Sunday, March 21, 2021

सतसंग RS -DB सुबह 22/03

 *राधास्वामी!! 22-03-2021-आज सुबह सतसँग में पढे गये पाठ:-                                   

(1) आओ री सखी जुड होली गावें। कर कर आरत पुरुष मनावे।।

-(अस होली कहो कौन खिलावें।

 राधास्वामी भेद बतावें।।)

(सारबचन-शब्द-12-पृ.सं.852,853 जमशेदपुर ब्राँच-228 उपस्थिति)*                                                         

 *(2) गुरु प्यारे चरन पर जाऊँ बलिहार।।टेक।।

  दया करी मोहि खैंच बुलाया। सतसँग बचन सुनाये सार।।

 (राधास्वामी दयाल दया की न्यारी।

शब्द सुनाय उतारा पार।।)

(प्रेमबानी-3-शब्द-3-पृ.सं.13)*           

                

*सतसँग के बाद:-       

                                      

(1) राधास्वामी मूल नाम।।                                

(2) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।*                                                      

*(3) बढत सतसँग अब दिन दिन।अहा हा हा ओहो हो हो।।**                  

 *🙏🏻राधास्वामी🙏🏻



**परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज-

भाग 1- कल से आगे-(50)- 11-04-1941:-

की रात को सतसँग में शादियाँ होने के बाद हुजूर पुरनूर ने फरमाया- आप लोगों से तूल तबील बातचीत करने का मैं आदि नहीं हूँ लेकिन शादियों के जो जोड़े इस समय मौजूद है वे उम्र में मुझसे बहुत छोटे हैं इसलिए सलाह देने में कोई हर्ज नहीं है।

 मुझे याद है कि शादी के बाद साहबजी महाराज वर व वधु को इस किस्म की नसीहत दिया करते थे वे हमेशा हुजूर राधास्वामी दयाल की सेवा में हाजिर रहें। आपस में लड़ाई झगड़ा न करें और अगर आपस में एक मत न हो तो कम से कम दुख तकलीफ में एक दूसरे की मदद जरूर करें।  परमार्थ में एक दूसरे से अलग न हो और सत्संग में सेवा में शरीक रहें।

  आजकल जमाना बड़ा नाजुक है, इसलिये हम को हर काम बहुत सोच समझ कर करना चाहिए। कहने का मतलब यह है कि वक्त और आमदनी का ख्याल रखते हुए आपको अपने खर्च में कमी बेशी करनी चाहिए और चादर को देखकर पैर फैलाना चाहिए और क्या स्वार्थी, क्या परमार्थी, सब बातें सोच समझकर करनी चाहिए।

आपको चाहिए कि गृहस्थी में सोच समझकर कदम रक्खें । एक दफा गलती हो जाने पर उसकी दुरुस्ती मुश्किल है यह बात याद रक्खें। अगर कभी कोई खुशी का मौका पेश आवे ऐसी दशा में उसमें बह नहीं जाना चाहिए और अगर रंज या तकलीफ पेश आवे तो हौसला व हिम्मत को हाथ से न जाने देना चाहिए।

 शादी के बाद अगर कुछ सहनशीलता से काम लिया जाए तो जो लड़ाई झगड़े सास बहू के सुनने में आते हैं, यह कभी न हो।                       

🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻


**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज


-[ भगवद् गीता के उपदेश]

- कल से आगे:

-  और उस विशाल स्वर्गलोक के भोगों को भोग कर अपने पुण्य ( शुभ कर्मों के फल) के खत्म हो जाने पर इस नाशवान् लोक( दुनिया)) में वापस आते हैं अर्थात तीन वेदों में उपदेश किए गये धर्मों का पालन करके कामनाओं की पूर्ति की इच्छा रखने वाले इस आवागमन को प्राप्त होते हैं। मगर जो खास मेरी पूजा करते हैं और किसी दूसरे की तरफ ध्यान नहीं देते हैं ऐसे आत्मनिष्ठ लोगों की हर तरह की फिक्र मैं खुद करता हूँ।

जो लोग श्रद्धा के साथ दूसरे देवताओं की पूजा करते हैं वे भी मेरी ही पूजा करते हैं यद्यपि उनकी यह भक्ति कायदे के खिलाफ होती है। हरचंद मैं ही सब यज्ञों का भोगने वाला हूँ और मैं ही स्वामी हूँ लेकिन क्योंकि वे लोग मेरे तत्व (मेरी हकीकत ) से नावाकिफ रहते हैं इसलिए वे गिर जाते हैं। जो लोग देवताओं की पूजा करते हैं वे देवताओं को पाते हैं, जो पितरों की पूजा करते हैं पितरों को पाते हैं, जो भूत पिशाच को पूजते हैं वे इन्ही को पाते हैं मगर जो मेरी पूजा करते हैं कि मुझ को प्राप्त होते हैं ।

【25】                                          

क्रमशः🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻


**परम गुरु हुजूर महाराज-

प्रेम पत्र- भाग-1 कल से आगे:-( 7)

-बाजे लोग जल्दबाजी करते हैं कि हमको जल्द अभ्यास का रस आवे और नहीं तो निराश होकर मत पर या अभ्यास के फायदे पर या गुरु पर तान मारते हैं और अपनी हालत और लियाकत  के दर्जे की परख नहीं करते हैं और न अपनी कसर दूर करते हैं।फिर कैसे रस आवे?

वे लोग यह चाहा करते हैं कि राधास्वामी दयाल अपनी दया से उनका कारज बनावे, यानी उनके मन और इंद्रियों को मोड़ कर परमार्थ में लगावें  और अभ्यास के वक्त उनके अंतर में तरंगे न उठने देवें और अपनी मेहर और दया से आप उनको अंतर में रस देंवे, लेकिन जो जुगत कि उनको वास्ते हटाने विघ्नों और लगाने मन के बताई जाती हैं , उसमें तवज्जह कम करते हैं और उसका अमल दरामद भी दूरुस्ती से नहीं करते। फिर ऐसे लोगों की दुआ से जल्द मंजूर हो सकती है?

 पर जो वे अभ्यास नेम से करे जाएवेंगे और कुछ मन और इंद्रियों की भी संभाल रक्खेंगे और जो नई जुगत तुमको समझाई जावे, थोड़ी बहुत उसके मुआफिक कार्यवाई करेंगे, तो थोड़े अरसे में जरूर उनको भजन का रस मिलने लगेगा। क्रमशः                                                     

   🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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