Sunday, March 29, 2020

दयालबाग में आज 29/03 को सुबह शाम का सत्संग



: **राधास्वामी!!

 29-03-2020         
          
  आज सुबह के सतसंग में पढे गये पाठ:-                                                                                    (1) राधास्वामी लिया अपनाय सखी री। शोभा अदभुत आज लखी री।। राधास्वामी चौथा लोक कहें री। राधास्वामी अलख अलोक भनें री।। (सारबचन-शब्द-पाँचवा-पृ.सं. 62)                   

 (2) सुरतिया अधर चढी। गुरू दई प्रेम की दात।। धुन रस पाय सुरत अब जागी। दूर हुए मन के उतपात।। ( प्रेमबानी-2,शब्द-92,पृ.सं.211)                       

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**राधास्वामी!! 29-03-2020 
                   
आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ:-                                                                                 

    (1) गुरु दरशन बिन चैन न आवे। मैं कौन उपाय करुँ।। (प्रेमबानी-3,शब्द-9,पृ.सं.206)                                                       

(2) सुरतिया बिनती करत रही। करो गुरु मेरा आज उधार ।।टेक।। (प्रेमबिलास-शब्द-86,पृ.सं.125)                                                                                           (3) सतसंग के उपदेश-भाग-तीसरा-कल से आगे।।                                                   

   🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**राधास्वामी!

!  29-03 -2020

 आज शाम के सत्र में पढ़ा गया बचन-

कल से आगे-( 93)

अगर हम उन सब तदबीरो को, जिन्है सृष्टि के शुरू से इंसान अंधेरा दूर करने के लिए अमल में लाया , और उन सब दिक्कतों को जो उसने इस सिलसिले में बर्दाश्त की, ख्याल में लावें तो मालूम होगा कि इंसान पहले अंधेरा दूर करना कैसा मुश्किल है लेकिन जब सूर्य उदय होता है तो आपसे आप हर अमीर व गरीब के घर से अंधेरा दूर हो जाता है , किसी को कुछ भी तरद्दुद नहीं करना पड़ता । आंखें खोलते ही अंधेरा गायब दिखलाई देता है । इसी तरह सृष्टि के शुरू से आज तक मोक्ष हासिल करने के लिए इंसान ने जो जो सख्त तकलीफ उठाईंं और कठिन साधन किये उनको ख्याल में लाने से मालूम होता है कि मोक्ष हासिल करना कैसा मुश्किल है लेकिन जब संतों ,महात्माओं के संसार में तशरीफ लाने से रुहानियत  का सूर्य उदय हो जाता है तो किसी भी शख्स को खास तरद्दुद करने की जरूरत नहीं रहती, सिर्फ आंखें खोल कर उनकी पहचान करने की हाजत रह जाती है। इससे समझ में आ सकता है कि अगर राधास्वामी दयाल रुहानियत के सूर्य है और हमें उनकी सच्ची पहचान आ गई है तो हमारे लिए मोक्ष हासिल करना आसान हो गया है।                                         

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻

 सत्संग के उपदेश भाग तीसरा**

राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
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