Sunday, October 17, 2021

परम गुरु हुज़ूर साहबजी महाराज के बचन

 सतसंग के उपदेश / भाग -1 /मिश्रित बचन 


17- हुज़ूर राधास्वामी दयाल तुम से दूर नहीं हैं, अलबत्ता तुम उस मुक़ाम पर तवज्जुह नहीं लाते जहाँ उनके नूर व जमाल की झलक दिखलाई दे सकती है। जैसे तवज्जुह न आने से इन्सान को पास पड़ी हुई चीज़ नज़र नहीं आती ऐसे ही हुज़ूर राधास्वामी दयाल भी तुम्हारी नज़र से ग़ायब रहते हैं। जब तक तवज्जुह न सँभालोगे तब तक बराबर यह शिकायत बनी रहेगी।


       18- जब कोई मुश्किल सिर पर आवे अव्वल हुज़ूर राधास्वामी दयाल को याद करो यानी तबीअत को सँभाल कर दो चार मिनट सुमिरन ध्यान करो और फिर अदब व दीनता के साथ वास्ते इमदाद व ताक़त बरदाश्त के प्रार्थना करो और बाद में जो कुछ मुनासिब मालूम हो मुश्किल दूर करने के लिये उपाय करो। मुश्किल देखकर बच्चों की तरह घबरा जाना या अहंकार में आकर मुश्किल को मुश्किल न समझना दोनों बातें नामुनासिब हैं। प्रेमीजन को सत्य बिचार कभी हाथ से नहीं जाने देना चाहिये।


 *🍁🌷राधास्वामी🌷🍁*

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