Sunday, March 22, 2020

धार्मिक प्रसंग लोक कथाएं




प्रस्तुति -  कृष्ण मेहता


[23/03, 08:12] Morni कृष्ण मेहता: .       *_⚜!!श्री् हरि् !!_*⚜
*_𖡼•┄•𖣥𖣔𖣥•┄•𖡼🔅𖡼•┄•𖣥𖣔𖣥•┄•𖡼_*
      🙏🏻 पं0 कृषण मेहता*_* 🙏🏻
*_ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि आपके एवं आपके पूरे परिवार के लिए हर दिन शुभ एवं मंगलमय हों।_*

👉🏻 *_23 मार्च 2020 को चैत्र कृष्ण पक्ष की उदया तिथि चतुर्दशी और सोमवार का दिन है। चतुर्दशी तिथि आज दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। उसके बाद अमावस्या तिथि शुरु हो जायेगी। शुभ योग दोपहर 1 बजकर 51 मिनट तक रहेगाय, उसके बाद शुक्ल योग शुरू हो जायेगा। साथ ही आज देर रात 1 बजकर 21 मिनट तक पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा। नक्षत्रों की श्रेणी में पूर्वा भाद्रपद 25वां नक्षत्र है। पूर्वा भाद्रपद एक पंचक नक्षत्र है। धनिष्ठा से लेकर रेवती तक के पांच नक्षत्रों को पंचक नक्षत्र कहा जाता है और पंचक की श्रेणी में पूर्वा भाद्रपद तीसरा नक्षत्र है। पंचक के दौरान लेन-देन, व्यापारिक सौदे, घर मेंलकड़ी आदि का कार्य या घर बनाने कें  लिये लकड़ी इकट्ठी करना जैसे कामों से बचना चाहिए।  तो आज शुभ योग, पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र और सोमवार के संयोग में कौन-से खास उपाय करके आप शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं | कैसे आपके बच्चे का मन पढ़ाई में लगेगा... किस उपाय से आपके ऑफिस का तनाव कम होगा और कैसे सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी? आइए जानते है _*

🐑 *_मेष राशि: आज सामाजिक क्षेत्र में आपकी सक्रियता बढ़ेगी। किसी काम में आपको सकारात्मक परिणाम मिलेगा, जिससे आपको खुशी महसूस होगी। आज कुछ पुराने दोस्तों से मिलने का मौका मिलेगा। इस राशि के जो लोग अविवाहित है उनको विवाह के प्रस्ताव आयेंगे। आज काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ेगी । आज आपकी सेहतअच्छी बनी रहेगी। आज आपको किसी महिला मित्र का सहयोग मिलेगा।  भगवान शिव जी को 11 बेल पत्र अर्पित करें, सफलता के नए मार्ग खुलेंगे।_*

🐂 *_वृष राशि: आज आपका आर्थिक पक्ष मजबूत बनेगा । इस राशि के छात्रों को अपने शिक्षकों का पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा | साथ ही करियर में आगे बढ़ने के नए अवसर प्राप्त होंगे।आज आपको जीवनसाथी से खुशखबरी मिलेगी, जिससे पुरे दिन मन प्रसन्न रहेगा। आय के नये स्त्रोत बनेगे | लवमेट एक दुसरे की भावनाओं की कद्र करेंगे | किसी कार्य को करने के लिए अपने करीबी दोस्त से सलाह लेंगे । गाय की सेवा करें,घर में सुख-शांति बनी रहेगी।_*

👨‍❤️‍👨 *_मिथुन राशि: आज आपको किसी खास काम में अनुभवी से मदद मिलेगी। आप परिवार के साथ मूवी देखने का प्लान बनायेंगे।आपको किसी तरह की पुरानी बातों पर ज्यादा ध्यान देने से बचना चाहिए | साथ ही पैसों का लेन-देन करने से भी आज के दिन आपको बचना चाहिए | अपने समय का सदुपयोग करने से आपको लाभ होगा। संतान को शिक्षा में उन्नति मिलेगी। माता-पिता के स्वास्थ्य में सुधार आयेगा। आपके दाम्पत्य संबंध बेहतर रहेंगे। जल में थोड़ा सा दूध मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें,व्यापार में बढ़ोत्तरी होगी ।_*

🦀 *_कर्क राशि: आज स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहेगा | आपको अपनी सोच और व्यवहार को संतुलित रखना चाहिए | किसी पर ज्यादा भरोसा करने से आपको बचना चाहिए | साथ ही आज के दिन कोई बड़ा फैसला लेने से भी बचना चाहिए | व्यापार मध्यम स्तर पर रहेगा | कोई अनजान व्यक्ति आपका फायदा उठा सकता है। परिवारिक माहौल बेहतर बना रहेगा | कार्यों में परिवार वालों का सहयोग प्राप्त होगा | दाम्पत्य जीवन में मधुरता बढ़ेगी | आज के दिन शिव जी का ध्यान करते हुए 2 मुखी रुद्राक्ष धारण करें,डिप्रेशन की समस्या से छुटकारा मिलेगा ।_*

🦁 *_सिंह राशि: आज आप अपना लक्ष्य निर्धारित करने के लिए कोई नई योजना बनायेंगे|घरेलू समस्याओं को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने में आज आप सफल रहेंगे। इस राशि के जो लोग नौकरी में है, आज उन्हें कोई अच्छी खबर मिलेगी|आप किसी धार्मिक यात्रा पर जाने का मन बनायेंगे। आपको रोजगार के उचित अवसर मिलेंगे |जीवनसाथी के साथ कही जाने का प्लान बनायेंगे।  सोशल मिडिया से जुड़े लोगों को फायदा होगा। ॐ नम: शिवाय  मंत्र का 11 बार जप करें, आपकी योजना सफल होगी।_*

👰🏻 *_कन्या राशि: छात्रों के करियर में आज नया बदलाव आयेगा, जो उनके भविष्य के लिए फायदेमंद होगा | इस राशि के जो लोग सोशल साइट्स पर काम करते हैं, उनकी जान-पहचान किसी ऐसे व्यक्ति से होगी, जिससे उन्हें काफी लाभ मिलेगा। आपकी सेहत बढ़िया रहेगी | कारोबार में कुछ लोग आपके लिये बहुत मददगार साबित होंगे। आपको किसी दूसरी कम्पनी के साथ काम करने का मौका मिलेगा| सामाजिक क्षेत्र में आपकी सराहना होगी | मस्तक पर चंदन का तिलक लगाएं, कार्यों में सफलता मिलेगी ।_*

⚖️ *_तुला राशि: आज ऑफिस के काम में आप थोड़े बिजी होंगे|आपको थोड़ी थकान महसूस होगी| आज आप घरेलू सामान खरीदने में पैसे खर्च करेंगे | परिवार के कुछ खास मामलों में आज आपको अनदेखी करने से बचना चाहिए | भाई-बहन का सहयोग प्राप्त होता रहेगा | आज आप करियर में नए आयाम स्थापितकरेंगे। लवमेटस मूवी देखने जायेंगे | प्रोपर्टी लेने के योग बन रहे है। जरूरतमंद को वस्त्र दान करें, समाज में मान सम्मान बढ़ेगा।_*

🦂 *_वृश्चिक राशि: आज किसी खास काम में आपको फायदा मिलेगा | माता-पिता के साथ आपके रिश्ते बेहतर होंगे।  जीवनसाथी आपकी बातों से प्रभावित होंगे।वो आपके कामों में आपकी मदद भी करेंगे | बिजनेस के मामलों में आज का दिन बेहतर रहेगा | सामाजिक कार्यों में आज आपको सफलता मिलेगी | ऑफिस में आपको कुछ नए  कामों की जिम्मेदारी मिलेगी, जिसको आप सफलता पूर्वक पूरा भी कर लेंगे।  सरकारी क्षेत्र में कार्यरत लोगों की पदोन्नति होने के योग बन रहे है।  शिवलिंग पर सफेदफूल अर्पित करें, लम्बे समय से रुके कार्य पूरे होंगे।_*

🏹 *_धनु राशि : आज आप असंभव कार्यों को भी पूरा करने में सफल होंगे | घर का माहौल खुशनुमा बना रहेगा | आपको अचानक धन लाभ के अवसर प्राप्त होंगे । आपको किस्मत का पूरा-पूरा साथ मिलेगा | घर के बड़े आपके काम से प्रभावित होंगे । ऑफिस में आपके कार्यों से लोग प्रभावित होंगे, साथ ही आपसे कुछ सिखाने की कोशिश भी करेंगे | धर्म के कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी |भगवन शिव के दर्शन करें, पुरे दिन सफलता मिलती रहेगी।_*

🐊 *_मकर राशि: आपके पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे। थोड़ी-सी मेहनत करके आप अपने उद्देश्यों को आसानी से प्राप्त करेंगे। नए दम्पत्तियों के जीवन में खुशियाँ बढ़ेगी।  व्यावसायिक कार्यों के लिहाज़ से आज का दिन बेहतर है | आप हर काम को धैर्य और समझदारी से पूरा करने की कोशिश करेंगे | आपकी कोशिशें सफल होंगी। ऑफिस का बढ़िया माहौल आपको खुश कर देगा। जीवन में आगे बढ़ने के लिये नए रास्ते खुलेंगे। शिव जी के मन्दिर में मिठाई दान करें, आपकी मेहनत रंग लायेगी।_*

⚱️ *_कुंभ राशि: आज ऑफिस में सभी लोगों के साथ बेहतर तालमेल बना रहेगा | आप शाम को किसी समारोह में शामिल होंगे | किसी पुराने मित्र से मिलकर आपका मन प्रसन्न होगा | लवमेट के लिये आज का दिन शानदार रहेगा | आपको कोई शुभ समाचार मिलेगा | परिवार में एक दूसरे के साथ आपसी सामंजस्य बेहतर होगा | आज अध्यात्म की तरफ आपका रुझान रहेगा । आप जिस काम को करने का प्रयास करेंगे, उस काम में आपको कामयाबी मिलेगी | शिवलिंग पर शहद अर्पित करें,दाम्पत्य जीवन में मधुरता बढ़गी।_*

🐬 *_मीन राशि: आज पारिवारिक मामलों को लेकर आपको थोड़ी भागदौड़ करनी पड़ेगी । ऑफिस में काम धीमी गति से पूरे होंगे।किसी बात को लेकर भाई-बहन से अनबन की स्थिति बनेगी। आज किसी से भी बेवजह उलझने से आपको बचना चाहिए ।आज आपकी सेहत ठीक बनी रहेगी।  आपको अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। आप अपना काम पूरा करने के लिये किसी दोस्त से मदद भी मांग सकते हैं। किसी अनाथालय में आर्थिक सहयोग करें,रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
[23/03, 10:20] Morni कृष्ण मेहता: 14.3.2020
परोपकार के क्षेत्र में, संसार में सबसे कठिन काम है, किसी के विचारों को बदलना।
 प्रायः लोग यह मानते हैं कि मेरे पास बहुत बुद्धि है। मैं सबसे अधिक बुद्धिमान हूं। जबकि सभी लोग इतने बुद्धिमान नहीं होते फिर भी ऐसा मानते हैं।
जब व्यक्ति यह मानता है कि *मैं सबसे अधिक बुद्धिमान हूं, तो मैं अपनी बुद्धि से जी लूंगा मुझे दूसरे की सलाह की क्या आवश्यकता है?*
इसलिए वह दूसरों से सलाह लेना नहीं चाहता, जबकि भारत में तो बिना मांगे सलाह देने वाले एक ढूंढो 50 मिलते हैं।*
   फिर भी कुछ लोग वास्तव में अच्छी सलाह देते हैं । कुछ लोग तो बस अपनी धाक जमाने के लिए कुछ भी सलाह देते हैं, चाहे उनकी सलाह गलत ही क्यों न हो!
*कुछ व्यक्ति तो दूसरे व्यक्ति को हानि पहुंचाने के लिए जानबूझकर गलत सलाह देते हैं। वे यह नहीं समझते कि हमें इसका दंड भी भोगना पड़ेगा।* दंड उनको समझ में नहीं आता, इसलिए वे जानबूझकर भी गलत सलाह देते हैं। अस्तु।
फिर भी जो सही सलाह देते हैं, वास्तव में जो लोग योग्य होते हैं, हृदय से दूसरों का भला ही  चाहते हैं, निष्काम भावना से उनका उपकार करते हैं, ऐसे लोग ही दूसरों के विचारों को बदल पाते हैं। तो ऐसे ही लोग संसार में महान पुरुष कहलाते हैं।
 *क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति अपने अभिमान से ग्रस्त है और वह दूसरे की सलाह सुनना नहीं चाहता । दूसरे की सलाह से अपने विचार बदलना नहीं चाहता।*
ऐसी स्थिति में, कोई बुद्धिमान व्यक्ति, अपनी बुद्धिमत्ता और तर्क प्रमाण से समझाने की कला के कारण, यदि दूसरों के विचारों को बदल देता है, उनको हानि से बचाकर लाभ के मार्ग पर ले आता है, तो यह बहुत अच्छी बात है। यह उसकी कलाकारी मानी जाएगी और वह महापुरुष माना जाएगा - *स्वामी विवेकानंद परिव्राजक*
[23/03, 10:20] Morni कृष्ण मेहता: 15.3.2020
आजकल ऐसा कोई व्यक्ति संसार में नहीं दिखता, जो सदा सीढ़ियां ऊपर ही चढ़ता हो। उसको वापस नीचे भी आना पड़ता है। *कुछ लोग धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़ रहे होते हैं, और मान लीजिए वह तेजी से सीढ़ियां चढ़कर ऊपर जाता है, तब वह कुछ लोगों को क्रॉस करके आगे निकल जाता है। यदि उस समय वह उन लोगों के साथ दुर्व्यवहार करता है, उनकी खिल्ली उड़ाता है, और उन्हें चिढ़ाकर ऊपर चढ़ता है, तो जब वह वापस नीचे उतरेगा, तब उन्हीं लोगों के साथ उसका सामना होगा। तब वे लोग भी उसकी खिल्ली उड़ाएंगे। हो सकता है मारपीट भी करें।* इसलिए बुद्धिमत्ता यह कहती है कि *जब आप किसी को क्रॉस करके आगे निकलते हों, तो उससे प्रेम से हंसकर नम्रता पूर्वक आगे निकलना चाहिए।* अन्यथा वापस लौटते समय आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
*इसी तरह से जो लोग जीवन में आगे बढ़ते हैं, उन्हें भी अपने से पीछे छूटने वाले लोगों से सभ्यता से व्यवहार करना चाहिए। अन्यथा जिस दिन वे लोग कुछ नीचे उतरेंगे, कुछ हानि उठाएंगे, तब दूसरे लोग भी उनसे जमकर बदला लेंगे।* आप बुद्धिमान हैं, संकेत को समझ गए होंगे - *स्वामी विवेकानंद परिव्राजक*
[23/03, 10:20] Morni कृष्ण मेहता: 16.3.2020
प्रत्येक व्यक्ति सुखी होना चाहता है, 100% सुखी होना चाहता है। इसके साथ-साथ वह दुखों से भी छूटना चाहता है, 100% दुखों से छूटना चाहता है। परंतु ये दोनों ही बातें संसार में देखने को नहीं मिलती।
 *कोई व्यक्ति संसार में अब तक ऐसा पैदा नहीं हुआ और होगा भी नहीं, जो करोड़ों वर्षों तक, लगातार जीते जी, 100% सुखी हो और 100% दुखों से छूट गया हो। ये दोनों बातें मोक्ष में तो संभव हैं। और यदि आप कुछ देर के लिए अच्छी गहरी नींद में सो जाएँ, तो वहाँ भी ये दोनों बातें हो जाती हैं। अथवा समाधि में भी ये दोनों बातें संभव हो जाती हैं।*
परंतु समाधि तो सबको प्राप्त नहीं है। निद्रा जरूर प्राप्त होती है। फिर भी निद्रा भी 6/7 घंटे की होती है, अर्थात् व्यक्ति अधिक से अधिक 6/7 घंटे दुखों से छूट जाता है। लेकिन वह बहुत लंबे समय तक - करोड़ों वर्षों तक ऐसा चाहता है, कि वह सदा सुखी रहे, 100% सुखी रहे, और 100% दुखों से छूट जाए। अब यह बात तो सिर्फ मोक्ष में ही हो सकती है।
चलो ठीक है , जब मोक्ष होगा , तब होगा। उसके लिए भी आपको बहुत परिश्रम करना होगा।  परंतु जब तक संसार में जीवित हैं, तब तक कैसे जीएँ? उसका उपाय है कि *अधिक से अधिक सुखी रहें, और कम से कम दुखी हों।* अब यह कैसे होगा? इसका उपाय है कि *दुख के कारण को ढूंढें. एक कारण है, दूसरे लोगों से अधिक आशाएं रखना अर्थात एक्सपेक्टेशन करना।*
जितनी आप दूसरे लोगों से एक्सपेक्टेशन  अधिक रखेंगे, उतने ही आप अधिक दुखी रहेंगे। क्योंकि *सब लोग आपकी सभी आशाओं को पूरा नहीं कर सकते। जब आप की आशाएं पूरी नहीं होती, तब आप दुखी होते हैं. कुछ आशाएं पूरी हो भी जाएं, तो वे वहां समाप्त नहीं होती,  बल्कि और बढ़ती जाती हैं। जो आशाएँ पूरी नहीं हो पाती, वे दुख देती हैं।* इसलिए यह पद्धति सुख प्राप्ति की नहीं है, बल्कि दुखों को बढ़ाने वाली है। तो फिर क्या करना चाहिए?
 *सुखी होने के लिए तथा दुखों से बचने के लिए, दूसरे लोगों से कम से कम आशाएं रखें। ईश्वर पर अधिक विश्वास रखें स्वयं पर अधिक विश्वास रखें । ईश्वर और स्वयं के भरोसे जीने का प्रयास करें। दूसरे लोग यदि आपकी आशा पूरी कर दें, तो ठीक है। यदि नहीं करते तो दुख से बचने के लिए मन में सोचें, "कोई बात नहीं"*. - *स्वामी विवेकानंद परिव्राजक*
[23/03, 10:21] Morni कृष्ण मेहता: 17.3.2020
संसार में ऊँचे नीचे व्यवहार तो रोज ही होते रहते हैं। कुछ बुद्धिमान लोग ऐसे व्यवहार होने पर आत्म - निरीक्षण करते हैं, और अपने दोषों को जानकर समझकर उन्हें दूर करने का प्रयत्न करते हैं।
परंतु कुछ मूर्ख और स्वार्थी लोग अपने दोषों को स्वीकार नहीं करते। जैसे-तैसे अपने दोषों को ढकने और उनका समर्थन करने की कोशिश करते हैं। ऐसे लोग कभी भी जीवन में उन्नति नहीं कर सकते। *ऐसे लोगों से हमें शिक्षा लेनी चाहिए, कि हम उन मूर्ख तथा स्वार्थी लोगों की नकल नहीं करेंगे। हम तो बुद्धिमान बनेंगे।*
जैसे श्री राम जी, श्री कृष्ण जी आदि अनेक  महापुरुष हुए थे। उन्होंने आत्म-निरीक्षण कर करके अपने दोषों को दूर किया। अपने माता-पिता गुरुजनों के निर्देश आदेश का पालन करते हुए उत्तम उत्तम गुणों को धारण किया। इसी प्रकार से आपको भी कोई-न-कोई महापुरुष अपने जीवन में आदर्श बना कर रखना चाहिए। और उसके जीवन से अच्छे गुणों को धारण करना चाहिए। तभी आप वास्तविक उन्नति कर पाएंगे। अन्यथा दुनियाँ  में करोड़ों व्यक्ति हैं, जो भ्रांति में जी रहे हैं। वे सोचते हैं, कि "हम बहुत उत्तम व्यक्ति हैं, हम बिल्कुल ठीक हैं।" जबकि वे दिन रात दोष करते रहतेे हैं।
तो *दूसरों की गलतियां देखकर भी उनसे द्वेष न करें। उनसे बदला लेने की न सोचें, बल्कि अपने दोषों का सुधार करें । यदि आपका दोष न हो, तो चिंता न करें।* यही सुखी जीवन का रहस्य है।
- *स्वामी विवेकानंद परिव्राजक*
[23/03, 10:21] Morni कृष्ण मेहता: 18.3.2020
गलतियां किससे नहीं होती? सभी से होती हैं। क्योंकि सभी आत्माएं अल्पज्ञ हैं। *अल्पज्ञ होने के कारण उनके जानने समझने बोलने तथा व्यवहार आचरण में कहीं न कहीं कमियां रह ही जाती हैं, और त्रुटियां भी हो जाती हैं।*
यह तो आत्मा की विवशता है कि वह स्वभाव से अल्पज्ञ है, अल्प शक्तिमान है, इसलिए गलतियों से चोट से दुखों से वह सदा नहीं बच पाता। इसलिए कहीं न कहीं, कोई न कोई नुकसान हो ही जाता है। कहीं भी चोट लग ही जाती है।  अस्तु।
जन्म से कोई भी मनुष्य, विद्वान नहीं होता। धीरे-धीरे वह सीखता है। माता-पिता से गुरुजनों से विद्वानों से वह सीखता है। और धीरे-धीरे सीख कर ही वह विद्वान बलवान धनवान बुद्धिमान बनता है।
जब तक वह विद्वान बलवान बुद्धिमान नहीं बन जाता, तब तक उसको अनेक दुख उठाने पड़ते हैं, और गलतियां भी होती रहती हैं। परंतु जब पढ़ लिखकर धनवान विद्वान बलवान बन जाता है, तब तो कम से कम जानबूझ कर उसे गलतियां नहीं करनी चाहिएँ! *यदि कोई तथाकथित मनुष्य, पढ़ लिखकर विद्वान बलवान धनवान होकर भी जानबूझकर गलतियां करें, तो ऋषि लोग कहते हैं उसे मनुष्य की कोटि में नहीं मानना चाहिए। वह तो फिर पशुओं जैसा है अथवा कहीं कहीं तो पशुओं से भी नीचे स्तर का है।*  इसलिए जानबूझकर गलतियां न करें। अपनी मानव योनि को बदनाम न करें। अच्छे कर्म करें और मानव योनि की शोभा बढ़ावें। - *स्वामी विवेकानंद परिव्राजक*
[23/03, 10:21] Morni कृष्ण मेहता: 19.3.2020
क्या आप ऐसा मानते हैं कि स्त्रियों में भी आत्मा होती है? और क्या आप ऐसा भी मानते हैं कि जैसी आत्मा पुरुषों में होती है, वैसी ही स्त्रियों में भी होती है? यदि हां।
तो जरा विचार करें, कि *जब पुरुष लोग सम्मान चाहते हैं तो क्या स्त्रियां सम्मान नहीं चाहेंगी?* देखने में तो यही आता है कि *जैसे पुरुष सुख चाहते हैं वैसे ही स्त्रियाँ भी सुख चाहती हैं। जैसे पुरुष दुख नहीं चाहते, ऐसे ही स्त्रियां भी दुख नहीं चाहती।*  इस व्यवहार से यह पता चलता है कि पुरुषों और स्त्रियों में एक जैसी ही आत्मा होती है, बल्कि पशु-पक्षी आदि सभी प्राणियों में एक जैसी ही आत्मा होती है, क्योंकि वे सब प्राणी भी सुख ही चाहते हैं, दुख तो कोई भी नहीं चाहता। अस्तु।
 *जब पुरुष लोग विवाह कर लेते हैं, तब विवाह से पूर्व तो वे स्त्रियों का बहुत सम्मान करते हैं, परंतु विवाह करने के बाद वह बात नहीं रहती। फिर तो वे स्त्रियों को अपनी संपत्ति समझ कर, उनके साथ चाहे जैसा व्यवहार करने लगते हैं। ऐसा करना उचित नहीं है।*
     विवाह के बाद स्त्रियां, पुरुषों को अपनी संपत्ति समझ कर, यदि उनके साथ मनमाना व्यवहार करें, तो क्या पुरुषों को यह स्वीकार होगा? यदि नहीं। तो स्त्रियों को भी यह स्वीकार नहीं है। *फिर स्त्रियों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार क्यों?*
इसलिए सब लोग मनुष्यता धर्म का पालन करें। स्त्री और पुरुष दोनों ही मनुष्य हैं। दोनों को एक दूसरे के सम्मान और इच्छाओं का ध्यान रखना चाहिए। एक दूसरे को सुख देना चाहिए। *कोई भी किसी पर अन्याय या अत्याचार न करे, तथा ईश्वर के दंड का पात्र न बने।* - *स्वामी विवेकानंद परिव्राजक*
[23/03, 10:21] Morni कृष्ण मेहता: 20.3.2020
संसार में कुछ लोग *पढ़े लिखे* कहलाते हैं, उनको स्कूल कॉलेज गुरुकुल  आदि की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला है। उनके पास बड़ी-बड़ी डिग्रियां भी हैं। और बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिनको *अनपढ़* कहा जाता है। क्योंकि वे स्कूल में नहीं जा सके।  उन्हें पढ़ने का अवसर नहीं मिला, या उन्हें पढ़ने के साधन सुविधाएं नहीं मिली। अथवा पढ़ने में उनकी बुद्धि नहीं चली। अर्थात किसी भी कारण से वे पढ़ नहीं पाए।
अब जो लोग *पढ़े लिखे* कहलाते हैं, उन्होंने तरह तरह की विद्याएँ पढ़ी, पढ़ाई करने में बहुत सा धन भी खर्च किया, बहुत परिश्रम भी किया, उसके बाद भी उनका व्यवहार, उन *अनपढ़* लोगों से भी अनेक क्षेत्रों में घटिया स्तर का देखा जाता है। पढ़ने लिखने के कारण, उनकी बुद्धि चतुराई आदि तो बढ़ गई, परंतु आस्तिकता धार्मिकता आदि गुण उन्होंने प्राप्त नहीं किए। जो कि शिक्षा का महत्वपूर्ण अंग है। *इसलिए वे तथाकथित "पढ़े लिखे" लोग अपनी बुद्धि और चतुराई से संसार को सुख कम तथा दुख अधिक दे रहे हैं। जबकि वे तथाकथित "अनपढ़" लोग बुद्धि एवं  चतुराई कम होने के कारण, तथा  आस्तिकता आदि गुणों के कारण संसार को सुख अधिक तथा दुख कम दे रहे हैं।*
अब आप विचार कीजिए, कि वे *पढ़े लिखे* लोग अपने जीवन में अधिक सफल हैं अथवा वे तथाकथित *अनपढ़* लोग।
जब पढ़े लिखे लोग संसार को अधिक दुख दे रहे हैं, तो उन्हें कैसे सफल माना जाए? उन्हें कैसे पढ़ा लिखा माना जाए?
यदि निष्पक्ष भाव से देखें, तो *असली अनपढ़* तो यही लोग हैं, जो *पढ़े लिखे कहलाते* हैं। क्योंकि ये लोग पढ़ने लिखने के बाद भी, जानबूझकर लोगों को दुख अधिक देते हैं, और अच्छे गुणों को धारण करके संसार को सुख नहीं देते। *जबकि वे तथाकथित अनपढ़ लोग संसार को सुख अधिक और दुख कम देते हैं।* आप भी अपना आत्म निरीक्षण कीजिए, आप इन दोनों में से कौन से वर्ग में हैं? - *स्वामी विवेकानंद परिव्राजक*.
[23/03, 10:21] Morni कृष्ण मेहता: 21.3.2020
एक ही बात को अनेक प्रकार से कहा जा सकता है। परंतु *जब कोई बात सकारात्मक शब्दों में कही जाती है, तो वह उत्साहवर्धक होती है। और यदि आप नकारात्मक भाव से किसी चीज को कहते हैं, तो उसका प्रभाव  निराशाजनक होता है।*
 उदाहरण के लिए, जैसे किसी ने कहा कि *यह ग्लास पानी से आधा भरा हुआ है।* यह सकारात्मक भाव से कथन है। इससे उत्साह बढ़ता है, कि *चलो आधा पानी तो है।*
अब इसी बात को दूसरे शब्दों में यूं भी कहा जा सकता है, कि, *इस ग्लास में तो आधा ही पानी है!* इस कथन में उत्साह नहीं बढ़ता, बल्कि भंग होता है, निराशा आती है।
तो हमें बोलते समय ध्यान रखना चाहिए कि हम किसी बात को इस प्रकार से अभिव्यक्त करें, कि लोगों का उत्साह बढ़े।  लोग अच्छाई की ओर प्रवृत्त हों, और निराशा एवं बुराई से बचें।
यदि आप ऐसा कहते हैं कि *संसार में बहुत से अच्छे लोग हैं, जो मनुष्यों की और प्राणियों की सेवा तथा रक्षा करते हैं।* तो यह कथन उत्साहवर्धक है। और यदि आप इसी बात को इस प्रकार से कहें, कि *दुनिया में कुछ ऐसे दुष्ट लोग हैं, जिन्होंने दुनियाँ का जीना हराम कर रखा है।*  इस कथन से उत्साह भंग होता है, और निराशा बढ़ती है।
इसलिए सब जगह पर विचारने तथा बोलने में ध्यान रखें। उत्तम जीवन जीने के लिए उत्साह की आवश्यकता है। अच्छे तथा सकारात्मक शब्द बोलें। अपना और दूसरों का उत्साह बढ़ाएं. - *स्वामी विवेकानंद परिव्राजक*
[23/03, 10:21] Morni कृष्ण मेहता: 22.3.2020
 *मनुष्य की विचित्रता* - अपवाद स्वरूप कुछ ही लोग ऐसे होते हैं, जो दूसरों के दोषों पर ध्यान नहीं देते। न उनकी कोई टीका टिप्पणी करते हैं। न उन दोषों का कोई प्रचार करते हैं। उन अपवाद स्वरूप कुछ मनुष्यों को छोड़कर, प्रायः सभी लोग दूसरों के दोषों पर ही दृष्टि रखते हैं। अपने दोष तो शायद ही कभी देखते होंगे। दूसरों के दोषों पर ही विचार चिंतन चर्चा प्रचार चलता रहता है। जिसका परिणाम यह होता है, कि कुछ ही समय में वे दोष उन व्यक्तियों के अंदर आ जाते हैं, और वे अत्यंत हानि उठाते हैं। यद्यपि ऐसा करना उचित नहीं है। परंतु इस बात को वे लोग समझते नहीं हैं, इसलिए दूसरों के दोष पर ही चर्चा विचार प्रचार चलता रहता है।
 वैदिक विद्वान ऋषि लोग ऐसा मनोविज्ञान बताते हैं कि *आप दूसरे व्यक्ति में जिस चीज को देखेंगे, उस पर विचार करेंगे, वही चीज कुछ ही समय में आपके अंदर आ जाएगी। यदि आप दूसरों के गुणों पर चिंतन विचार करेंगे, तो आपके अंदर वे गुण आ जाएंगे। यदि आप दूसरों के दोषों पर विचार करेंगे, तो कुछ ही समय में वे दोष आपके अंदर आ जाएंगे।*
 मनोविज्ञान के इस रहस्य को न समझने के कारण, लोग दूसरों के दोषों की ही चर्चा करते रहते हैं। तो इस हानि से बचने के लिए उत्तम यही रहेगा, कि *दूसरों के दोषों पर ध्यान न दें,  बल्कि उनके गुणों पर ध्यान दें. उनके गुणों पर चर्चा विचार प्रचार करें, तो कुछ ही समय में आप भी वैसे ही गुणवान बन सकते हैं। यही आपके लिए और सबके लिए हितकारी होगा।*
यदि दोष ही देखने हों, तो अपने दोषों को देखें, तथा उन्हें दूर करने का भरसक प्रयत्न करें। इससे आपको बहुत अधिक लाभ होगा। * आपके जितने अधिक दोष दूर होते जाएंगे, उतना ही आपका दुख घटता जाएगा। और जितने गुण आपमें बढ़ते जाएंगे, उतना ही आपका सुख भी बढ़ता जाएगा।* - *स्वामी विवेकानंद परिव्राजक*

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