Wednesday, April 7, 2021

सतसंग RS शाम 07/04

 **राधास्वामी!! 07-04-2021- आज शाम सतसँग में पढे गये पाठ:-  

                                                                             (1) आवो गुरु दरबार री मेरी प्यारी सुरतिया।। (देहरादून ब्राँच-183- उपस्तिथि।) 

                                                    

   (2) होली खेले रँगीली नार।

सतगुरु से प्रेम लगाई।।टेक।।

दीन अधीन रली सतसँग में।

घट अनुराग जगाई।।

प्रीत प्रतीति बढत चरनन में। दिन दिन भक्ति सवाई।।

मेहर से काल की अटक तुडाई।।

-( ) ( प्रेमबानी-4-शब्द-17-पृ.सं.154,155)                                                     

  (3) यथार्थ प्रकाश-भाग दूसरा-कल से आगे।         

सतसँग के बाद:-                                            

  (1) राधास्वामी मूल नाम।।                               

   (2) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।                                                                        

  (3) बढत सतसँग अब दिन दिन। अहा हा हा ओहो हो हो।।                                          

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

**राधास्वामी!! 07-04- 2021-

आज शाम सत्संग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे

:- [वेदों और शास्त्रों की निन्दा]-(202)- पिछले पृष्टों में वेदों, उपनिषदों और वेदांत दर्शन के प्रमाणों से बतलाया गया कि हिंदू -शास्त्रों में ब्राह्मलोक और परब्रह्म का भेद लिखा है और सिद्ध किया गया कि उन लोकों के अतिरिक्त, जिनका इन शास्त्रों में वर्णन है, कोई सत्यदेश भी होना चाहिए जिसमें मालिक के सच्चिदानंद स्वरूप का दर्शन हो सके और समझाया गया कि इस सत्यदेश का भेद संतों ने अपने पवित्र बानी में प्रकट फर्माया है। इसके अतिरिक्त वर्णन हुआ कि ब्रह्मलोक और उससे नीचे के सब लोक महाप्रलय के समय नष्ट हो जाते हैं। संभवत इसी कारण कोई कोई सदा के लिए मुक्ति स्वीकार नहीं करते हैं ।

 वेदांत- दर्शन के अंतिम सूत्र में प्रश्न उठाया गया है कि क्या मुक्ति प्राप्त होने पर आत्मा कि संसार में पुनरावृत्ति होती है या नहीं?  सूत्र के भाष्य में छान्दोग्य और बृहरदारण्यक उपनिषदों के प्रमाणोसे दिखलाया गया-" वह वापिस नहीं लौटता है"( छान्दोग्य उपनिषद 8/15/1)।  "उनकी फिर आवृति नहीं होती" ( बृहदारण्यक उपनिषद 6/2/15)।  इसके अतिरिक्त स्वयं सूत्र के अर्थ से भी  यही परिणाम निकलता है।क्रमशः                                                             🙏🏻राधास्वामी🙏🏻                                  यथार्थ प्रकाश- भाग दूसरा -परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**

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