Wednesday, October 13, 2021

सतसंग पाठ E/ 131021

 **राधास्वामी ! / आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला पहला पाठ:-                                     

कोई दिन का जग में रहना सखी ।

ले सुध बुध घर की ओर चलो ||टेक।।                                                 

 यहाँ दूत दिखावें ज़ोर घना |

और इंद्री नाच नचावें मना ॥

इन सबको दीजे वेग हटा ।

कुल काल करम का आज दलों ॥१ ॥           

सतगुरु का खोज करो भाई उन चरनन प्रीति घरो आई ||

 प्रेमी जन मे मेल मिलाई ।

 सतसंगत में उमँग रलो ॥ २ ॥                                       

गुरु देवें घर का भेद बता ।

स्रुत शब्द का दें उपदेश सचा ॥

तब घट में अपने धूम मचा ।

गुरु शब्द से चढ़ कर जाय मिलो ॥ ३ ॥            

 फिर वहाँ से अधर चढ़ो प्यारी ।

धुन मुरली बीन सुनो सारी ॥

 मन माया काल रहे वारी ।

 सतगुरु की गोद में जाय पलो ॥ ४ ॥

सतपुर से भी अधर चलो ।

घर अलख अगम के पार बसो ॥

लख अचरज लीला मगन रहो ।

राधास्वामी चरन में जाय घुलो ॥ ५।।


(प्रेमबानी-4-शब्द-2-पृ.सं. 90,92)*


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