Sunday, March 22, 2020

23/03 आपका दिन मंगलमय हो




[23/03/20 20

प्रस्तुति - कृष्ण मेहता:

 🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

*********|| जय श्री राधे ||*********
🌺🙏 *महर्षि पाराशर पंचांग* 🙏🌺
🙏🌺🙏 *अथ  पंचांगम्* 🙏🌺🙏
*********ll जय श्री राधे ll*********
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

*दिनाँक -: 23/03/2020,सोमवार*
चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष
चैत्र
""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)

तिथि --------चतुर्दशी 12:29:42         तक
पक्ष ----------------------------कृष्ण
नक्षत्र --पूर्वाभाद्रपदा 25:20:05
योग ---------------शुभ 13:49:33
करण ---------शकुनी 12:29:42
करण -------चतुष्पदा 25:43:03
वार -------------------------सोमवार
माह ------------------------------ चैत्र
चन्द्र राशि    ------कुम्भ18:36:01
चन्द्र राशि   ----------------------मीन
सूर्य राशि    ---------------------मीन
रितु ---------------------------वसन्त
आयन ---------------------उत्तरायण
संवत्सर ----------------------विकारी
संवत्सर (उत्तर) ----------परिधावी
विक्रम संवत ----------------2076
विक्रम संवत (कर्तक) ----2076
शाका संवत ----------------1941

वृन्दावन
सूर्योदय -----------------06:20:44
सूर्यास्त -----------------18:30:52
दिन काल ---------------12:10:07
रात्री काल -------------11:48:44
चंद्रास्त -----------------17:43:22
चंद्रोदय -----------------30:28:50

लग्न ---- मीन 8°43' , 338°43'

सूर्य नक्षत्र ---------उत्तराभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र -----------पूर्वाभाद्रपदा
नक्षत्र पाया ---------------------ताम्र

*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*

सो ----पूर्वाभाद्रपदा 11:52:13

दा ----पूर्वाभाद्रपदा 18:36:01

दी ----पूर्वाभाद्रपदा 25:20:05

*💮🚩💮  ग्रह गोचर  💮🚩💮*

ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
=======================
सूर्य=मीन 08°22  ' उ o भा o,   2  थ
चन्द्र =कुम्भ23°23  'पू o भा  '  2   सो
बुध = कुम्भ 10°50 ' शतभिषा'    2   सा
शुक्र= मेष 24°55,     भरणी    ' 4   लो
मंगल=मकर  00°30'  उ o षा o '  2  भो
गुरु=धनु  29°50 '   उ oषाo ,    1    भे
शनि=मकर  05°43' उ oषा o   '  3  जा
राहू=मिथुन 09°52 '      आर्द्रा ,   1   कु
केतु=धनु  09 ° 52 '      मूल    , 3   भा

*🚩💮🚩शुभा$शुभ मुहूर्त🚩💮🚩*

राहू काल 07:52 - 09:23 अशुभ
यम घंटा 10:55 - 12:26 अशुभ
गुली काल 13:57 - 15:28  अशुभ
अभिजित 12:01 -12:50 शुभ
दूर मुहूर्त 12:50 - 13:39 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:16 - 16:05 अशुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
अमृत 06:21 - 07:52 शुभ
काल 07:52 - 09:23 अशुभ
शुभ 09:23 - 10:55 शुभ
रोग 10:55 - 12:26 अशुभ
उद्वेग 12:26 - 13:57 अशुभ
चर 13:57 - 15:28 शुभ
लाभ 15:28 - 16:59 शुभ
अमृत 16:59 - 18:31 शुभ

🚩चोघडिया, रात
चर 18:31 - 19:59 शुभ
रोग 19:59 - 21:28 अशुभ
काल 21:28 - 22:57 अशुभ
लाभ 22:57 - 24:25* शुभ
उद्वेग 24:25* - 25:54* अशुभ
शुभ 25:54* - 27:22* शुभ
अमृत 27:22* - 28:51* शुभ
चर 28:51* - 30:20* शुभ

💮होरा, दिन
चन्द्र 06:21 - 07:22
शनि 07:22 - 08:22
बृहस्पति 08:22 - 09:23
मंगल 09:23 - 10:24
सूर्य 10:24 - 11:25
शुक्र 11:25 - 12:26
बुध 12:26 - 13:27
चन्द्र 13:27 - 14:28
शनि 14:28 - 15:28
बृहस्पति 15:28 - 16:29
मंगल 16:29 - 17:30
सूर्य 17:30 - 18:31

🚩होरा, रात
शुक्र 18:31 - 19:30
बुध 19:30 - 20:29
चन्द्र 20:29 - 21:28
शनि 21:28 - 22:27
बृहस्पति 22:27 - 23:26
मंगल 23:26 - 24:25
सूर्य 24:25* - 25:24
शुक्र 25:24* - 26:23
बुध 26:23* - 27:22
चन्द्र 27:22* - 28:21
शनि 28:21* - 29:21
बृहस्पति 29:21* - 30:20

*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान-------------पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा  काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

       15 + 14 + 2 + 1 = 32  ÷ 4 = 0 शेष
 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*💮    शिव वास एवं फल -:*

   29 + 29 + 5 = 63  ÷ 7 = 0 शेष

शमशान  वास = मृत्यु कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩    विशेष जानकारी    🚩💮*

* काममहोत्सव चतुर्दशी

*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*

यस्यार्स्थास्तस्य मित्राणि यस्यार्स्थास्तस्य बान्धवाः ।
यस्यार्थाः स पुमाल्लोके यस्यार्थाः सचजीवति ।।
।।चा o नी o।।

 वह व्यक्ति जिसके पास धन है उसके पास मित्र और सम्बन्धी भी बहोत रहते है. वही इस दुनिया में टिक पाता है और उसीको इज्जत मिलती है.

*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसन्यासयोग अo-18

सर्वकर्माण्यपि सदा कुर्वाणो मद्व्यपाश्रयः।,
मत्प्रसादादवाप्नोति शाश्वतं पदमव्ययम्‌॥,

मेरे परायण हुआ कर्मयोगी तो संपूर्ण कर्मों को सदा करता हुआ भी मेरी कृपा से सनातन अविनाशी परमपद को प्राप्त हो जाता है॥,56॥,

*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जुए-सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। किसी अपने का व्यवहार समझ नहीं आएगा। सुख के साधनों पर खर्च होगा। किसी बड़ी समस्या से निजात मिलेगी।

🐂वृष
फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखें। कर्ज लेना पड़ सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से मन खिन्न रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। शत्रुभय रहेगा। परिवार की चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निरंतरता रहेगी। अपरिचित व्यक्ति से सावधान रहें।

👫मिथुन
संतान पक्ष की चिंता रहेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। आय व रोजगार में वृद्धि होगी। मित्र व संबंधी सहायता को आगे आएंगे। मेहमानों पर व्यय होगा। जल्दबाजी न करें।

🦀कर्क
घर-बाहर तनाव रहेगा। लोगों से प्रतिकूलता रहेगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। मनोनुकूल तबादला हो सकता है। आय में निरंतरता रहेगी। अपेक्षित कार्य पूरे होंगे।

🐅सिंह
तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। किसी मार्गदर्शक का सहयोग मिलेगा। लोगों की बातों में न आएं। कोर्ट व कचहरी में दबदबा बना रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। थकान महसूस होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।

🙎कन्या
चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। पुराना रोग परेशान कर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अज्ञात भय रहेगा। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना टालें। यात्रा में जल्दबाजी न करें। घर-बाहर अशांति रहेगी। धैर्य रखें। आय बनी रहेगी।

⚖तुला
भागदौड़ अधिक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। शत्रुओं का पराभव रहेगा। अधिकार प्राप्ति के योग हैं। परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय लाभदायक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। आंखों में पीड़ा हो सकती है।

🦂वृश्चिक
कष्ट, भय या तनाव का वातावरण बन सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। मकान, दुकान व जमीन खरीदने की योजना बनेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। धनहानि हो सकती है। आय में वृद्धि होगी। जोखिम लेने का साहस कर पाएंगे। रुके कार्य पूर्ण होंगे।

🏹धनु
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। नौकरी में अनुकूलता प्राप्त होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। रोजगार में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शुभ समय।

🐊मकर
परिवार के साथ मनोरंजक यात्रा हो सकती है। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। क्रोध व आलस्य पर नियंत्रण रखें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🍯कुंभ
मेहनत की अधिकता से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। बुरी खबर मिल सकती है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से तनाव रहेगा। विवेक व धैर्य का प्रयोग करें। लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

🐟मीन
घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। मेहनत का फल मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। पारिवारिक सदस्यों व मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। कोई बड़ी समस्या दूर हो सकती है। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। महत्वाकांक्षाएं बढ़ेंगी। प्रयास अधिक करें।

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
*आचार्य  नीरज  पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599
[23/03, 08:09] Morni कृष्ण मेहता: एक दिन एक व्यक्ति ऑटो से रेलवे स्टेशन जा रहा था। ऑटो वाला बड़े आराम से ऑटो चला रहा था। एक कार अचानक ही पार्किंग से निकलकर रोड पर आ गयी। ऑटो चालक ने तेजी से ब्रेक लगाया और कार, ऑटो से टकराते टकराते बची।

कार चालक गुस्से में ऑटो वाले को ही भला-बुरा कहने लगा जबकि गलती कार- चालक की थी।
ऑटो चालक एक सत्संगी (सकारात्मक विचार सुनने-सुनाने वाला) था। उसने कार वाले की बातों पर गुस्सा नहीं किया और क्षमा माँगते  हुए आगे बढ़ गया।

ऑटो में बैठे व्यक्ति को कार वाले की हरकत पर गुस्सा आ रहा था और उसने ऑटो वाले से पूछा तुमने उस कार वाले को बिना कुछ कहे ऐसे ही क्यों जाने दिया। उसने तुम्हें भला-बुरा कहा जबकि गलती तो उसकी थी। हमारी किस्मत अच्छी है, नहीं तो उसकी वजह से हम अभी अस्पताल में होते।
ऑटो वाले ने कहा साहब बहुत से लोग गार्बेज ट्रक (कूड़े का ट्रक) की तरह होते हैं। वे बहुत सारा कूड़ा अपने दिमाग में भरे हुए चलते हैं। जिन चीजों की जीवन में कोई ज़रूरत नहीं होती उनको मेहनत करके जोड़ते रहते हैं जैसे क्रोध, घृणा, चिंता, निराशा आदि। जब उनके दिमाग में इनका कूड़ा बहुत अधिक हो जाता है तो वे अपना बोझ हल्का करने के लिए इसे दूसरों पर फेंकने का मौका ढूँढ़ने लगते हैं।

इसलिए मैं ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखता हूँ और उन्हें दूर से ही मुस्कराकर अलविदा कह देता हूँ। क्योंकि अगर उन जैसे लोगों द्वारा गिराया हुआ कूड़ा मैंने स्वीकार कर लिया तो मैं भी एक कूड़े का ट्रक बन जाऊँगा और अपने साथ साथ आसपास के लोगों पर भी वह कूड़ा गिराता रहूँगा।

मैं सोचता हूँ जिंदगी बहुत ख़ूबसूरत है इसलिए जो हमसे अच्छा व्यवहार करते हैं उन्हें धन्यवाद कहो और जो हमसे अच्छा व्यवहार नहीं करते उन्हें मुस्कुराकर माफ़ कर दो। हमें यह याद रखना चाहिए कि सभी मानसिक रोगी केवल अस्पताल में ही नहीं रहते हैं। कुछ हमारे आस-पास खुले में भी घूमते रहते हैं ।
                                                                                                        प्रकृति के नियम: *यदि खेत में बीज न डाले जाएँ तो कुदरत उसे घास-फूस से भर देती है।*

*उसी तरह से यदि दिमाग में सकारात्मक विचार न भरें जाएँ तो नकारात्मक विचार अपनी जगह बना ही लेते हैं।*                                           
*दूसरा नियम है कि जिसके पास जो होता है वह वही बाँटता है। "सुखी" सुख बाँटता है, "दु:खी" दुःख बाँटता है, "ज्ञानी" ज्ञान बाँटता है, भ्रमित भ्रम बाँटता है, और "भयभीत" भय बाँटता है। जो खुद डरा हुआ है वह औरों को डराता है, दबा हुआ दबाता है ,चमका हुआ चमकाता है।*


 ।*
 कृष्ण मेहता

9930421132/9321735427


🚩🚩🚩🚩🚩🕉🚩🚩🚩🚩🚩

*🙏🌹जय जय श्री राधे राधे जी🌹🙏*
🙏🚩🙏 *दैनिक  पंचांग* 🙏🚩🙏
🌹🌹🙏🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹


*दिनाँक -: 23/03/2020,सोमवार*
*चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष,चैत्र*
*🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞समाप्ति काल):-*

*तिथि --------चतुर्दशी 12:29:42         तक*
*पक्ष ----------------------------कृष्ण*
*नक्षत्र --पूर्वाभाद्रपदा 25:20:05*
*योग ---------------शुभ 13:49:33*
*करण ---------शकुनी 12:29:42*
*करण -------चतुष्पदा 25:43:03*
*वार -------------------------सोमवार*
*माह ------------------------------ चैत्र*
*चन्द्र राशि    ------कुम्भ18:36:01*
*चन्द्र राशि   ----------------------मीन*
*सूर्य राशि    ---------------------मीन*
*रितु ---------------------------वसन्त*
*आयन ---------------------उत्तरायण*
*संवत्सर ----------------------विकारी*
संवत्सर (उत्तर) ----------परिधावी
विक्रम संवत ----------------2076
विक्रम संवत (कर्तक) ----2076
शाका संवत ----------------1941
सूर्योदय -----------------06:20:44
सूर्यास्त -----------------18:30:52
दिन काल ---------------12:10:07
रात्री काल -------------11:48:44
चंद्रास्त -----------------17:43:22
चंद्रोदय -----------------30:28:50

लग्न ---- मीन 8°43' , 338°43'

सूर्य नक्षत्र ---------उत्तराभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र -----------पूर्वाभाद्रपदा
नक्षत्र पाया ---------------------ताम्र

*🚩🌹🚩  पद, चरण  🚩🌹🚩*

सो ----पूर्वाभाद्रपदा 11:52:13

दा ----पूर्वाभाद्रपदा 18:36:01

दी ----पूर्वाभाद्रपदा 25:20:05

*🌹🚩🌹  ग्रह गोचर  🌹🚩🌹*

*ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद*
Astro≈≈≈≈≈≈≈≈ 9930421132
सूर्य=मीन 08°22  ' उ o भा o,   2  थ
चन्द्र =कुम्भ23°23  'पू o भा  '  2   सो
बुध = कुम्भ 10°50 ' शतभिषा'    2   सा
शुक्र= मेष 24°55,     भरणी    ' 4   लो
मंगल=मकर  00°30'  उ o षा o '  2  भो
गुरु=धनु  29°50 '   उ oषाo ,    1    भे
शनि=मकर  05°43' उ oषा o   '  3  जा
राहू=मिथुन 09°52 '      आर्द्रा ,   1   कु
केतु=धनु  09 ° 52 '      मूल    , 3   भा

*🚩🌹🚩शुभा$शुभ मुहूर्त🚩🌹🚩*

*👹राहू काल 07:52 - 09:23 अशुभ*
यम घंटा 10:55 - 12:26 अशुभ
गुली काल 13:57 - 15:28  अशुभ
*अभिजित 12:01 -12:50 शुभ*
दूर मुहूर्त 12:50 - 13:39 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:16 - 16:05 अशुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ

🚩🌹चोघडिया, दिन
अमृत 06:21 - 07:52 शुभ
काल 07:52 - 09:23 अशुभ
शुभ 09:23 - 10:55 शुभ
रोग 10:55 - 12:26 अशुभ
उद्वेग 12:26 - 13:57 अशुभ
चर 13:57 - 15:28 शुभ
लाभ 15:28 - 16:59 शुभ
अमृत 16:59 - 18:31 शुभ

🚩🌹चोघडिया, रात
चर 18:31 - 19:59 शुभ
रोग 19:59 - 21:28 अशुभ
काल 21:28 - 22:57 अशुभ
लाभ 22:57 - 24:25* शुभ
उद्वेग 24:25* - 25:54* अशुभ
शुभ 25:54* - 27:22* शुभ
अमृत 27:22* - 28:51* शुभ
चर 28:51* - 30:20* शुभ

🚩🌹होरा, दिन
चन्द्र 06:21 - 07:22
शनि 07:22 - 08:22
बृहस्पति 08:22 - 09:23
मंगल 09:23 - 10:24
सूर्य 10:24 - 11:25
शुक्र 11:25 - 12:26
बुध 12:26 - 13:27
चन्द्र 13:27 - 14:28
शनि 14:28 - 15:28
बृहस्पति 15:28 - 16:29
मंगल 16:29 - 17:30
सूर्य 17:30 - 18:31

🚩🌹होरा, रात
शुक्र 18:31 - 19:30
बुध 19:30 - 20:29
चन्द्र 20:29 - 21:28
शनि 21:28 - 22:27
बृहस्पति 22:27 - 23:26
मंगल 23:26 - 24:25
सूर्य 24:25* - 25:24
शुक्र 25:24* - 26:23
बुध 26:23* - 27:22
चन्द्र 27:22* - 28:21
शनि 28:21* - 29:21
बृहस्पति 29:21* - 30:20

*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*🚩🌹दिशा शूल ज्ञान-------------पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा  काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩🌹  अग्नि वास ज्ञान  -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

       15 + 14 + 2 + 1 = 32  ÷ 4 = 0 शेष
 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩🌹    शिव वास एवं फल -:*

   29 + 29 + 5 = 63  ÷ 7 = 0 शेष

शमशान  वास = मृत्यु कारक

*🚩🌹भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*🌹🚩    विशेष जानकारी    🚩🌹*

* काममहोत्सव चतुर्दशी

*🌹🚩🌹   शुभ विचार   🌹🚩🌹*

यस्यार्स्थास्तस्य मित्राणि यस्यार्स्थास्तस्य बान्धवाः ।
यस्यार्थाः स पुमाल्लोके यस्यार्थाः सचजीवति ।।
।।चा o नी o।।

 वह व्यक्ति जिसके पास धन है उसके पास मित्र और सम्बन्धी भी बहोत रहते है. वही इस दुनिया में टिक पाता है और उसीको इज्जत मिलती है.

*🚩🌹🚩  सुभाषितानि  🚩🌹🚩*

गीता -: मोक्षसन्यासयोग अo-18

सर्वकर्माण्यपि सदा कुर्वाणो मद्व्यपाश्रयः।,
मत्प्रसादादवाप्नोति शाश्वतं पदमव्ययम्‌॥,

मेरे परायण हुआ कर्मयोगी तो संपूर्ण कर्मों को सदा करता हुआ भी मेरी कृपा से सनातन अविनाशी परमपद को प्राप्त हो जाता है॥,56॥,

*🌹🚩   दैनिक राशिफल   🚩🌹*

*मेष*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जुए-सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। किसी अपने का व्यवहार समझ नहीं आएगा। सुख के साधनों पर खर्च होगा। किसी बड़ी समस्या से निजात मिलेगी।

*वृष*
फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखें। कर्ज लेना पड़ सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से मन खिन्न रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। शत्रुभय रहेगा। परिवार की चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निरंतरता रहेगी। अपरिचित व्यक्ति से सावधान रहें।

*मिथुन*
संतान पक्ष की चिंता रहेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। आय व रोजगार में वृद्धि होगी। मित्र व संबंधी सहायता को आगे आएंगे। मेहमानों पर व्यय होगा। जल्दबाजी न करें।

*कर्क*
घर-बाहर तनाव रहेगा। लोगों से प्रतिकूलता रहेगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। मनोनुकूल तबादला हो सकता है। आय में निरंतरता रहेगी। अपेक्षित कार्य पूरे होंगे।

*सिंह*
तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। किसी मार्गदर्शक का सहयोग मिलेगा। लोगों की बातों में न आएं। कोर्ट व कचहरी में दबदबा बना रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। थकान महसूस होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।

*कन्या*
चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। पुराना रोग परेशान कर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अज्ञात भय रहेगा। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना टालें। यात्रा में जल्दबाजी न करें। घर-बाहर अशांति रहेगी। धैर्य रखें। आय बनी रहेगी।

*तुला*
भागदौड़ अधिक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। शत्रुओं का पराभव रहेगा। अधिकार प्राप्ति के योग हैं। परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय लाभदायक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। आंखों में पीड़ा हो सकती है।

*वृश्चिक*
कष्ट, भय या तनाव का वातावरण बन सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। मकान, दुकान व जमीन खरीदने की योजना बनेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। धनहानि हो सकती है। आय में वृद्धि होगी। जोखिम लेने का साहस कर पाएंगे। रुके कार्य पूर्ण होंगे।

*धनु*
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। नौकरी में अनुकूलता प्राप्त होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। रोजगार में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शुभ समय।

*मकर*
परिवार के साथ मनोरंजक यात्रा हो सकती है। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। क्रोध व आलस्य पर नियंत्रण रखें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

*कुंभ*
मेहनत की अधिकता से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। बुरी खबर मिल सकती है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से तनाव रहेगा। विवेक व धैर्य का प्रयोग करें। लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

*मीन*
घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। मेहनत का फल मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। पारिवारिक सदस्यों व मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। कोई बड़ी समस्या दूर हो सकती है। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। महत्वाकांक्षाएं बढ़ेंगी। प्रयास अधिक करें।

🙏🌹आपका दिन मंगलमय हो🌹🙏
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*रत्न,वास्तु, ज्योतिष, हस्तरेखा, अंकशास्त्र विशेषज्ञ*
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[23/03, 08:10] Morni कृष्ण मेहता: 🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 23 मार्च 2020*
⛅ *दिन - सोमवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076*
⛅ *शक संवत - 1941*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - वसंत*
⛅ *मास - चैत्र (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - फाल्गुन)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - चतुर्दशी दोपहर 12:30 तक तत्पश्चात अमावस्या*
⛅ *नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद 24 मार्च रात्रि 01:21 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद*
⛅ *योग - शुभ दोपहर 01:52 तक तत्पश्चात शुक्ल*
⛅ *राहुकाल - सुबह 08:02 से सुबह 09:32 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:41*
⛅ *सूर्यास्त - 18:49*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - दर्श अमावस्या, सोमवती अमावस्या  (दोपहर 12:31 से 24 मार्च सूर्योदय तक)*
 💥 *विशेष - चतुर्दशी और अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *नवरात्रि पूजन विधि* 🌷
➡ *25 मार्च 2020 बुधवार से नवरात्रि प्रारंभ ।*
🙏🏻 *नवरात्रि के प्रत्येक दिन माँ भगवती के एक स्वरुप श्री शैलपुत्री, श्री ब्रह्मचारिणी, श्री चंद्रघंटा, श्री कुष्मांडा, श्री स्कंदमाता, श्री कात्यायनी, श्री कालरात्रि, श्री महागौरी, श्री सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। यह क्रम चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को प्रातःकाल  शुरू होता है। प्रतिदिन जल्दी स्नान करके माँ भगवती का ध्यान तथा पूजन करना चाहिए। सर्वप्रथम कलश स्थापना की जाती है।*
➡ *कलश / घट स्थापना विधि*
🌷 *घट स्थापना शुभ मुहूर्त (सुरत) :*
*25 मार्च 2020 बुधवार को सुबह  06:42 से 07:41 तक*
🙏🏻 *देवी पुराण के अनुसार मां भगवती की पूजा-अर्चना करते समय सर्वप्रथम कलश / घट की स्थापना की जाती है। घट स्थापना करना अर्थात नवरात्रि की कालावधि में ब्रह्मांड में कार्यरत शक्ति तत्त्व का घट में आवाहन कर उसे कार्यरत करना । कार्यरत शक्ति तत्त्व के कारण वास्तु में विद्यमान कष्टदायक तरंगें समूल नष्ट हो जाती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। कलश के मुख में विष्णुजी का निवास, कंठ में रुद्र तथा मूल में ब्रह्मा स्थित हैं और कलश के मध्य में दैवीय मातृशक्तियां निवास करती हैं।*
🌷 *सामग्री:*
👉🏻 *जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र*
👉🏻 *जौ बोने के लिए शुद्ध साफ़ की हुई मिटटी*
👉🏻 *पात्र में बोने के लिए जौ*
👉🏻 *घट स्थापना के लिए मिट्टी का कलश (“हैमो वा राजतस्ताम्रो मृण्मयो वापि ह्यव्रणः” अर्थात 'कलश' सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का छेद रहित और सुदृढ़ उत्तम माना गया है । वह मङ्गलकार्योंमें मङ्गलकारी होता है )*
👉🏻 *कलश में भरने के लिए शुद्ध जल, गंगाजल*
👉🏻 *मौली (Sacred Thread)*
👉🏻 *इत्र*
👉🏻 *साबुत सुपारी*
👉🏻 *दूर्वा*
👉🏻 *कलश में रखने के लिए कुछ सिक्के*
👉🏻 *पंचरत्न*
👉🏻 *अशोक या आम के 5 पत्ते*
👉🏻 *कलश ढकने के लिए ढक्कन*
👉🏻 *ढक्कन में रखने के लिए बिना टूटे चावल*
👉🏻 *पानी वाला नारियल*
👉🏻 *नारियल पर लपेटने के लिए लाल कपडा*
👉🏻 *फूल माला*
🌷 *विधि*
🙏🏻 *सबसे पहले जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र लें। इस पात्र में मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब एक परत जौ की बिछाएं। इसके ऊपर फिर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब फिर एक परत जौ की बिछाएं। जौ के बीच चारों तरफ बिछाएं ताकि जौ कलश के नीचे न दबे। इसके ऊपर फिर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब कलश के कंठ पर मौली बाँध दें। कलश के ऊपर रोली से ॐ और स्वास्तिक लिखें। अब कलश में शुद्ध जल, गंगाजल कंठ तक भर दें। कलश में साबुत सुपारी, दूर्वा, फूल डालें। कलश में थोडा सा इत्र डाल दें। कलश में पंचरत्न डालें। कलश में कुछ सिक्के रख दें। कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते रख दें। अब कलश का मुख ढक्कन से बंद कर दें। ढक्कन में चावल भर दें। श्रीमद्देवीभागवत पुराण के अनुसार “पञ्चपल्लवसंयुक्तं वेदमन्त्रैः सुसंस्कृतम्। सुतीर्थजलसम्पूर्णं हेमरत्नैः समन्वितम्॥” अर्थात कलश पंचपल्लवयुक्त, वैदिक मन्त्रों से भली भाँति संस्कृत, उत्तम तीर्थ के जल से पूर्ण और सुवर्ण तथा पंचरत्न मई होना चाहिए।*
🙏🏻 *नारियल पर लाल कपडा लपेट कर मौली लपेट दें। अब नारियल को कलश पर रखें। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है: “अधोमुखं शत्रु विवर्धनाय,ऊर्ध्वस्य वस्त्रं बहुरोग वृध्यै। प्राचीमुखं वित विनाशनाय,तस्तमात् शुभं संमुख्यं नारीकेलं”। अर्थात् नारियल का मुख नीचे की तरफ रखने से शत्रु में वृद्धि होती है।नारियल का मुख ऊपर की तरफ रखने से रोग बढ़ते हैं, जबकि पूर्व की तरफ नारियल का मुख रखने से धन का विनाश होता है। इसलिए नारियल की स्थापना सदैव इस प्रकार करनी चाहिए कि उसका मुख साधक की तरफ रहे। ध्यान रहे कि नारियल का मुख उस सिरे पर होता है, जिस तरफ से वह पेड़ की टहनी से जुड़ा होता है।*
🙏🏻 *अब कलश को उठाकर जौ के पात्र में बीचो बीच रख दें। अब कलश में सभी देवी देवताओं का आवाहन करें। "हे सभी देवी देवता और माँ दुर्गा आप सभी नौ दिनों के लिए इसमें पधारें।" अब दीपक जलाकर कलश का पूजन करें। धूपबत्ती कलश को दिखाएं। कलश को माला अर्पित करें। कलश को फल मिठाई अर्पित करें। कलश को इत्र समर्पित करें।*
🌷 *कलश स्थापना के बाद माँ दुर्गा की चौकी स्थापित की जाती है।*
🙏🏻 *नवरात्रि के प्रथम दिन एक लकड़ी की चौकी की स्थापना करनी चाहिए। इसको गंगाजल से पवित्र करके इसके ऊपर सुन्दर लाल वस्त्र बिछाना चाहिए। इसको कलश के दायीं ओर रखना चाहिए। उसके बाद माँ भगवती की धातु की मूर्ति अथवा नवदुर्गा का फ्रेम किया हुआ फोटो स्थापित करना चाहिए। मूर्ति के अभाव में नवार्णमन्त्र युक्त यन्त्र को स्थापित करें। माँ दुर्गा को लाल चुनरी उड़ानी चाहिए। माँ दुर्गा से प्रार्थना करें "हे माँ दुर्गा आप नौ दिन के लिए इस चौकी में विराजिये।" उसके बाद सबसे पहले माँ को दीपक दिखाइए। उसके बाद धूप, फूलमाला, इत्र समर्पित करें। फल, मिठाई अर्पित करें।*
🙏🏻 *नवरात्रि में नौ दिन मां भगवती का व्रत रखने का तथा प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विशेष महत्व है। हर एक मनोकामना पूरी हो जाती है। सभी कष्टों से छुटकारा दिलाता है।*
🙏🏻 *नवरात्रि के प्रथम दिन ही अखंड ज्योत जलाई जाती है जो नौ दिन तक जलती रहती है। दीपक के नीचे "चावल" रखने से माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है तथा "सप्तधान्य" रखने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते है*
🙏🏻 *माता की पूजा "लाल रंग के कम्बल" के आसन पर बैठकर करना उत्तम माना गया है*
🙏🏻 *नवरात्रि के प्रतिदिन माता रानी को फूलों का हार चढ़ाना चाहिए। प्रतिदिन घी का दीपक (माता के पूजन हेतु सोने, चाँदी, कांसे के दीपक का उपयोग उत्तम होता है) जलाकर माँ भगवती को मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए। मान भगवती को इत्र/अत्तर विशेष प्रिय है।*
🙏🏻 *नवरात्रि के प्रतिदिन कंडे की धुनी जलाकर उसमें घी, हवन सामग्री, बताशा, लौंग का जोड़ा, पान, सुपारी, कर्पूर, गूगल, इलायची, किसमिस, कमलगट्टा जरूर अर्पित करना चाहिए।*
🙏🏻 *लक्ष्मी प्राप्ति के लिए नवरात्रि  में  पान और  गुलाब की ७ पंखुरियां रखें तथा मां भगवती को अर्पित कर दें*
🙏🏻 *मां दुर्गा को प्रतिदिन विशेष भोग लगाया जाता है। किस दिन किस चीज़ का भोग लगाना है ये हम विस्तार में आगे बताएँगे।*
🙏🏻 *प्रतिदिन कन्याओं का विशेष पूजन किया जाता है। श्रीमद्देवीभागवत पुराण के अनुसार “एकैकां पूजयेत् कन्यामेकवृद्ध्या तथैव च। द्विगुणं त्रिगुणं वापि प्रत्येकं नवकन्तु वा॥” अर्थात नित्य ही एक कुमारी का पूजन करें अथवा प्रतिदिन एक-एक-कुमारी की संख्या के वृद्धिक्रम से पूजन करें अथवा प्रतिदिन दुगुने-तिगुने के वृद्धिक्रम से और या तो प्रत्येक दिन नौ कुमारी कन्याओं का पूजन करें।*
🙏🏻 *यदि कोई व्यक्ति नवरात्रि  पर्यन्त प्रतिदिन पूजा करने में असमर्थ हैं तो उसे अष्टमी तिथि को विशेष रूप से अवश्य पूजा करनी चाहिए।  प्राचीन काल में दक्ष के यज्ञ का विध्वंश करने वाली महाभयानक भगवती भद्रकाली करोङों योगिनियों सहित अष्टमी तिथि को ही प्रकट हुई थीं।*

📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏







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