Thursday, December 17, 2020

दयालबाग़ सतसंग -18/12

 **राधास्वामी!! 18-12-2020- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-                                       

(1) अनहद बाजे बजे गगन में। सुन सुन मगन होत अब तन में।।-(सुन सुन शब्द गई सुन धुन में। दूर किये सब भूत और जिन मैं।।) (सारबचन-शब्द-10-पृ.सं.225-226)                                           

  (2) प्रीति गुरु चरनन काहे न लाय।।टेक।। मन माया के सँग लिपटाना। भोगन में रहा चित्त लुभाय।।-(राधास्वामी दीनदयाल कृपाला। इक दिन दें तोहिं पार लगाय।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-2-पृ.सं.369,370)                           

**राधास्वामी!! 18-12-2020- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:- (1) अनहद बाजे बजे गगन में। सुन सुन मगन होत अब तन में।।-(सुन सुन शब्द गई सुन धुन में। दूर किये सब भूत और जिन मैं।।) (सारबचन-शब्द-10-पृ.सं.225-226) (2) प्रीति गुरु चरनन काहे न लाय।।टेक।। मन माया के सँग लिपटाना। भोगन में रहा चित्त लुभाय।।-(राधास्वामी दीनदयाल कृपाला। इक दिन दें तोहिं पार लगाय।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-2-पृ.सं.369,370) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज- रोजाना वाकिआत- 2,5 26, 27 मार्च 1933- शनिवार, रविवार व सोमवार:-

 संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी सीमाओं के अंदर शराब का इस्तेमाल कतई बंद कर दिया था। लेकिन अप्रैल माह से हल्की बियर (Beer) यानी जौ कि शराब के इस्तेमाल की इजाजत हो गई है। ख्याल किया जाता है इस इजाजत से रियासत हाए मुतहद्दा को जबरदस्त आर्थिक नफा होगा। शराब की ड्यूटी से करोड़ों रुपए की आमदनी होगी। शराब की आयात व फरोख्त के लिए जो विशेष पुलिस व कर्मचारी वर्ग मुलाजिम रखा गया था वह सब बर्खास्त हो जायेगा और उससे लाखों रुपए की बचत होगी । अफसोस सद् अफसोस! अमरीका तक में जो दुनिया का प्रतिष्ठित समझा जाता है शराब की आमदनी के बगैर काम नहीं चल सकता! क्या अब भी किसी को मगरिब की तहजीब के खोखलेपन की निस्बत शुबह बाकी है? अमेरिकन अखबार प्रत्यक्ष कहते हैं कि वह दिन दूर नहीं है कि अमेरिका में हर किस्म की शराब खुले बाजार फरोख्त होने लगे और मदिरापान के पुराने दिन लौट कर आयें।

 क्मशः

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज-

【शरण आश्रम का सपूत】

 कल से आगे:-

 दूसरा वक्त कौन सा मुकर्रर है ? पहला -आज ही शाम को 7:00 बजे।( प्रेमबिहारी घड़ी देखता है 6:00 बजे हैं -फौरन खड़ा हो जाता है और चुपके से निकल भागता है ) पहरेदार- हाल्ट! हू कम्ज देयर? प्रेमबिहारी - फ्रेंड। ( अँगूठी दिखलाता है- महल में दाखिल होता है -दूर से देखता है कि बगीचे में शाह इटली बैठे हैं। कुछ फासले पर दो जिप्सीज अदब से बैठे हैं। बातें हो रही है) बादशाह - क्या तुम बता सकते हो- मैं कितने वर्ष जिऊँगा? एक जिप्सी- हुजूर दायाँ हाथ मुझे दिखलावें। दूसरा जिप्सी- हुजूर मुझे बायाँ हाथ दिखलावें। ( प्रेमबिहारी भाग कर एक जिप्सी को कमर से पकड़ कर नीचे गिराता है। दूसरा जिप्सी जेब से रिवाल्वर निकालकर प्रेमबिहारीलाल को गोली मारता है और भाग जाता है) प्रेमबिहारी- बदमाश ! तुझे हरगिज न छोडूँगा- चाहे मेरी जान चली जाय। तुम बादशाह सलामत की जान लेने आये।(फायर की आवाज सुन कर खास्सा के नौकर आते हैं और बदमाश को काबू कर लेते हैं) बादशाह- उफ! यह क्या हुआ। क्या मैं ख्वाब देख रहा हूँ-क्या मेरी सालगिरह ऐसी मनाई जायगी । रोमियो ! यह कौन शख्स है जिसने मेरी जान बचाई है? ( प्रेमबिहारी लडखड़ा कर उठता है- झुक कर सलाम करता है और अँगूठी पेश करता है) प्रेमबिहारी- हुजूर का खादिम प्रेमबिहारीलाल चीफ कान्स्टेबल मुहक्मा खुफिया पुलिस। रोमियो- हुजूर इनकी टाँग में जख्म आया है, खून बह रहा है । बादशाह - फौरन सर्जन को बुलाओ (लोग दौड़ते हैं -सर्जन आता है- मरहम पट्टी करता है) बादशाह -इसे शाही अस्पताल में ले जाओ और जब तक हम दोबारा याद करें वही रक्खो । कुल मुलाजिमीध- जो हुक्म हुजूर का । हुजूर को हजार हजार मुबारकबाद । हुजूर की जान सलामत रहे । बादशाह - कर्नल को बजारिये टेलिफोन कुल मामले की फौरन इत्तिला दो और पुलिस आने तक इस बदमाश को पकड़े रहो ।

क्रमशः

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**परम गुरु हुजूर महाराज- प्रेम पत्र- भाग 1-

कल से आगे:-( 8

 अब मालूम होना चाहिए कि राधास्वामी मत का अभ्यास किस कदर सहज है ,यानी सिर्फ तवज्जह और उसकी दिशा का बदलना। सब आदमी अपनी अपनी चाह के मुआफिक जो काम करना चाहते हैं उसको तवज्जह के साथ करते हैं , पर दुनियाँ के कामों में उनके मन और सुरत की धारा बाहर की तरफ बहती हैं और खर्च में दाखिल होती है । जो वही आदमी परमार्थ की महिमा और जरूरत उसके हासिल करने के समझ कर और उसका थोड़ा बहुत यकीन लाकर शौक के साथ उसकी चाह उठावे, तो तवज्जह उनकी राधास्वामी मत के भेद के मुआफिक घट में ऊपर की तरफ बदलेगी और बदस्तूर मन और सुरत की धार उस तरह उठकर जारी होगी । उस धार के उठने और चढ़ने में जरूर शीतलता और आराम मिलेगा और दिन दिन जिस कदर ऊँचे चढ़ाई होती जावेगी, रस और आनंद बढ़ता जावेगा और एक दिन ऐसा अभ्यासी अपना निज घर में पहुँच कर परम आनंद को प्राप्त होकर अमर हो जावेगा और अपने जीते जी अपना सच्चा उद्धार आहिस्ता आहिस्ता होता हुआ आप देखता जावेगा।

 क्रमशः

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**    

     🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज- रोजाना वाकिआत- 2,5 26, 27 मार्च 1933- शनिवार, रविवार व सोमवार:-

 संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी सीमाओं के अंदर शराब का इस्तेमाल कतई बंद कर दिया था। लेकिन अप्रैल माह से हल्की बियर (Beer)  यानी जौ कि शराब के इस्तेमाल की इजाजत हो गई है। ख्याल किया जाता है इस इजाजत से रियासत हाए मुतहद्दा को जबरदस्त आर्थिक नफा होगा। शराब की ड्यूटी से करोड़ों रुपए की आमदनी होगी। शराब की आयात व फरोख्त के लिए जो विशेष पुलिस व  कर्मचारी वर्ग मुलाजिम रखा गया था वह सब बर्खास्त हो जायेगा और उससे लाखों रुपए की बचत होगी । अफसोस सद् अफसोस! अमरीका तक में जो दुनिया का प्रतिष्ठित समझा जाता है शराब की आमदनी के बगैर काम नहीं चल सकता! क्या अब भी किसी को मगरिब की तहजीब के खोखलेपन की निस्बत शुबह बाकी है?  अमेरिकन अखबार प्रत्यक्ष कहते हैं कि वह दिन दूर नहीं है कि अमेरिका में हर किस्म की शराब खुले बाजार फरोख्त होने लगे और मदिरापान के पुराने दिन लौट कर आयें। क्मशः🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज- 【शरण आश्रम का सपूत】 कल से आगे:- दूसरा वक्त कौन सा मुकर्रर है ? पहला -आज ही शाम को 7:00 बजे।( प्रेमबिहारी घड़ी देखता है 6:00 बजे हैं -फौरन खड़ा हो जाता है और चुपके से निकल भागता है ) पहरेदार- हाल्ट!  हू कम्ज देयर?  प्रेमबिहारी - फ्रेंड। ( अँगूठी दिखलाता है- महल में दाखिल होता है -दूर से देखता है कि बगीचे में शाह इटली बैठे हैं। कुछ फासले पर दो जिप्सीज अदब से बैठे हैं। बातें हो रही है)  बादशाह - क्या तुम बता सकते हो-  मैं कितने वर्ष जिऊँगा? एक जिप्सी-  हुजूर दायाँ हाथ मुझे दिखलावें।  दूसरा जिप्सी- हुजूर मुझे बायाँ हाथ दिखलावें। ( प्रेमबिहारी भाग कर एक जिप्सी को कमर से पकड़ कर नीचे गिराता है। दूसरा जिप्सी जेब से रिवाल्वर निकालकर प्रेमबिहारीलाल को गोली मारता है और भाग जाता है)  प्रेमबिहारी- बदमाश ! तुझे हरगिज न छोडूँगा- चाहे मेरी जान चली जाय। तुम बादशाह सलामत की जान लेने आये।(फायर की आवाज सुन कर खास्सा के नौकर आते हैं और बदमाश को काबू कर लेते हैं)  बादशाह- उफ!  यह क्या हुआ।  क्या मैं ख्वाब देख रहा हूँ-क्या मेरी सालगिरह ऐसी मनाई जायगी । रोमियो ! यह कौन शख्स है जिसने मेरी जान बचाई है? ( प्रेमबिहारी लडखड़ा कर उठता है- झुक कर सलाम करता है और अँगूठी पेश करता है) प्रेमबिहारी- हुजूर का खादिम प्रेमबिहारीलाल चीफ कान्स्टेबल मुहक्मा खुफिया पुलिस। रोमियो- हुजूर इनकी टाँग में जख्म आया है, खून बह रहा है । बादशाह - फौरन सर्जन को बुलाओ (लोग दौड़ते हैं -सर्जन आता है- मरहम पट्टी करता है)  बादशाह -इसे शाही अस्पताल में ले जाओ और जब तक हम दोबारा याद करें वही रक्खो । कुल मुलाजिमीध- जो हुक्म हुजूर का । हुजूर को हजार हजार मुबारकबाद । हुजूर की जान सलामत रहे । बादशाह - कर्नल को बजारिये टेलिफोन कुल मामले की फौरन इत्तिला दो और पुलिस आने तक इस बदमाश को पकड़े रहो । क्रमशः 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**परम गुरु हुजूर महाराज- प्रेम पत्र- भाग 1- कल से आगे:-( 8) अब मालूम होना चाहिए कि राधास्वामी मत का अभ्यास किस कदर सहज है ,यानी सिर्फ तवज्जह और उसकी दिशा का बदलना।                                               सब आदमी अपनी अपनी चाह के मुआफिक जो काम करना चाहते हैं उसको तवज्जह के साथ करते हैं , पर दुनियाँ के कामों में उनके मन और सुरत की धारा बाहर की तरफ बहती हैं और खर्च में दाखिल होती है । जो वही आदमी परमार्थ की महिमा और जरूरत उसके हासिल करने के समझ कर और उसका थोड़ा बहुत यकीन लाकर शौक के साथ उसकी चाह  उठावे, तो तवज्जह उनकी राधास्वामी मत के भेद के मुआफिक घट में ऊपर की तरफ बदलेगी और बदस्तूर मन और सुरत की धार उस तरह उठकर जारी होगी । उस धार के उठने और चढ़ने में जरूर शीतलता और आराम मिलेगा और दिन दिन जिस कदर ऊँचे चढ़ाई होती जावेगी, रस और आनंद बढ़ता जावेगा और एक दिन ऐसा अभ्यासी अपना निज घर में पहुँच कर परम आनंद को प्राप्त होकर अमर हो जावेगा और अपने जीते जी अपना सच्चा उद्धार आहिस्ता आहिस्ता होता हुआ आप देखता जावेगा। क्रमशः                              🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

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