Saturday, April 10, 2021

अजब गजब सच और मानताये

 *भगवान् कृष्ण ने जब देह छोड़ा*

तो उनका अंतिम संस्कार किया गया , 


*उनका सारा शरीर तो पांच तत्त्व में मिल गया*manytye

 लेकिन उनका हृदय बिलकुल सामान्य एक जिन्दा आदमी की तरह धड़क रहा था 


*और वो बिलकुल सुरक्षित था ,*

 उनका हृदय आज तक सुरक्षित है 


*जो भगवान् जगन्नाथ की काठ की मूर्ति के अंदर रहता है*

और उसी तरह धड़कता है , 


*ये बात बहुत कम लोगो को पता है*

महाप्रभु का महा रहस्य

सोने की झाड़ू से होती है सफाई......



*महाप्रभु जगन्नाथ(श्री कृष्ण) को कलियुग का भगवान भी कहते है....*

 पुरी(उड़ीसा) में जग्गनाथ स्वामी अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ निवास करते है...


 *मगर रहस्य ऐसे है*

 कि आजतक कोई न जान पाया


*हर 12 साल में महाप्रभु की मूर्ती को बदला जाता है,*

उस समय पूरे पुरी शहर में ब्लैकआउट किया जाता है 


*यानी पूरे शहर की लाइट बंद की जाती है।*

 लाइट बंद होने के बाद मंदिर परिसर को crpf की सेना चारो तरफ से घेर लेती है...


*उस समय कोई भी मंदिर में नही जा सकता...*

मंदिर के अंदर घना अंधेरा रहता है...


*पुजारी की आँखों मे पट्टी बंधी होती है...*

पुजारी के हाथ मे दस्ताने होते है..


*वो पुरानी मूर्ती से "ब्रह्म पदार्थ" निकालता है*

 और नई मूर्ती में डाल देता है...


*ये ब्रह्म पदार्थ क्या है* आजतक किसी को नही पता...


*इसे आजतक किसी ने नही देखा. ..*

हज़ारो सालो से ये एक मूर्ती से दूसरी मूर्ती में ट्रांसफर किया जा रहा है...


*ये एक अलौकिक पदार्थ है*

जिसको छूने मात्र से किसी इंसान के जिस्म के चिथड़े उड़ जाए... 


*इस ब्रह्म पदार्थ का संबंध भगवान श्री कृष्ण से है...*

मगर ये क्या है ,कोई नही जानता... 


*ये पूरी प्रक्रिया हर 12 साल में एक बार होती है...*

उस समय सुरक्षा बहुत ज्यादा होती है...


*मगर आजतक कोई भी पुजारी ये नही बता पाया*

 महाप्रभु जगन्नाथ की मूर्ती में आखिर ऐसा क्या है ???


*कुछ पुजारियों का कहना है*

 कि जब हमने उसे हाथ मे लिया तो खरगोश जैसा उछल रहा था...


*आंखों में पट्टी थी...हाथ मे दस्ताने थे*

तो हम सिर्फ महसूस कर पाए...


*आज भी हर साल जगन्नाथ यात्रा के*

 उपलक्ष्य में सोने की झाड़ू से पुरी के राजा खुद झाड़ू लगाने आते है...


*भगवान जगन्नाथ मंदिर के सिंहद्वार से*

पहला कदम अंदर रखते ही समुद्र की लहरों की आवाज अंदर सुनाई नहीं देती, 


*जबकि आश्चर्य में डाल देने वाली बात यह है*

कि जैसे ही आप मंदिर से एक कदम बाहर रखेंगे,


 *वैसे ही समुद्र की आवाज सुनाई देंगी*

आपने ज्यादातर मंदिरों के शिखर पर पक्षी बैठे-उड़ते देखे होंगे,


 *लेकिन जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी नहीं गुजरता।*

झंडा हमेशा हवा की उल्टी दिशामे लहराता है


*दिन में किसी भी समय*

भगवान जगन्नाथ मंदिर के मुख्य शिखर की परछाई नहीं बनती।


*भगवान जगन्नाथ मंदिर के 45 मंजिला शिखर पर*

 स्थित झंडे को रोज बदला जाता है, 


*ऐसी मान्यता है कि अगर एक दिन भी झंडा नहीं बदला गया*

तो मंदिर 18 सालों के लिए बंद हो जाएगा


*इसी तरह भगवान जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र भी है,*

जो हर दिशा से देखने पर आपके मुंह आपकी तरफ दीखता है।


*भगवान जगन्नाथ मंदिर की रसोई में*

प्रसाद पकाने के लिए मिट्टी के 7 बर्तन एक-दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं, 


*जिसे लकड़ी की आग से ही पकाया जाता है,*

 इस दौरान सबसे ऊपर रखे बर्तन का पकवान पहले पकता है।


*भगवान जगन्नाथ मंदिर में हर दिन बनने वाला*

 प्रसाद भक्तों के लिए कभी कम नहीं पड़ता,


 *लेकिन हैरान करने वाली बात ये है*

 कि जैसे ही मंदिर के पट बंद होते हैं 


*वैसे ही प्रसाद भी खत्म हो जाता है।*

ये सब बड़े आश्चर्य की बात हैं..



*🚩 जय श्री जगन्नाथ 🚩*

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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