Wednesday, July 22, 2020

आज 22/07 का दिन मंगलमय हो



प्रस्तुति - कृष्ण मेहता

🌞 🕉~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🕉🌞
         
⛅ *दिनांक - 22 जुलाई 2020*
⛅ *दिन - बुधवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2077*
⛅ *शक संवत - 1942*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - वर्षा*
⛅ *मास - श्रावण*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - रात्रि 07:22 तक द्वितीया*
⛅ *नक्षत्र - रात्रि 07:16 तक अश्लेशा*
⛅ *योग - दोपहर 02:56 तक सिद्धि*
⛅ *राहुकाल - दोपहर 12:33 से 02:12*
⛅ *सूर्योदय - 06:09*
⛅ *सूर्यास्त - 19:20*
⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - चन्द्र-दर्शन*
 💥 *विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

🌷 *नागपंचमी* 🌷
🙏🏻 *श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है, इस बार ये पर्व 25 जुलाई, शनिवार को है, इस दिन नागों की पूजा करने का विधान है, हिंदू धर्म में नागों को भी देवता माना गया है, महाभारत आदि ग्रंथों में नागों की उत्पत्ति के बारे में बताया गया है, इनमें शेषनाग, वासुकि, तक्षक आदि प्रमुख हैं, नागपंचमी के अवसर पर हम आपको ग्रंथों में वर्णित प्रमुख नागों के बारे में बता रहे हैं-*
🐍 *वासुकि नाग*
*धर्म ग्रंथों में वासुकि को नागों का राजा बताया गया है, ये हैं भगवान शिव के गले में लिपटे रहते हैं, (कुछ ग्रंथों में महादेव के गले में निवास करने वाले नाग का नाम तक्षक भी बताया गया है) ये महर्षि कश्यप व कद्रू की संतान हैं, इनकी पत्नी का नाम शतशीर्षा है, इनकी बुद्धि भगवान भक्ति में लगी रहती है, जब माता कद्रू ने नागों को सर्प यज्ञ में भस्म होने का श्राप दिया तब नाग जाति को बचाने के लिए वासुकि बहुत चिंतित हुए, तब एलापत्र नामक नाग ने इन्हें बताया कि आपकी बहन जरत्कारु से उत्पन्न पुत्र ही सर्प यज्ञ रोक पाएगा।*
*तब नागराज वासुकि ने अपनी बहन जरत्कारु का विवाह ऋषि जरत्कारु से करवा दिया, समय आने पर जरत्कारु ने आस्तीक नामक विद्वान पुत्र को जन्म दिया, आस्तीक ने ही प्रिय वचन कह कर राजा जनमेजय के सर्प यज्ञ को बंद करवाया था, धर्म ग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय नागराज वासुकि की नेती (रस्सी) बनाई गई थी, त्रिपुरदाह (इस युद्ध में भगवान शिव ने एक ही बाण से राक्षसों के तीन पुरों को नष्ट कर दिया था) के समय वासुकि शिव धनुष की डोर बने थे।*
🐍 *शेषनाग*
*शेषनाग का एक नाम अनंत भी है। शेषनाग ने जब देखा कि उनकी माता कद्रू व भाइयों ने मिलकर विनता (ऋषि कश्यप की एक और पत्नी) के साथ छल किया है तो उन्होंने अपनी मां और भाइयों का साथ छोड़कर गंधमादन पर्वत पर तपस्या करनी आरंभ की, उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा ने उन्हें वरदान दिया कि तुम्हारी बुद्धि कभी धर्म से विचलित नहीं होगी।*
🐍 *ब्रह्मा ने शेषनाग को यह भी कहा कि यह पृथ्वी निरंतर हिलती-डुलती रहती है, अत: तुम इसे अपने फन पर इस प्रकार धारण करो कि यह स्थिर हो जाए, इस प्रकार शेषनाग ने संपूर्ण पृथ्वी को अपने फन पर धारण कर लिया, क्षीरसागर में भगवान विष्णु शेषनाग के आसन पर ही विराजित होते हैं, धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण व श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम शेषनाग के ही अवतार थे।*
👉🏻 शेष कल.........

🌷 *व्यतिपात योग* 🌷
🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*
🙏🏻 *वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।*
🙏🏻 *व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हु नाराज हुए उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नहीं दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नहीं  थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसू बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।*
💥 *विशेष ~ 22 जुलाई 2020 बुधवार को दोपहर 02:57 से 23 जुलाई, गुरुवार को दोपहर 12:03 तक व्यतिपात योग है ।*


🙏🏻🌹🌻☘🌷🌺🌸🌼💐🙏🏻

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