Thursday, April 15, 2021

RS सतसंग शाम 15/04

 **राधास्वामी!!15-04-2021-आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला पाठ:-                                                    

(1) धन्य धन्य सखी भाग हमारे

धन्य गुरु का संग री।।टेक।।

मैं अति दीन निबल नाकारी जानूँ न कोई ढंग री।।-

(मेहर करें जब राधास्वामी सतगुरु

 संशय भरम होयँ भंग री।।)

 (प्रेमबिलास-शब्द-126-पृ.सं.185,186)                                                     

   (2) पिरेमन सुरत आरती धार।

 चरन गुरु आई कर सिंगार।।

-(सरन गुरु हार हिये में डार।

सील की माला गले सँवार।।)

(प्रेमबानी-4-शब्द-23-पृ.सं.159,160)                                                         

 (3) यथार्थ प्रकाश-भाग दूसरा-कल से आगे।।         

सतसंग के बाद:-                                             

 (1) राधास्वामी मूल नाम।।                               

 (2) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।                                                                

  (3) बढत सतसंग अब दिन दिन। अहा हा हा ओहो हो हो।।                                         

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


**राधास्वामी!! 15-04- 2021

- आज शाम सत्संग में पढा गया बचन-

 कल से आगे :-(205)

का शेष भाग:-                            

मुंडक उपनिषद का उपदेश, जो पहले उपस्थित किया जा चुका है और जो स्पष्ट और विशद शब्दों में वर्णन किया जा चुका है, वेदभक्तों को सदा के लिए ह्रदय में स्थिर करने के योग्य है । फर्माया है:-" यह आत्मा न वेद पढ़ने से प्राप्त होता है और न मेघा ( बुद्धि) से, न बहुत सुनने से (सीखने से) हाँ जिसको वह आप चुन लेता है वही उसे पा सकता है" ( 3/2/3)                                    

और ऋग्वेद का निम्नांकित आदेश,जिसका पहले भी उल्लेख हो चुका है, स्वर्णअक्षरों में लिखने के योग्य है:-                                          "

 जो शख्स उस अविनाशी परमात्मा को नहीं जानता, जो ऋचाओं ( वेदों) का तात्पर्य (सार) है और जिसमें सब देवता स्थित है वह वेदों से क्या करेगा? जो उसको जानते हैं वे ही शांति से रहते हैं (4/8)।                                          

आप ही विचार करें कि जो व्यक्ति हृदय की शुद्धता तक के लिए चेष्टा न करें, जिसे मालिक के दर्शन की प्राप्ति तो क्या दर्शन के लिए इच्छा तक न हो, और वेदों को रटता फिरे, उसको 'वेदपशु' न कहा जाय तो क्या कहा जाय?                                                 

  🙏🏻राधास्वामी🙏🏻   

                                        

   यथार्थ प्रकाश-भाग दूसरा-

 परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


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