Tuesday, March 24, 2020

राधास्वामी दयाल की दया राधास्वामी सहाय



[23/03, 22:22] +91 96466 44583: 🙏राधास्वामी हे परम पिता परमेश्वर  हम सब आपके बच्चे है  आप मुझे मेरे परिवार को और समस्त संसार के प्राणियो को इस महामारी से बचाओ। केवल आप ही हमारी रक्षा कर सकते हो।
 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏राधास्वामी  राधास्वामी
[23/03, 22:40] Contact +918377958104: 🙏राधास्वामी हे परम पिता परमेश्वर  हम सब आपके बच्चे है  आप मुझे मेरे परिवार को और समस्त संसार के प्राणियो को इस महामारी से बचाओ। केवल आप ही हमारी रक्षा कर सकते हो।
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[24/03, 06:37] +91 97830 60206: *परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज- रोजाना वाक्यात- 13, 14 अगस्त 1932 शनिवार व रविवार :-मोगा जिला फिरोजपुर से एक साहब ने खत भेजा है ।जिसमें अलावा दूसरी बातों के लिखा है कि उनकी राय में दयालबाग के रहने वाले सब के सब अंधविश्वासी और संस्कृत विद्या से अनभिज्ञ हैं । वह भाई गलती पर हैं और उनकी गलती की वजह है कि उन्होंने दयालबाग के रहने वालों को हम उसी की जिंदगी बसर करते हुए पाया। जो उनके लिए नया तजुर्बा था। क्योंकि उन्होंने अब तक जिंदगी आपस में झगड़ने वालों में रहकर गुजारी थी। यह नई हालत देखकर उन्हें ख्याल हुआ कि इस खामोशी का कारण अंधविश्वास ही हो सकता है। अब तो उन्होंने बिना अनुसंधान के राय काम कर ली और अपने अंधविश्वासियों में शामिल करते तादाद में बढ़ोतरी की।।                      विद्यार्थीयों के सत्संग में उनकी इच्छा अनुसार  पोथी राधास्वामी मत संदेश का पाठ हुआ। यह पोथी परम गुरच हुजूर महाराज की रचनाओं में से है और इसमें राधास्वामी मत का भेद निहायत सादा रीति से बयान किया गया है। विद्यार्थियों ने पाठ काफी गौर से सुना।।                 जदीद नहर दयालबाग की स्कीम अब पूरी हो गई है। दो एक दिन के अंदर चीफ इंजीनियर साहब महकमा नहर आवेंगे।  उन्हें खिलाने का इरादा है। लैला मजनू की फिल्म से बीते हुए डेढ़ माह के अंदर ₹22000 करीब वसूल हो चुका है । यह सब कृपया इस नहर पर खर्च होगा और हमेशा के लिए पानी की किल्लत दूर हो जाएगी।।                    रविवार की रात को सत्संग में बयान हुआ कि सत्संगी भाइयों बहनों को तीन बातों की तरफ खास तवज्जुह देनी चाहिए। अव्वल बदन की सफाई व मकान की सफाई की तरफ और सोयम वक्त की पाबंदी की तरफ।  हर सत्संगी को चाहिए कि दिन में कम से कम 1 मर्तबा जरूर अश्नान करें। साफ कपड़ा पहने। अपने घर को साफ सुथरा रखें और घर का कूड़ा ऐसे मकाम पर जमा करें कि किसी दूसरे को तकलीफ ना हो। इसके अलावा जहां तक हो सके सच बोले। बदन व मकान की सफाई से बीमारियों व डॉक्टरों की फीस से बचाव होगा और सच बोलने से मन को शांति और व्यवहार में आसानी रहेगी और वक्त की पाबंदी की आदत डालने से उसे स्वार्थी व परमार्थी कामों के लिए काफी फुर्सत मिल सकेगी । यह ऐसे काम है कि जिनके करने से हमारी संगत का कुल नक्शा बदल सकता है और जिन्हें अंजाम देने के लिए किसी खास पूंजी की जरूरत है किसी गैर कौम के मुकाबले में आने का खतरा । आखिर में स्त्रियों से खास तौर पर अपील की गई क्योंकि बच्चों में घरों की सफाई का काम इस मुल्क में उन्हीं के जिम्मे है।।                 दिसंबर महीने के जश्न के मुतअल्लिक़ आम सतसंगियों व  ब्रांच सैक्रेटरी साहबान जो उस वक्त उपस्थित थे, ली गई। सबको पसंद आया कि जश्न में होने वाले खर्चो के लिए प्रति ब्रांच सत्संग कम से कम एक सद रुपया पेश होना चाहिए। इस वक्त दया से ब्रांच सतसंगों की तादाद 250 के करीब है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो गई तो सब इंतजामात सतसंगियों के ठहरने व खान-पान संबन्धित के सिलसिले में तनिक भी दिक्कत ना होगी। और जश्न इच्छा अनुसार शानो शौकत के साथ मनाया जा सकेगा । दो एक रोज में विस्तृत सर्कुलर सभा मेम्बरो के नाम प्रेषित होगा।🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻*
[24/03, 06:37] +91 97830 60206: **परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज- सत्संग के उपदेश -भाग 1- कल से आगे:- गौर का मुकाम है इंसान का जिस्म खुद एक मशीन है। नीज पशु पक्षी और वनस्पति आदि के शरीर तरह-तरह की मशीनें हैं। अलावा इनके सूर्य भगवान एक ऐसी मशीन है जो बेशुमारवजन पानी समुद्रों से उठाकर पहाड़ों व मैदानों तक पहुंचाते हैं। हमारे घरेलू इस्तेमाल की मामूली चीजें ,जो प्राचीन काल से चली आती हैं, सभी तरह-तरह की मशीनें हैं ।चरखा, चक्की, चूल्हा, अंगीठी, रेहट, चर्सा, ओखली मूसल वगैरह मशीनें नहीं तो क्या है ? इसलिए किसी इंसान का इन मशीनों के इस्तेमाल करते हुए नई व विशेषलाभदायक यानी इस जमाने की मशीनों के खिलाफ होना और उनका नाम सुनकर नाक भौं चढाना कैसे जायज हो सकता है?  यह मानते हैं कि इस जमाने में लोगों ने हमेशा कलों की ईजाद से जायज फायदा नहीं उठाया, जैसे बहुत सी कलें जो लडाई के महकमों के लिए तैयार की गई है नाजायज व नामुनासिब है। काश इस किस्म की कलों के चाहने वालों को ख्याल होता कि इन आविष्कारों से" जो पर को खोदे कुआँ ताको  कूप तयार"  के उसूल के बमूजिब एक दिन खुद उनको या उनके देशवासियों को मुसीबत उठानी पड़ेगी। मगर ख्याल रहे कि अगर इस किस्म की ईजादों से इंसान को तकलीफ हो तो यह कसूर उनके प्रेमियों की नियत और नुक्तएँ निगाह का होगा क्योंकि अगर इनके दिल में शौक दूसरी कौमों को कुचलने का ना होता तो ये हरगिज़ इन ईजादो की तरक्की के मददगार ना होते और मददगार न रहने  से ईजाद करने वालों की तवज्जुह कभी उनकी जानिब न जाती। अगर मशीनों के विरोधी अपनी कोशिश इस किस्म की मशीनों के बंद करने की जानिब मुखातिब करें तो निहायत मुनासिब है और यकीनन कुल की कुल मुहज्जब दुनिया उनका साथ देगी। क्रमश:-🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻*
[24/03, 06:37] +91 97830 60206: **परम गुरु हुजूर महाराज- प्रेम पत्र- भाग 1-(13)-【 सत्संग की महिमा】-(1) सत्संग की महिमा सब मतों में वर्णन की है पर बहुत थोडे लोग हैं जो इसके कदर जानते हैं । बहुत से लोग तो यह भी नहीं जानते कि सत्संग किसको कहते हैं। तीर्थों में और मंदिरों में लोग अनगिनत जाते हैं पर सत्संग का खोज और उसमें शामिल होने की चाहा किसी के दिल में मालूम नहीं होती । इन कामों में फल बहुत कम है, और जो कुछ है सो भी सैर और तमाशे में जाता रहता है।।                            ( 2) सतसंग का फायदा बहुत ज्यादा है पर उसकी कदर और चाह बहुत कम है । सच तो यह है कि जब तक कोई सततपुरुषों का गहरा संग नहीं करेगा और उनके बचन को चित्त देकर नहीं सुनेगा और उन बचनों का मनन और विचार करके अपने फायदे की बातों को छांट कर थोड़े बहुत उनके मुआफिक बर्ताव नहीं करेगा, तब तक उस पर परमार्थ का रंग किसी तरह नहीं चढ़ेगा और न उसके मन और बुद्धि की हालत बदलेगी और उसका चालचलन दुरुस्त होगा । इस वास्ते सब जीवो को जरूर चाहिए कि अपने शहर में और जहां कहीं कि वे जावें सत्संग का खोज करके उसमें जिस कदर बन सके शामिल होकर उससे फायदा उठाने।।                   ( 3)- अब समझना चाहिए कि सत्संग किसको कहते हैं। संत अथवा राधा राधास्वामी मत में सत्संग नाम ऐसी सभा और संगत या जलसे का है जहां कि सच्चे मालिक का निर्णय और उसकी महिमा और उससे मिलने के सच्चे रास्ते और जुगत का बयान होता होवे और राजाओं और सूरमाओं और दानी पुरुषों की तारीफ और हाल का जिक्र ना होवे और मुखिया ऐसी संगत के सतगुरू  या साधगुरु होवें या उनका निज सत्संगी जो प्रेम और सचौटी के साथ अभ्यास कर रहा होवे, क्योंकि ऐसा सत्संग बगैर सत्तपुरुषों की मदद के जो कि आप मालिक से मिल रहे हैं या मिलने के लिए सच्चा अभ्यास कर रहे हैं और अपने तन मन और इंद्रियों को अभ्यास के बल से पूरा पूरा या किसी कदर काबू में लाए हैं, नहीं चल सकता और ना किसी को उससे जैसा चाहिए फायदा हासिल हो सकता है। क्रमशः 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
[24/03, 09:17] +91 98265 39241: 🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊
🎊🎊:🙏 *Radhasoami*🙏🎊🎊:
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[24/03, 09:38] +91 73031 19696: 🙏🏻🙏🏻 राधास्वामी दयाल की दया 🙏🏻🙏🏻
    🙏🏻🙏🏻 राधास्वामी सहाय 🙏🏻🙏🏻
आपका दिन मंगलमय हो.
[24/03, 10:29] +91 94162 65214: *जिसने सुमिरन नही किया उसने कुछ भी नही किया* !
            *चाहे उसने लाखो दान पुण्य किये हो ग्रंथ पढे हो  चाहे रोज सत्संग सुनता हो पर सुमिरन के बिना व्यर्थ है*
           *सुमिरन के बिना सतगुरु के रूहानी दर्शन कभी नहीँ हो सकते*सच्ची तडप से 15 मिनट भी की गयी भक्ति कुछ दिनो तक की जाने वाली भक्ति से भी ज्यादा बेहतर है*
                     
                           *रब  रब करदे  उमर  बीत  गई ,*
 *रब  की  है , कदे  सोच्या   ही  नहीं ,*
*बहुत  कुछ  मंग  लया  ते  बहु  कुछ  पा  लया ,*
 *रब  नूं  ही  पाणा  है , कदी  सोचया  ही  नहीं ।।*
[24/03, 11:22] +91 87554 12501: 🙏राधास्वामी हे परम पिता परमेश्वर  हम सब आपके बच्चे है  आप मुझे मेरे परिवार को और समस्त संसार के प्राणियो को इस महामारी से बचाओ। केवल आप ही हमारी रक्षा कर सकते हो।
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आप   इस अरदास को  फ़ॉर्वर्ड अवश्य करे 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏राधास्वामी  राधास्वामी
[24/03, 13:04] +91 94162 65214: #कैसे_बताऊं_कितनी_कृपा_करता_है_मेरा_सतगुरु

होतें हैं जब हम तकलीफ में खुद आहें भरता है मेरा सतगुरु मिटाता है सारे गम हमारे नामुमकिन को मुमकिन करता है मेरा सतगुरु उसकी रहमतों का कोई अन्त नहीं बेअन्त इनायत करता है मेरा सतगुरु कैसे कह दूं कि वो दूर है मुझसे मेरे हर कदम में मेरे साथ चलता है मेरा सतगुरु.

🙏🙏🙏🙏
[24/03, 14:33] +91 94162 65214: *राधास्वामी !!                                              24- 03 -2020 -आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे -(89) हम सुरतरुप है और हमारा निज देश सच्चे मालिक का धाम यानी चेतन देश है। वहीं पहुँचने पर हमारी सुरत को सच्ची आजादी और सच्चा सुख प्राप्त हो सकता है। लेकिन चूंकि  मुमकिन नहीं कि हम फौरन संसार से निकलकर उस देश में पहुंच जाएं इसलिये लाजिम में हो जाता है कि जब तक हमें इस संसार में रहना पड़े यहां के नियमों से वाकिफ होकर अपने दुखों में कमी और सुखों में इजाफे के लिए कोशिश करें अलबत्ता ख्याल रखें कि यह कोशिश इसलिए नहीं की जाती कि संसार के सुख हमें दिल से भातें हैं बल्कि इसलिए कि जितने दिन यहां कैद काटनी लाजमी है उतने दिन नाहक दुख क्यों उठाएं ।आम लोग संसार को मिथ्या कहकर और यहाँ के भोग विलास को झूठे मानकर आलसी हो जाते हैं लेकिन सत्संग की तालीम से आलस्य का रोग  सत्संग मंडली के अंदर घुसने नहीं पाता और सत्संगी अपना सब कुछ काम काज करता हुआ और नाहक के दुखों से बचता हुआ सच्चे सुख के स्थान में प्रवेश हासिल करने के लिए यत्न करता रहता है और 1 दिन अधिकार पैदा होने पर सफलता को प्राप्त होता है।🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻 सत्संग के उपदेश भाग तीसरा**
[24/03, 17:25] +91 94162 65214: *वक्त नाजुक है ,*
*संभल कर रहिये ,*
*ये युद्ध थोड़ा अलग है ,*
*अलग थलग रहकर लड़िये।*

*दुश्मन इतना सूक्ष्म है ,*
*जो दिखाई भी नहीं देता ,*
*हराने का अचूक अस्त्र ,*
*हर जगह साफ़ सफाई रखिये।*

*संकट भारी है ,*
*लेकिन गुजर जायेगा ,*
*संयम और धैर्य से ही ,*
*इस दुश्मन को हराया जायेगा।*

*खुद बचेंगे ,*
*दूसरे खुदबखुद बचेंगे ,*
*इस लड़ाई में अब ,*
*यत्र सर्वत्र सबका सहयोग चाहिये।*
🌹 🙏🏾🙏🏾🌹
[24/03, 17:42] +91 97803 65979: KHATRON KE BADAL DUNIYAN PAR AEINGE MAGAR SATSANGIYON KE SIRR KE UPAR SE HO KAR NIKAL JAENGE, 🙏RADHASOAMI DAYAL KI DAYA RADHASOAMI SDA SAHAYE🙏
[24/03, 17:46] +91 88512 85759: 🙏राधास्वामी हे परम पिता परमेश्वर  हम सब आपके बच्चे है  आप मुझे मेरे परिवार को और समस्त संसार के प्राणियो को इस महामारी से बचाओ। केवल आप ही हमारी रक्षा कर सकते हो।
कृपया इस अरदास को अपने हर ग्रूप में फ़ॉर्वर्ड करे।
आप   इस अरदास को  फ़ॉर्वर्ड अवश्य करे 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏राधास्वामी  राधास्वामी
[24/03, 19:51] +91 94162 65214: महत्वपूर्ण आश्वासन

परम पूज्य हुज़ूर प्रो. प्रेम सरन सतसंगी साहब द्वारा

दिनांक 5 जून, 2010 को शाम के सतसंग के पश्चात् फ़रमाया एक लघु बचन

राधास्वामी। राधास्वामी सतसंग, दयालबाग़ के गद्दीनशीन गुरु में ही बराबर निजधार बनी रहती है। ऐसा ही होता रहा है और होता रहेगा। इस प्रकार राधास्वामी दयाल की रक्षा और सम्हाल का पूरा हाथ संगत पर निरन्तर बना हुआ है।

राधास्वामी रक्षक जीव के जीव न जाने भेद।

गुरु चरित्र जाने नहीं रहे कर्म के खेद॥

खेद मिटे गुरु दरश से और न कोई उपाय।

सो दर्शन जल्दी मिलें बहुत कहा मैं गाय॥

किस गुरु की चर्चा है? शब्द-गुरु की चर्चा है। राधास्वामी गुरु समरत्थ की चर्चा है।

राधास्वामी गुरु समरत्थ, तुम बिन और न दूसरा।

अब करो दया परतक्ष, तुम दर एती बिलँब क्यों॥

पर विलंब कहाँ है। दया तो निरंतर हो रही है। और होती रहेगी। राधास्वामी।

 (प्रेम प्रचारक 19 जुलाई, 2010) 🙏🏻🙏🏻
[24/03, 21:47] +91 94162 65214: जितना हो सके सब लोग सुमिरन ध्यान लगाना चालू कर दो अब नही करा तो तकलीफ अपने को ही होगी । मेरा विस्वास है अगर हम सब मिल कर ये काम करेंगे मालिक के चरणों मे लिप्त हो जाते है तो केवल कुछ ही दिनों मे सब कुछ नॉर्मल हो जाएगा ।आप सब से अनुरोध है समय ना गवाते हुए इस आपदा भरे समय मे सुमिरन ध्यान पे अत्यधिक समय दे ।
राधास्वामी 🙏🏻🙏🏻

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