शिव पे अर्पित होने वाली औषधि या फल का अथर्वेद और वैज्ञानिक दृष्टिकोण । शिवजी को अर्पित होने वाले फल में धतूरे का फल है शास्त्र में कहा गया है धतूरे के फल से दरिद्रता समाप्त होती है। क्या ये सच्चाई है अथर्वेद में धतूरे से स्वर्ण निर्माण के 21 उपाय बताए गए है निम्न धातु को उच्च धातु में परिवर्तन के 21 उपाय धतूरे से। हमारे शास्त्र झूठे नही है।बस हमने वेदों को वैज्ञानिक दृष्टि से नही देखा। दूसरा फल है बेलगिरी। इसको अर्पण करने से धन और अरोग्यता प्राप्त होती है। बिल्व के पत्रों से बिना पानी और बिना किसी धातु के सम्पर्क किये हुए इसके रस को निकाल लिया जाए और वरुण की छाल में इसकी 7 भावना दी जाए तो ये मधुमेह की अचूक रामबाण औषधि है। और इसके मूल को शिवलिंगी के साथ संयोग करके ताम्बे में मिलाया जाए तो वो स्वर्ण में परिवर्तन हो जाता है। 3 श्री औषधि है समी पत्र जो सबसे अधिक फलदायिक बताई गई है शास्त्रों में शिव को अर्पण करने से सिद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अथर्वेवेद में समी के उपयोग के बारे में वर्णन है कि। इसको चंद्र ग्रहण में प्राप्त करके त्रिफला की 7 भावना देकर एक चिकने भांड में रख कर सूर्य ग्रहण तक मिट्ठी में दबा दे । और सूर्यग्रहण में निकाले । और मंत्र के साथ सूर्य ग्रहण के दिन सूर्य सिद्धान्त का मूल मंत्र का जप करते हुए शिखा में धारण करे तो अष्ठ सिद्धि को प्राप्त हो। एक मनुष्य जीवन म भौतिक सुख के साथ आध्यात्मिक सुख प्राप्त हो इससे सुखद और क्या हो सकता है।तो आप बताइए आपके शास्त्रों को पाखण्ड का नाम बोलने वाले कभी नही चाहते कि भारत भूमि फिर से विश्व गुरु बने उन्होंने तुम्हें शास्त्र निन्दक बना दिया। क्योकि गुलामी से पहले भारत सोने की चिडया था। आपके भगवान ने तो विज्ञान के साथ आपको वेद दीये थे बस अपने उनको सिर्फ पुस्तक समझ कर घरों में सजा लिया। आइए एक बार फिर से सब प्रयास करके वेदों की वाणी को जाने समझे और अनुभव में लेके आये और अपनी भारत भूमि को फिर से विश्व गुरु बनाये। आपका सहयोग और प्रेम मिलता रहेगा तो अथर्वेद के एक एक मंत्र को वैज्ञानिक परमान के साथ सरल भाषा मे हम आप के समक्ष रखते रहेंगे। निर्णय आपका है आप पाखंड समझ कर नजर अंदाज करते है या अथर्वेद को अपना कर भौतिक सुखों के साथ अध्यात्म को प्राप्त करते है। हमारे प्रयास में कोई कमी हो तो क्षमा मांगते है। आप अपना प्रेम और स्नेह देते रहिये।पेज को लाइक जरूर करे।🙏🙏🙏 ॐ नमः शिवाय।
Monday, July 20, 2020
धतूरे का औषधीय गुण
शिव पे अर्पित होने वाली औषधि या फल का अथर्वेद और वैज्ञानिक दृष्टिकोण । शिवजी को अर्पित होने वाले फल में धतूरे का फल है शास्त्र में कहा गया है धतूरे के फल से दरिद्रता समाप्त होती है। क्या ये सच्चाई है अथर्वेद में धतूरे से स्वर्ण निर्माण के 21 उपाय बताए गए है निम्न धातु को उच्च धातु में परिवर्तन के 21 उपाय धतूरे से। हमारे शास्त्र झूठे नही है।बस हमने वेदों को वैज्ञानिक दृष्टि से नही देखा। दूसरा फल है बेलगिरी। इसको अर्पण करने से धन और अरोग्यता प्राप्त होती है। बिल्व के पत्रों से बिना पानी और बिना किसी धातु के सम्पर्क किये हुए इसके रस को निकाल लिया जाए और वरुण की छाल में इसकी 7 भावना दी जाए तो ये मधुमेह की अचूक रामबाण औषधि है। और इसके मूल को शिवलिंगी के साथ संयोग करके ताम्बे में मिलाया जाए तो वो स्वर्ण में परिवर्तन हो जाता है। 3 श्री औषधि है समी पत्र जो सबसे अधिक फलदायिक बताई गई है शास्त्रों में शिव को अर्पण करने से सिद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अथर्वेवेद में समी के उपयोग के बारे में वर्णन है कि। इसको चंद्र ग्रहण में प्राप्त करके त्रिफला की 7 भावना देकर एक चिकने भांड में रख कर सूर्य ग्रहण तक मिट्ठी में दबा दे । और सूर्यग्रहण में निकाले । और मंत्र के साथ सूर्य ग्रहण के दिन सूर्य सिद्धान्त का मूल मंत्र का जप करते हुए शिखा में धारण करे तो अष्ठ सिद्धि को प्राप्त हो। एक मनुष्य जीवन म भौतिक सुख के साथ आध्यात्मिक सुख प्राप्त हो इससे सुखद और क्या हो सकता है।तो आप बताइए आपके शास्त्रों को पाखण्ड का नाम बोलने वाले कभी नही चाहते कि भारत भूमि फिर से विश्व गुरु बने उन्होंने तुम्हें शास्त्र निन्दक बना दिया। क्योकि गुलामी से पहले भारत सोने की चिडया था। आपके भगवान ने तो विज्ञान के साथ आपको वेद दीये थे बस अपने उनको सिर्फ पुस्तक समझ कर घरों में सजा लिया। आइए एक बार फिर से सब प्रयास करके वेदों की वाणी को जाने समझे और अनुभव में लेके आये और अपनी भारत भूमि को फिर से विश्व गुरु बनाये। आपका सहयोग और प्रेम मिलता रहेगा तो अथर्वेद के एक एक मंत्र को वैज्ञानिक परमान के साथ सरल भाषा मे हम आप के समक्ष रखते रहेंगे। निर्णय आपका है आप पाखंड समझ कर नजर अंदाज करते है या अथर्वेद को अपना कर भौतिक सुखों के साथ अध्यात्म को प्राप्त करते है। हमारे प्रयास में कोई कमी हो तो क्षमा मांगते है। आप अपना प्रेम और स्नेह देते रहिये।पेज को लाइक जरूर करे।🙏🙏🙏 ॐ नमः शिवाय।
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