Wednesday, March 25, 2020

राधास्वामी सत्संग के मिश्रित प्रसंग बचन और उपदेश 25/03





प्रस्तुति - अरूण अगम यादव



परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज- रोजाना वाक्यात- 15 अगस्त 1932- सोमवार- टेक्सटाइल फैक्ट्री में नई मशीनें लग गई है । आज परीक्षण लिया गया। सब इंतजाम दुरुस्त निकला। 1 हफ्ते के अंदर इकहरे धागे का कपड़ा तैयार होने लगेगा । और असलियत से अनभिज्ञ के लिए जो दयालबाग के कपड़े को महंगा कहते हैं उचित उत्तर तैयार हो जाएगा।  सत्संगी भाइयों व बहनों ने जिस उदारता( दिल खोलकर खर्च करना) से टेक्सटाइल फैक्ट्री का संरक्षण कियि है वह काबिले तारीफ है और  कारखाना के प्रबंधकगन जिस होशियारी व परिश्रम के साथ काम कर रहे हैं वह भी काबिले तारीफ है। दयालबाग में ना कोई कपड़ा बुनने की मशीनों से वाकिफ था उन्हें कोई कपड़ा बुनने का झगड़ा सर लेने के लिए तैयार था । लेकिन आज दया से आठ नौ हजार रुपया माहवार कपड़ा तैयार होता है। और तुरंत निकल जाता है किसी समूह के मेंबरों को बजाये लेक्चथ सुनाने के व्यवहारिक जिंदगी के रास्ते पर डाल देना ज्यादा प्रभावशाली होता है ।। 

  
आज छुट्टी का दिन है आज गीता के अनुवाद का दोहराना खत्म करना है इसलिए छुट्टी मनाने का इरादा त्याग कर दिया गया ।शुक्र है कि निश्चय अनुसार अनुवाद का काम खत्म हो गया। उम्मीद है कि प्रकाशित होने पर सतसंगी भाई इस अनुवाद को गौर से पढ़ेंगे और राधास्वामी दयाल के उपदेश में कमाल दर्जे  की एकरूपता देखकर और वेदो व कृष्ण महाराज के बारे में हमारी पवित्र पुस्तकों की तहरीर की पुष्टि गीता के उपदेश में पाकर आकर्षित होंगे।

🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻*



 *परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज

 -सत्संग के उपदेश- भाग 2-
 कल का शेष

 :-मुल्के के हिंदुस्तान के लिए, जो अविष्कारों के मामले में अपने हाथ पीछे हैं सख्त जरूरत है कि मशीन जी की जरूरत को पूरे तौर पर समझ कर इस जानिब काफी तवज्जुह हिंदुस्तान के अक्सर हिस्सों में गर्मी सख्त पड़ती है अगर किसी तरीके से सूर्य की गर्मी से काम लेकर भाप तैयार की जाए तो निहायत कम कीमत पर बिजली पैदा की जा सकती है और कोयला व तेल की कमी का नुकसान आसानी से पूरा किया जा सकता है।

 कुछ अर्सा हुआ कि खबर छपी थी कि काहिरा में किसी साहब ने ऐसा बॉयलर बनाया है जो सूर्य की गर्मी से भाप तैयार करके काम करता है ।क्या हिंदुस्तान में इस तरह की अविष्कार नहीं की जा सकती?  इसी तरह हिंदुस्तान में दूसरे मुल्कों से करोड़ों रुपए के केमिकल्स आते हैं जो जरा तवज्जुह देने से यहां तैयार हो सकते हैं बर्शते कि मुनासिब मशीनों का इस्तेमाल व अविष्कार किया जावे।

 काश जितना जोर राजनैतिक तरक्की के मुतअल्लिक़ लगाया जाता है उसका दसवाँ हिस्सा भी मशीनों के इस्तेमाल व अविष्कारों में लगाया जाता ताकि हमारी बहुत सी दिक्कते सहज में रफा हो जातीं। बेहतर होगा कि नौजवान बजाय बीस पच्चीस रुपये की नौकरी के लिए उम्मीदवार बनने के, कारखानों में मशीनों का इस्तेमाल सीखे। याद रहे कि जैसे घोड़े को काबू करने में खास किस्म का लुत्फ आता है वैसे ही मशीन से काम लेने में भी लुत्फ आता है।।   

            🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻*



: *परम गुरु हुजूर महाराज

- प्रेम पत्र -भाग 1
- कल से आगे -(4)

जाहिर है कि जिसने इस बात की कमाई आप कर ली है मैं उसको दूसरों को भी अच्छी तरह समझा  सकता है और कमाई भी करा सकता है और उसके बचन में भी किसी कदर असर होगा। और जोकि विद्या और बुद्धि की मदद से महात्माओं की वाणी और वचन को पढ़ कर सुनाते और समझाते हैं, न तो उनका बचन ठीक और दुरुस्त हो सकता है और न किसी को वे उसकी कमाई की जुगत बता सकते हैं और न कमाई करने वाले को मदद दे सकते है , बल्कि अंतर के भेद को जिससे कि वह आप बिल्कुल अनजान है उलटा पुलटा बयान करके लोगों को गलती में डालेंगे और कर्म धर्म में भरमावेंगे। इस वास्ते उनका संग सत्संग नहीं है, बल्कि सच पूछो तो कुसंग में दाखिल है।।     

(4) अब मालूम करना चाहिए कि जहां संत सतगुरु या साथ गुरु विराजते हैं या उनका कोई निज सतसंगी या साधगुरु बिराजते है या उधका कोई निज सतसंगी सतसंग का मुखिया है, तो वहां जरूर सच्चे मालिक का निर्णय होगा और यह बयान होगा कि किस तरह उसके चरणों में सच्चा प्रेम और भक्ति पैदा हौवे और कैसे वह दिन-ब-दिन बढ़ती जावे और कौन जुगत और अभ्यास से मन और इंद्रियों का जोर कम होवे और दुनियाँ और उसके सामान की चाह और किस तरह दिन दिन हल्की होती जावे और किस तौर से जीवो को व्यवहार और परमार्थ की कार्यवाही करनी चाहिए कि जिससे उनके पिछले कर्म कटते जावें और उनके सिर पर दुखदाई और फिर जन्म दिलाने वाले करने चढ़ते जावे।

क्रमश:

🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻*राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी



।। *गुरु महाराज ने कहा है , घबराना नहीं . दुःख और मुसीबत के बादल मडरायेंगे , गरजेंगे भी लेकिन बिना बरसे निकल जायेंगे।। *

राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी


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