Sunday, April 11, 2021

RS सतसंग DB सुबह 12/04


राधास्वामी!! 12-04-2021-आज सुबह सतसँग में पढे गये पाठ:-    

                               

  (1) मौज इक धारी सतगुरु आज। कहूँ क्या कहते आवे लाज।।-(राधास्वामी सरन गही मैं भाज। काज सब हो गया पूरा आज।।) (सारबचन-शब्द-20-पृ.सं.730-राजाबरारी ब्राँच-136-उपस्थिति।)                                                              

 (2) गुरु प्यारे की प्यारी मानो बात।।टेक।। सतगुरू हैं हितकारी तेरे। और वोही है पित और मात।।-(राधास्वामी धाम लखावें। धुन सँग सूरत अधर चढत।।) (प्रेमबानी-3-शब्द-23-पृ.सं.26,27)                                                 

   सतसँग के बाद:-                                      

  (1) राधास्वामी मूल नाम।।                           

(2) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।                                                          

 (3) बढत सतसँग अब दिन दिन। अहा हा हा ओहो हो हो।।                                              

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज-

[भगवद् गीता के उपदेश]-

 कल से आगे:

- बरखिलाफ इसके जो लोग सब कर्मों को मेरे अर्पण करके मुझमें मन जोड़े हुए और सर्वांग से मेरा ही ध्यान करते हुए मेरी पूजा करते हैं उनको मैं इस जन्म मरण के सागर अर्थात् संसार से जल्द ही निकाल लेता हूँ। क्योंकि उनका चित्त मुझ में लगा है।

 इसलिये अब तुम भी अपने मन को मुझ में लगाओ और अपनी बुद्धि को मुझ में जोड़ो। ऐसा करने पर तुम निःसंदेह मुझ को प्राप्त होगे। अगर तुम अपना मन दृढता से मुझ में जोड़ने के नाकाबिल हो तो अभ्यास करके मुझे प्राप्त होने की कोशिश करो और अगर तुम लगातार बहस करने के भी नाकाबिल हो तो मुनासिब है कि मेरे सेवा में लगने का पक्का इरादा करो। मेरे निमित्त कर्म करने से तुम्हें कामयाबी हासिल हो जाएगीl

【10 】       

क्रमशः                                                      

   🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


**परम गुरु हुजूर महाराज -

प्रेम पत्र- भाग 2

- कल से आगे:-(4)- 

जो इसकी स्त्री और पुत्र परमार्थ में इसके संगी हो जावें और माता-पिता और भ्राता और बहन भी संग देवें, तो इन सब की ज्यादा खातिरदारी और प्यार भाव करें, क्योंकि यह सब धुर मंजिल तक का संग देकर आखिर को सब मिल के एक ही स्थान यानी सत्तलोख और राधास्वामी धाम में बासा पावेंगे और जब तक दुनियाँ में उनका संग है तब तक एक दूसरे को दोनों काम में यानी स्वार्थ और परमार्थ में मदद देवेंगे।

धन्य भाग है ऐसे सत्संगी के कि जिसका कुल घर परमार्थ में उसके शामिल है । और जो सब शामिल न होवे और थोड़े से ही,जैसे स्त्री और पुत्र, शामिल होवें तो भी भागवान है कि उसको घर में भी मदद मिल सकती है और सत्संग में भी तैयार है।

क्रमशः                                 

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


**परम गुरु हुजूर महाराज

-प्रेम पत्र- भाग 2

- कल से आगे:-(4)- 

जो इसकी स्त्री और पुत्र परमार्थ में इसके संगी हो जावें और माता-पिता और भ्राता और बहन भी संग देवें, तो इन सब की ज्यादा खातिरदारी और प्यार भाव करें, क्योंकि यह सब धुर मंजिल तक का संग देकर आखिर को सब मिल के एक ही स्थान यानी सत्तलोख और राधास्वामी धाम में बासा पावेंगे और जब तक दुनियाँ में उनका संग है तब तक एक दूसरे को दोनों काम में यानी स्वार्थ और परमार्थ में मदद देवेंगे।

 धन्य भाग है ऐसे सत्संगी के कि जिसका कुल घर परमार्थ में उसके शामिल है । और जो सब शामिल न होवे और थोड़े से ही,जैसे स्त्री और पुत्र, शामिल होवें तो भी भागवान है कि उसको घर में में भी मदद मिल सकती है और सत्संग में भी तैयार है।

 क्रमशः                          

  🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏



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