Thursday, March 26, 2020

राधास्वामी दयालबाग / पूज्य हुज़ूर प्रो. स सत्संगी साहब के बचन



प्रस्तुति - संत शरण /
रीना शरण / अमी शरण


परम गुरु हुज़ूर प्रोफ़ेसर प्रेम सरन सतसंगी साहब द्वारा फ़रमाया अमृत बमीचन
23.10.2019
प्रातः सतसंग में

        आप लोगों ने देखा होगा कि, पिछले दो दिन से अभ्यास के वक़्त, मैं आँखें खोल कर के बैठता हूँ। इस वजह से, कि इस सन्दर्भ में, हुज़ूर मेहताजी महाराज और हुज़ूर डा0लाल साहब ने अपने बचन, हमारी उन्नति के लिए, सतसंग में जारी किए थे। उसमें यह लिखा है कि आप संत सतगुरु के आने के पहले अभ्यास कर लीजिए। उसके बाद का अभ्यास खुली आँखों से संत सतगुरु को देखना है। तो उस वक़्त आँख बंद कर के बैठने का आपका कोई प्रयोजन नहीं है। इसी तरह संत सतगुरु भी अपने गुरु महाराज (मेरे संदर्भ में, हुज़ूर डा0 लाल साहब) का ध्यान करते हैं, उसके बाद चाहे आँखें बन्द कर लें या खुली रखें। जिस वक़्त संत सतगुरु विराजते हैं सतसंग में, उस वक़्त अभ्यास करने की कोशिश करना आँख बन्द कर के, सतसंगियों के लिए फ़ज़ूल है। तो अब से आप इसको प्रयोग में लायेंगे, तो आप देखेंगे कि आपकी तरक़्क़ी राधास्वामी दयाल कैसे पूरी तरह से सँभाल के साथ कर देते हैं।

 राधास्वामी।

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