  बार,  ६  दिनों  तक।


 *१४)*  जेलसिमियम २०० (होम्योपैथी)   हर  पांचवे  दिन।


 *१५)*  AT  टैबलेट्स  (२ - ४ टेबलेट)  दिन  में २ - ४ बार


*🙏🙏🙏राधास्वामी*🙏🙏🙏🙏🙏

Wednesday, April 14, 2021

इस तरह सावधान रहे कोरोना-19 से

 🙏 *डाॅ. किंजल जैन*🙏 

कोरोना के लिए घर पर आवश्यक चिकित्सा किट :--*


1. पारासिटामोल ।

2. बीटाडीन गार्गल- माउथवॉश के लिए ।

3. विटामिन 'सी' और 'डी' ।

4. बी कॉम्प्लेक्स ।

5. भाप लेने के लिए भाप पात्र, तपेली । चुटकी भर सैंदा नमक की भाप भी ले सकते हैं ।

6. पल्स ऑक्सीमीटर ।

7. ऑक्सीजन सिलेन्डर *(केवल आपातकाल के लिए) ।*

8. गहरी साँस लेने के व्यायाम करें।


*👉कोरोना के तीन चरण:-*


1. *केवल नाक में कोरोना* -

 

रिकवरी का समय आधा दिन होता है, 

इसमें आमतौर पर बुखार नहीं होता है और इसे *असिम्टोमाटिक* कहते हैं |

इसमें क्या करें :- 

स्टीम इन्हेलिंग करें व विटामिन 'सी' लें | 


2. *गले में खराश* -

 

रिकवरी का समय 1 दिन होता है 

इसमें क्या करें : -

गर्म पानी के गरारे करें, पीने में गर्म पानी लें, 

अगर बुखार हो तो पारासिटामोल लें | 

अगर गंभीर हो तो विटामिन 'सी' , बी.काम्पलेक्स और एंटीबायोटिक लें | 


3. *फेफड़े में खांसी* -


4 से 5 दिन में खांसी और सांस फूलना। 

इसमें क्या करें :--

गर्म पानी के गरारे करें, पीने में गर्म पानी लें, 

विटामिन 'सी' , बी कॉम्प्लेक्स, पारासिटामोल लें और गुनगुने पानी के साथ नींबू का सेवन करें। 

ऑक्सीमीटर से अपने ऑक्सीजन लेबल की जाँच करते रहें | अगर आपके पास ऑक्सीमीटर 

नहीं हो तो आप किसी भी दवा दुकान में काल कर के होम डिलीवरी लें अथवा 

पीएमसीएच में कॉल सकते हैं |

गहरी साँस लेने का व्यायाम करें

अगर समस्या गंभीर हो तो ऑक्सीजन सिलेन्डर मंगाए और डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श लें | 


*अस्पताल जाने के लिए स्टेज:-*


ऑक्सीमीटर से अपने ऑक्सीजन लेवल की जाँच करते रहें । यदि यह 92 ( सामान्य 98 -100 ) के 

पास जाता है और आपको कोरोना के लक्षण

*(जैसे की बुखार, सांस फूलना इत्यादि)* है तो 

आपको ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होती है। इसके लिए तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य सेवा केंद्र पर संपर्क करें व परामर्श लें | 


*स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें !*

 कृपया अपने परिवार और समाज का ख्याल रखें | घर पर रहें और सुरक्षित रहें |


 *ध्यान दें:-*


कोरोना वायरस का pH  5.5 से 8.5 तक होता है ।

इसलिए, वायरस को खत्म करने के लिए हमें बस इतना करना हैं कि वायरस की अम्लता के स्तर से अधिक क्षारीय खाद्य पदार्थों का सेवन करें।


 *जैसे कि:*


- *केले*

- *हरा नींबू - 9.9 पीएच*

- *पीला नींबू - 8.2 पीएच*

- *एवोकैडो - 15.6 पीएच*

- *लहसुन - 13.2 पीएच*

- *आम - 8.7 पीएच*

- *कीनू - 8.5 पीएच*

- *अनानास - 12.7 पीएच*

- *जलकुंड - 22.7 पीएच*

- *संतरे - 9.2 पीएच*


 *कैसे पता चलेगा कि आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं ?*


 1.  *गला सूखना*

 2. *सूखी खांसी*

 3. *शरीर का उच्च तापमान* 

 4. *सांस की तकलीफ*

 5. *सिर दर्द*

 6. *बदन दर्द*


गर्म पानी के साथ नींबू पीने से वायरस फेफड़ों तक पहुँचने से पहले ही खत्म हो जाते हैं | 


*इस जानकारी को खुद तक न रखें।* 

इसे अपने सभी परिवार और दोस्तों और सभी के साथ शेयर करें । 

आपको नहीं पता की इस जानकारी को शेयर करके आप कितनी जान बचा रहे हैं | 

इसे शेयर करें और लोगों की मदद करें | 

ताकि अधिक से अधिक लोगों को  जानकारी हो सके।


*डॉ.  किंजल जैन*🙏

RS सतसंग DB सुबह 15/04

 **राधास्वामी!!15-04-2021-आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला पाठ:-                                                   

 (1) चौका बरतन किया अचंभी।

स़फा किया मन अपना हम भी।।

-(सतगुरु सेवा में रहूँ लागी। छिन छिन चरन कँवल में पागी।।)

 (सारबचन-शब्द-दूसरा-पृ।सं.900,901)

(- राजाबरारी ब्राँच-अधिकतम उपस्थिति-84)                                                            

(2) गुरु प्यारे की प्यारी कर परतीत।।टेक।।

 भाव सहित सतसँग कर उनका। धार हिये में गहिरी प्रीत।।-

(राधास्वामी चरन पकड ले दृढ कर। वोही है तेरे सच्चे मीत।।)

 (प्रेमबानी-3-शब्द-26-पृ.सं.28)                        

सतसंग के बाद:-                                             

  (1) राधास्वामी मूल नाम।।                                 

(2) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।                     

 (3) बढत सतसंग अब दिन दिन। अहा हा हा ओहो हो हो।।               

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻



**परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज-

भाग 1- कल से आगे

Hh:- इसलिए डर और दहशत मालूम होने के बजाय वहीं पर इत्मीनान से लेटने के लिए तैयार हुए।  इसके बाद तुरंत ही उन्होंने देखा कि दुश्मन के बीच में हवाई जहाज उस जगह के ऊपर से गुजरने लगे। उनका निचला भाग बहुत रोशन और चमकदार था जिससे सारा आसमान रोशन हो गया।


 तुरंत उन हवाई जहाजों से दहकते हुए गर्म लोहे की तरह चमकदार सुर्ख सुर्ख बम,जो लगभग छः फीट लंबे ढाई फीट चौड़े और 2 फीट मोटे थे, गिरने शुरू हो गये, उनमें से बहुत से बम तो उन दोनों शख्सों के दायें बायें और चारों ओर बिल्कुल पास पास गिरे और एकदम उनके ऊपर भी गिरता हुआ मालूम पड़ा लेकिन यह दोनों शख्स बिल्कुल नहीं घबराये और न एक रत्ती भर अपनी जगह से टस से मस हुए ।

इतने ही में उनमें से कहानी सुनाने वाले ने स्वपन में ही बाईं और करवट ली और उसकी आंख खुल गई। तुरंत ही वह अपने आपको दयालबाग में देखता है और यह है कि हवाई जहाज और बम सब गायब हो गये और दयालबाग में जीवन निर्भय व्यतीत हो रहा है।

  3 जुलाई को जब सुबह डॉक्टर साहब तशरीफ लाये तो स्वपन देखने वाले ने उनके सामने अपना यह स्वपन पेश किया और बतलाया कि आज सुबह से तबीयत निश्चित रूप से स्वस्थ हो रही है। क्रमशः                                       

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज

-[भगवद् गीता के उपदेश]

-{ 13 वाँ अध्याय}-

क्षेत्र (जिस्म) और क्षेत्रज्ञ (जान) का बयान।                                                        

 [जिस्म और जान का तत्व बयान करके असली अध्यात्म(आत्म-संबंधी ज्ञान) का उपदेश होता है।]                                             

अर्जुन ने सवाल किया- श्री महाराज! कृपा करके यह फर्मावे कि प्रकृति( माद्दा) व पुरुष(रुह) क्षेत्र (जिस्म) व क्षेत्रज्ञ( ज्ञान), ज्ञान (इल्म) व ज्ञेय(मालूम) किसे कहते हैं? श्री कृष्ण जी ने जवाब दिया- अर्जुन! यह जिस्म क्षेत्र कहलाता है और इसके जाने वाले को ऋषि (तत्वदर्शी) क्षेत्रज्ञ(जान) जान कहते हैं और कुल जिस्मों में जगन मुझे ही समझो, और जिस्म और जान का ज्ञान ही मेरी राय में ज्ञान है।

 अब संक्षेप में यह बतलाऊँगा कि वह जिस्म क्या चीज है, उसके गुण क्या है, उसमें क्या विकार( परिवर्तन) होता है और उसका (जिस्म का) भंडार क्या है और यह कि जान क्या चीज है और उसका प्रभाव (असर) क्या है- तो सुनो ।।                                           

ऋषियों ने यह भेद अनेक प्रकार से तरह-तरह के छंदों में और युक्तियुक्त और अन्वेषणापूर्ण ब्रह्मसूत्रों में वर्णन किये है।

【 5】 क्रमशः🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


**परम गुरु हुजूर महाराज-

 प्रेम पत्र- भाग 2- कल से आगे-( 7 )-

सत्संगी को चाहिए कि जो उसके घराने में पुरानी रस्में जारी है और उसके कुटुंबी उनको बिरादरी के खातिर बदस्तूर रखना चाहें, तो उनको उन रस्मों में बरतने देवे। और जो वे परमार्थ में इसका संग दे रहे हैं , तो इसको भी मुनासिब है कि जाहिरी तौर पर उन रस्मों में अपने को कुटम्बियों का संग देवें और अंतर में यह भी और कुटुंबी भी राधास्वामी का ध्यान करें। इसमें किसी तरह का प्रमार्थी हर्ज नहीं होगा।

जब तक सत्संगी गृहस्थ में बैठा है, तब तक उसको अपनी बिरादरी से थोड़ा बहुत व्यवहार रखना जरूर और मुनासिब है और इस वास्ते उनके खातिर कोई कोई पुरानी रस्म और चाल भी जारी रखना मुनासिब है।

 और जिसमें बिरादरी के शरीक होने या दखल देने की खास जरूरत नहीं है, उस रस्म में कमी बेशी करने का इख्तियार है। और जिस रस्म के सबब से कोई खास तकलीफ क्या नुकसान या मुश्किल उठानी पड़े और ऐसी रस्म को बदलना मुनासिब मालूम होवे और बिरादरी का उसमें खास दखल नहीं है, तो इख्तियार है कि उस रस्म को जिस तौर से मुनासिब होवे बदल देवे, पर इस कदर एहतियात रक्खें कि कोई काम अहंकार और जबरदस्ती ( और लोगों के दिल दुखाने को) दिखावे के साथ न करें कि इसमें नाहक तकलीफ हो नुकसान उठाना पड़ेगा।

 क्रमशः                                         

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

रहिमे दोहे

 : मनुष्य को सोचसमझ कर व्यवहार करना चाहिए,क्योंकि किसी कारणवश यदि बात बिगड़ जाती है तो फिर उसे बनाना कठिन होता है, जैसे यदि एकबार दूध फट गया तो लाख कोशिश करने पर भी उसे मथ कर मक्खन नहीं निकाला जा सकेगा.

–2–

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय.
टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय.

अर्थ: रहीम कहते हैं कि प्रेम का नाता नाज़ुक होता है. इसे झटका देकर तोड़ना उचित नहीं होता. यदि यह प्रेम का धागा एक बार टूट जाता है तो फिर इसे मिलाना कठिन होता है और यदि मिल भी जाए तो टूटे हुए धागों के बीच में गाँठ पड़ जाती है.

–3–

रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि.
जहां काम आवे सुई, कहा करे तरवारि.

अर्थ: रहीम कहते हैं कि बड़ी वस्तु को देख कर छोटी वस्तु को फेंक नहीं देना चाहिए. जहां छोटी सी सुई काम आती है, वहां तलवार बेचारी क्या कर सकती है?

–4–

जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग.
चन्दन विष व्यापे नहीं, लिपटे रहत भुजंग.

अर्थ: रहीम कहते हैं कि जो अच्छे स्वभाव के मनुष्य होते हैं,उनको बुरी संगति भी बिगाड़ नहीं पाती. जहरीले सांप चन्दन के वृक्ष से लिपटे रहने पर भी उस पर कोई जहरीला प्रभाव नहीं डाल पाते.

–5–

रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार.
रहिमन फिरि फिरि पोइए, टूटे मुक्ता हार.

अर्थ: यदि आपका प्रिय सौ बार भी रूठे, तो भी रूठे हुए प्रिय को मनाना चाहिए,क्योंकि यदि मोतियों की माला टूट जाए तो उन मोतियों को बार बार धागे में पिरो लेना चाहिए.

–6–

जो बड़ेन को लघु कहें, नहीं रहीम घटी जाहिं.
गिरधर मुरलीधर कहें, कछु दुःख मानत नाहिं.

अर्थ: रहीम कहते हैं कि बड़े को छोटा कहने से बड़े का बड़प्पन नहीं घटता, क्योंकि गिरिधर (कृष्ण) को मुरलीधर कहने से उनकी महिमा में कमी नहीं होती.

–7–

जैसी परे सो सहि रहे, कहि रहीम यह देह.
धरती ही पर परत है, सीत घाम औ मेह.

अर्थ: रहीम कहते हैं कि जैसी इस देह पर पड़ती है – सहन करनी चाहिए, क्योंकि इस धरती पर ही सर्दी, गर्मी और वर्षा पड़ती है. अर्थात जैसे धरती शीत, धूप और वर्षा सहन करती है, उसी प्रकार शरीर को सुख-दुःख सहन करना चाहिए.

–8–

 खीरा सिर ते काटि के, मलियत लौंन लगाय.
रहिमन करुए मुखन को, चाहिए यही सजाय.

अर्थ: खीरे का कडुवापन दूर करने के लिए उसके ऊपरी सिरे को काटने के बाद नमक लगा कर घिसा जाता है. रहीम कहते हैं कि कड़ुवे मुंह वाले के लिए – कटु वचन बोलने वाले के लिए यही सजा ठीक है.

–9–

दोनों रहिमन एक से, जों लों बोलत नाहिं.
जान परत हैं काक पिक, रितु बसंत के माहिं.

अर्थ: कौआ और कोयल रंग में एक समान होते हैं। जब तक ये बोलते नहीं तब तक इनकी पहचान नहीं हो पाती।लेकिन जब वसंत ऋतु आती है तो कोयल की मधुर आवाज़ से दोनों का अंतर स्पष्ट हो जाता है.

–10–

रहिमन अंसुवा नयन ढरि, जिय दुःख प्रगट करेइ,
जाहि निकारौ गेह ते, कस न भेद कहि देइ.

अर्थ: रहीम कहते हैं की आंसू नयनों से बहकर मन का दुःख प्रकट कर देते हैं। सत्य ही है कि जिसे घर से निकाला जाएगा वह घर का भेद दूसरों से कह ही देगा.

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–11–

रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय.
सुनी इठलैहैं लोग सब, बांटी न लेंहैं कोय.

अर्थ: रहीम कहते हैं की अपने मन के दुःख को मन के भीतर छिपा कर ही रखना चाहिए। दूसरे का दुःख सुनकर लोग इठला भले ही लें, उसे बाँट कर कम करने वाला कोई नहीं होता.

–12–

पावस देखि रहीम मन, कोइल साधे मौन.
अब दादुर वक्ता भए, हमको पूछे कौन.

अर्थ: वर्षा ऋतु को देखकर कोयल और रहीम के मन ने मौन साध लिया है. अब तो मेंढक ही बोलने वाले हैं। हमारी तो कोई बात ही नहीं पूछता. अभिप्राय यह है कि कुछ अवसर ऐसे आते हैं जब गुणवान को चुप रह जाना पड़ता है. उनका कोई आदर नहीं करता और गुणहीन वाचाल व्यक्तियों का ही बोलबाला हो जाता है.

–13–

रहिमन विपदा हू भली, जो थोरे दिन होय.
हित अनहित या जगत में, जान परत सब कोय.

अर्थ: रहीम कहते हैं कि यदि विपत्ति कुछ समय की हो तो वह भी ठीक ही है, क्योंकि विपत्ति में ही सबके विषय में जाना जा सकता है कि संसार में कौन हमारा हितैषी है और कौन नहीं।

–14–

वे रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग.
बांटन वारे को लगे, ज्यों मेंहदी को रंग.

अर्थ: रहीम कहते हैं कि वे लोग धन्य हैं जिनका शरीर सदा सबका उपकार करता है. जिस प्रकार मेंहदी बांटने वाले के अंग पर भी मेंहदी का रंग लग जाता है, उसी प्रकार परोपकारी का शरीर भी सुशोभित रहता है.

–15–

समय पाय फल होत है, समय पाय झरी जात.
सदा रहे नहिं एक सी, का रहीम पछितात.

अर्थ: रहीम कहते हैं कि उपयुक्त समय आने पर वृक्ष में फल लगता है। झड़ने का समय आने पर वह झड़ जाता है. सदा किसी की अवस्था एक जैसी नहीं रहती, इसलिए दुःख के समय पछताना व्यर्थ है.

–16–

ओछे को सतसंग रहिमन तजहु अंगार ज्यों.
तातो जारै अंग सीरै पै कारौ लगै.

अर्थ: ओछे मनुष्य का साथ छोड़ देना चाहिए. हर अवस्था में उससे हानि होती है – जैसे अंगार जब तक गर्म रहता है तब तक शरीर को जलाता है और जब ठंडा कोयला हो जाता है तब भी शरीर को काला ही करता है.

–17–

वृक्ष कबहूँ नहीं फल भखैं, नदी न संचै नीर
परमारथ के कारने, साधुन धरा सरीर !

अर्थ: वृक्ष कभी अपने फल नहीं खाते, नदी जल को कभी अपने लिए संचित नहीं करती, उसी प्रकार सज्जन परोपकार के लिए देह धारण करते हैं !

New Addition July 2018:

रहीम दास के दोहे

Rahim Das Ke Dohe With Meaning in Hindi

–18–

लोहे की न लोहार की, रहिमन कही विचार जा
हनि मारे सीस पै, ताही की तलवार

अर्थ: रहीम विचार करके कहते हैं कि तलवार न तो लोहे की कही जाएगी न लोहार की, तलवार उस वीर की कही जाएगी जो वीरता से शत्रु के सर पर मार कर उसके प्राणों का अंत कर देता है.

–19–

तासों ही कछु पाइए, कीजे जाकी आस
रीते सरवर पर गए, कैसे बुझे पियास

अर्थ: जिससे कुछ पा सकें, उससे ही किसी वस्तु की आशा करना उचित है, क्योंकि पानी से रिक्त तालाब से प्यास बुझाने की आशा करना व्यर्थ है.

–20–

माह मास लहि टेसुआ मीन  परे थल और
त्यों रहीम जग जानिए, छुटे आपुने ठौर

अर्थ: माघ मास आने पर  टेसू का वृक्ष और पानी से बाहर पृथ्वी पर आ पड़ी मछली की दशा बदल जाती है. इसी प्रकार संसार में अपने स्थान से छूट जाने पर  संसार की अन्य वस्तुओं की दशा भी बदल जाती है. मछली जल से बाहर आकर मर जाती है वैसे ही संसार की अन्य वस्तुओं की भी हालत होती है.

–21–

रहिमन नीर पखान, बूड़े पै सीझै नहीं
तैसे मूरख ज्ञान, बूझै पै सूझै नहीं

अर्थ: जिस प्रकार जल में पड़ा होने पर  भी पत्थर नरम नहीं होता उसी प्रकार मूर्ख व्यक्ति की अवस्था होती है ज्ञान दिए जाने पर भी उसकी समझ में कुछ नहीं आता.

–22–

संपत्ति भरम गंवाई के हाथ रहत कछु नाहिं
ज्यों रहीम ससि रहत है दिवस अकासहि माहिं

अर्थ: जिस प्रकार दिन में चन्द्रमा आभाहीन हो जाता है उसी प्रकार जो व्यक्ति किसी व्यसन में फंस कर अपना धन गँवा देता है वह निष्प्रभ हो जाता है.

–23–

साधु सराहै साधुता, जाती जोखिता जान
रहिमन सांचे सूर को बैरी कराइ बखान

अर्थ: रहीम  कहते हैं कि इस बात को जान लो कि साधु सज्जन की प्रशंसा करता है यति योगी और योग की प्रशंसा करता है पर सच्चे वीर के शौर्य की प्रशंसा उसके शत्रु भी करते हैं.

–24–

वरू रहीम  कानन भल्यो वास करिय फल भोग
बंधू मध्य धनहीन ह्वै, बसिबो उचित न योग

अर्थ: रहीम कहते हैं कि निर्धन होकर बंधु-बांधवों के बीच रहना उचित नहीं  है इससे अच्छा तो यह है कि वन मैं जाकर रहें और फलों का भोजन करें.

–25–

राम न जाते हरिन संग से न रावण साथ
जो रहीम भावी कतहूँ होत आपने हाथ

अर्थ: रहीम कहते हैं कि यदि होनहार अपने ही हाथ में होती, यदि  जो होना है उस पर हमारा बस होता तो ऐसा क्यों होता कि राम हिरन के पीछे गए और सीता का हरण हुआ. क्योंकि होनी को होना था – उस पर हमारा बस न था इसलिए तो   राम स्वर्ण मृग के पीछे गए  और  सीता को रावण हर कर  लंका ले गया.

–26–

रहिमन रीति सराहिए, जो घट गुन सम होय
भीति आप पै डारि के, सबै पियावै तोय

अर्थ: रहीम कहते हैं कि उस व्यवहार की सराहणा की जानी चाहिए जो घड़े और रस्सी के व्यवहार के समान हो घडा और रस्सी स्वयं जोखिम उठा कर दूसरों को जल पिलाते हैं जब घडा कुँए में जाता है तो रस्सी के टूटने और घड़े के टूटने का खतरा तो रहता ही है.

–27–

निज कर क्रिया रहीम कहि सीधी भावी के हाथ
पांसे अपने हाथ में दांव न अपने हाथ

अर्थ: रहीम कहते हैं कि अपने हाथ में तो केवल कर्म करना ही होता है सिद्धि तो भाग्य से ही मिलती है जैसे चौपड़ खेलते समय पांसे तो अपने हाथ में रहते हैं पर दांव क्या आएगा यह अपने हाथ में नहीं होता.

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Vijaya Sati

Vijaya Sati

रहीम दास जी के दोहों का यह संकलन विजया सती जी ने किया है . इन्हें देश -विदेश में हिन्दी भाषा पढ़ने और पढ़ाने  में विशेष रूचि है साथ ही इन्हें लिखना भी पसंद है.

निवेदन: कृपया अपने comments के मध्यम से बताएं कि रहीम दास जी  ( Rahim Ke Dohe) के दोहों का यह संकलन आपको कैसा लगा .

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Gopal Mishra

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    महान है ये । महान है ये । महान है ये ।।
    महान है वो जिन्होंने ने इनके विचारों का आह्वान किया अपनी जिंदगी ।।
    प्रणिपात सबको

  • धीरे धीरे रे मना धीरे धीरे से सब हो़ए,माली सिंचे सौ ः घड़ा ऋतु आए फल होए।।

  • रहीम के दोहे जीवन जीने की कला सिखाते हैं। ये सर्वोपयोगी और सर्वकालिक हैं।

  • Nice work. I want to say that Abdurrahim Khan Khana ji was a king and one of navratnas of Akbar.The word DAAS suffixed to his name is not correct, as I opin

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