Thursday, July 30, 2020

जे आर डी टाटा / 23 पृथ्वीराज रोड/ विवेक शुक्ला



जे.आर.डी टाटा, 23 पृथ्वीराज रोड
पृथ्वीराज रोड के गोल चक्कर से आप पृथ्वीराज रोड में पहुंचिए। इधर आपको 23  नंबर में मिलेगा टाटा हाउस। 


जे.आर.डी टाटा ( जन्म 29 जुलाई 1904- मृत्यु 29 नवंबर 1993) राजधानी आते तो इसी में ठहरते। ये टाटा का दिल्ली का घर था। इसमें अपने राजधानी प्रवास के दौरान 1950 के आसपास से रहने लगे थे। वे तब तक टाटा  ग्रुप के चेयरमेन बन चुके थे। वे राजधानी में राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री से ही मुलाकात करने आया करते थे। उनका कद इतना ऊंचा हो गया था कि उन्हें शायद ही कभी कोई मंत्री अपने पास बुलाने की हिमाकत करता हो।
मुंबई से उनके साथ टाटा समूह की सहयोगी कंपनियों के डायरेक्टर जैसे अजित केरकर ( ताज होटल), एफ.सी. सहगल (टीसीएस), प्रख्यात विधिवेत्ता ननी पालकीवाला (एसीसी सीमेंट)वगैरह आते। टाटा लाख व्यस्त होने पर भी लगभग 45 मिनट की ब्रिस्क वॉक करने का वक्त निकाल लेते थे। उन्हें इंडिया गेट पर सैर करना पसंद था। पृथ्वीराज रोड से इंडिया गेट उन्हें उनका प्रिय ड्राइवर अमर सिंह ही कार में लेकर जाता। अमर सिंह लगभग आधी सदी तक टाटा समूह में काम करते रहे।
जे.आर.डी टाटा की 1993 में मृत्यु के बाद टाटा हाउस में  सुपर लक्जरी फ्लैट बना दिए गए हैं।
जे.आर.डी.टाटा ने अपने बंगले में एक खासी समृद्ध लाइब्रेयरी भी बनवाई हुई थी। उसमें बिजनेस,मैनेजमेंट,मोटिवेशन जैसे विषयों की मुख्य रूप से किताबें रहती थीं। जे.आर.डी टाटा को बागवानी का गजब का शौक था। वे सुबह-शाम मालियों से अपने बंगले में लगे पेड़-पौधों की सेहत पर अवश्य बात करते। उन्हें निर्देश देते।?
 
बाबा साहेब-नोबल पुरस्कार
 विजेता कवि पाज भी रहे
 डा. भीमराव अंबेडकर 22 पृथ्वीराज रोड के बंगले रहे। इधर ही उन्होंने 15 अप्रैल 1948 को डा. सविता से विवाह किया था। ये बंगला उन्हें नेहरूजी की कैबिनेट का सदस्य बनने के चलते आवंटित हुआ था। अब 22 पृथ्वीराज रोड में तुर्की के भारत में राजदूत रहते हैं।
 इस बीच, नोबल पुरस्कार विजेता आक्तेवियो पाज 1962- 68 के दौरान जब दिल्ली में मेक्सिको के राजदूत थे तब यहां की साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय रहा करते थे।उनके 13 पृथ्वीराज रोड  के आवास में हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं के कवियों के बीच कविता पाठ के कार्यक्रम होने लगे थे। वे भी अपनी ताजा कविताएं सुनाते। अपने छह साल के भारत प्रवास के दौरान पाज ने शिव और पार्वती, वृंदावन, खुसरो और लोधी गार्डन के गुबंदों पर कविताएं लिखीं। पाज  अंतिम बार 1985 में दिल्ली आए थे। तब कांग्रेस के नेता और कवि श्रीकांत वर्मा उनकी मेजबानी कर रहे थे। पाज ने 1995 में भारत के समाज, परम्पराओं, स्मारकों आदि पर एक किताब ‘ग्लिम्प्स आफ इंडिया’ भी लिखी।
 आडवाणी जी से भगत जी तक
लुटियन दिल्ली के भी दिल में है पृथ्वीराज रोड। इधर सरकारी और प्राइवेट दोनों बंगले हैं। आजकल बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी यहां ही 30 नंबर के बंगले में रहते हैं। वे यहां आने स पहले  पंडारा पार्क में रहते थे। दिल्ली के लोकप्रिय नेता एच.के.एल भगत भी यहां रहते थे। उनके बंगले के बाहर हमेशा भीड़ लगी रहती थी फरियादियों की। ये  हर आने वालें से मिलते और फिर निकलते। भगत जी के घर के दरवाजे आम और खास सबके लिए सदैव खुले रहा करते थे। पर अब पृथ्वीराज रोड के अधिकतर बंगलों के बाहर सन्नाटा ही रहता है। बंगलों के अंदर-बाहर सुरक्षाकर्मी अवश्य ही पहरा दे रहे होते हैं। कांग्रेस के पूर्व सांसद नवीन जिंदल का यहां अपना निजी बंगल है.
नवभारत टाइम्स में छपे लेख के सम्पादित अंश।

PICTURES- JRD TATA AND OCTOVIO PAAZ

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