Thursday, July 23, 2020

राधास्वामी दीन दयाल नित करो मेरी सम्हाल.




मेरी आजाद रूह को क़ैद-ए-जिस्म ना देना ,
बड़ी मुश्किल से कटती  है सज़ा-ए-ज़िंदगी मेरे #दाता #
 तेरी रहमत है मालिक जो कटती जा रही है यह
वरना काटे से कहां कटती है यह जिदंगी मेरे #दाता #
कितने ही गुनाहो से लबरेज है यह तन बदन मेरा
फानी है इसे तो माटी ही है इक दिन  होना #मेरे मालिक #
जो आऊ तेरे दर पे ले कर के रूहे पाक मै अपनी
कर्म करना मुझ पे मेरे #मौला#
मेरी  रूहे पाक को आजाद कर देना
बचा के भवसागर के थपेङो से
मुझे चरणो मे ले लेना
मुझे चरणो मे ले लेना
🌹राधास्वामी🌹




No comments:

Post a Comment

सूर्य को जल चढ़ाने का अर्थ

  प्रस्तुति - रामरूप यादव  सूर्य को सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य के ही चक्कर लगाते है इसलिए सभी ग्रहो में सूर्...