Monday, December 21, 2020

संदेश

 *🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹. राधास्वामी!! 15-03-2020-परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज -------।।संदेश।।--------. 

 आप प्रातकाल उठने वाले एवं मित्तव्ययी, परिश्रमी, सत्यभाषी, दयावान और विचारशील, उत्तम नागरिक और हुजूर राधास्वामी दयाल के सच्चे भक्त बनिए। 

यदि आप भोजन चाहते हैं तो पहले परिश्रम करके पसीना बहाइए। यदि आप स्वशासन चाहते हैं तो पहले अपने ऊपर शासन व संयम करना सीखिए। यदि आप अपने आप को किसी वस्तु के पाने की योग्य बनाना चाहते हैं तो दूसरों की सेवा करना सीखिए।

किसी चीज को नष्ट न करना मैंने जीवन का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत रहा है। मैंने हमेशा पुरुषों और स्त्रियों, बूढो और नौजवानों सबको समान रूप से यह परामर्श दिया है कि वे हमेशा ध्यान रखें कि वह अपना समय, अपनी शक्ति ,अपने विचार अपना धन, अपने खाने की चीज और वस्त्र अर्थात जो उनके पास हो उसे नष्ट ना होने दें ताकि जरूरत के समय उनको उसकी कमी महसूस न हो।

मेरा यह भी विचार है कि किसी चीज का नष्ट करना पाप से कुछ कम नहीं है ।।      

                                           

 जो संगत अपने काम में आगे बढ़ना चाहती है उसे अपने उद्देश्य विचार एवं क्रिया में एक होना चाहिए उसे यह भी चाहिए।उसे यह भी चाहिए  कि अपने कार्यकर्ताओं , धन और सामान से संबंधित सभी साधनों को सुरक्षित रखें और दूरदर्शिता से काम लें तथा अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए उचित समय के अंदर इंतजाम करें ।


यह केवल तभी हो सकता है जब उस संगत का हर सदस्य अपनी संगत के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए यथाशक्ति जोर लगाएं ।

अनुशासन कुर्बानी और  लगातार सख्त मेहनत इस प्रयास में न सिर्फ सहायक है बल्कि निहायत जरूरी है।          

                   

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


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 परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज- भाग 2- बचन - 38

:- हमको चाहिए कि हम हुजूर राधास्वामी दयाल के चरणों में प्रार्थना करें कि वह दयाल हमारी गलतियों, अपराधों व कमजोरियों को क्षमा करें और हम पक्का इरादा करें कि आगे हम सब अच्छे कामों को करेंगे जो कि हमको करने चाहिए।

 कोशिश यह है कि कोई अच्छा काम हम से छूटने ना पाए। अधिकतर लोग कहते हैं कि मेरी अंतर की आँख खोल दो। अंतर की आंख खोलने का आसान अर्थ यह है कि आप में समझ और बुद्धि पैदा हो जाए और वर्तमान दशा, उसका आदर्श और दर्जा ऊंचा हो जाए जिससे कि आप बारीक, पेचीदा और मुश्किल मामलों की आसानी से हल कर सकें और होने वाली बातों के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी आपको पहले से ही हो जाए जिससे आप इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई कर सकें।।                                                            

 तीसरी आँख या अंतर की आँख खोलने का एक तरीका यह भी है कि आप अपने दिल में बुरे विचार न पैदा होने दें । आपका अंतरी तार राधास्वामी दयाल के चरणों से जुड़ा रहे।"

साहब इतनी विनती मोरी- लाग रहे दृढ डोरी"

 और व्यर्थ बातों से परहेज किया जाए। हर वक्त मालिक के चरणो की याद बनी रहे। जिनकी ऐसी दशा है या जो इस दशा को पैदा करने की कोशिश में लगे रहते हैं उनका यह  वैयक्तिक अनुभव होगा कि उनकी मुश्किलें समय से पहले या ऐन वक्त पर हल हो जाती हैं । उनको गुप्त रूप से ऐसी मदद मिलती है और इस तरह से अपनी मुश्किलें आसानी से हल होते देख कर वे हैरान हो जाते हैं ।   


                      

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

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