Wednesday, March 17, 2021

सतसंग RS-DB शाम 17/03

 **राधास्वामी!!17-03-2021-आज शाम सतसँग में पढे गये पाठ:-                                    

 (1) गुरु प्यारे का रँग चटकीला, कभी उतरे नाहिं।।-(ऐसा रँग रँगा राधास्वामी। सब जिव चरन सरन में धाय। दृढ पकडी बाहँ।।) (प्रेमबानी-3-शब्द-5-पृ.सं.71-डेडगाँव ब्राँच-332 उपस्थिति)                                   

(2) प्रेम की महिमा क्या गाई। हिये में सीतलता छाई।।-(गगन चढ शब्द गुरु दरशन। मिले और वारा तन मन धन।। ) (प्रेमबानी-4-शब्द-7-पृ.सं.134,135)                                                       

(3) यथार्थ प्रकाश-भाग दूसरा-कल से आगे।       

 सतसँग के बाद:-                                           

  (1) राधास्वामी मूल नाम।।                                                   

 (2) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।                                                                      

 (3) बढत सतसँग अब दिन दिन अहा हा हा ओहो हो हो।।🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

**राधास्वामी!! 17-03- 2021-

 आज शाम सत्संग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे - [सतलोक और अन्य चेतन- मंडल ]-(191)-               

  प्रश्न (१)- आपकी पुस्तकों में सात स्थान- सहसदलकमल, त्रिकुटी, सत्तलोक आदि का बार बार बार वर्णन आता है। आपके पास क्या प्रमाण है कि ये सात स्थान सचमुच रचना में विद्यमान है, और (२) एक स्थान पर यह भी लिखा है-" गगन सात के ऊपरे, सतगुरु का निजधाम। सुरतवन्त कोई पावही, सत्त- शब्द बिसराम"। 

इससे  ज्ञात होता है कि राधास्वामी सतगुरु का अपना धाम सात आसमानों के ऊपर है। क्या बाकी लोकों में विद्यमान नहीं है?

 (३) इसके अतिरिक्त गुरु नानकजी ने 'एक ओउम् सत्तनाम कर्ता पुरष' में ओंकार सत्तनाम, कर्ता पुरष आदि सब नाम परमात्मा के लिखे हैं।

फिर आप यह कैसे कहते हैं कि ओंकार आदि अलग-अलग देवताओं के नाम है और उनके स्थान भी अलग अलग है?  मैं कहता हूँ कि आपके बताए हुए आठ स्थानों के अतिरिक्त चार और लोक भी हैं और उनके नाम हिरण्यमयलोक, ज्योतिर्मयलोक, सुवर्णमयलोख और बुद्धिर्मयलोक है।और इस बारहवें लोक में मैं स्वयं निवास करता हूँ। यदि आप पूछें कि इन लोको के होने में क्या प्रमाण है? तो मैं आपसे पूछता हूँ कि आपके लोकों के होने के प्रमाण है।

(४) फिर यह भी लिखा है कि सत्तलोक में करोड़ों चांद और सूरज की रोशनी दिखाई देगी। यह बच्चों की बात हैं क्योंकि चाँद और सूरज की रोशनी एक साथ कैसे रहेगी?  या चाँद दिखेगा या सूरज ।।

क्रमशः🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻                    

  यथार्थ प्रकाश-भाग दूसरा

-परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!


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